54 साल कि उम्र मे से अपनी जिंदगी के 50 साल फिल्मी दुनिया को देने वाली श्री देवी ने 24 फरवरी को अपने देश से बाहर दुबई मे अपनी अंतिम सांस ली. श्री देवी को किसी पहचान की जरुरत नहीं है न ही सम्मान की क्योकि उनका नाम जब भी लिया जाता है सम्मान और पहचान अपने आप झलकने लगते है. आईये जानते है श्री देवी की पुरी जिंदगी का सफ़र और कुछ ऐसी बातें जो हर कोई नहीं जनता है.
जन्म :-
श्री देवी का जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु के एक छोटे से गाँव शिवकाशी में ११ अगस्त १९६३ को हुआ था इनका बचपन का नाम बेबी श्री अम्मा अयंगर अय्यपन था इनके पिता तमिल थे जिनका नाम अय्यपन और माता तेलगू थी जिनका नाम राजेश्वरी था. पिता वकालत करते थे इनकी एक बहन और दो भाई भी थे.
करीयर की शुरुवात कैसे हुई :-
श्री देवी के करियर की शुरुवात एक चाइल्ड कलाकार के रूप में हुई और उन्होंने अपनी पहली फिल्म सिर्फ चार साल की उम्र में की थी इन्होने अपने करियर की शुरुवात दक्षिण भारत की फिल्मो से की जहाँ इन्होने तेलगू , तमिल , मलयालम और कन्नड़ भाषा में कई फिल्मे की इनकी पहली फिल्म १९६७ में आई जिसका नाम ‘ टुनाईवान ‘ था.
बॉलीवुड में करीयर की शुरुवात :-
बॉलीवुड में भी इन्होने अपने करीयर को चाइल्ड कलाकार के रूप में ही शुरू किया था और इनकी पहली हिंदी फिल्म जुली थी जो १९७५ में हिंदी सिनेमा पर प्रदर्शित हुई लेकिन कुछ लोगो का कहना है की उनकी बॉलीवुड में पहली फिल्म रानी मेरा नाम की थी जिसमे श्री देवी हेरोइन के बचपन का किरदार निभा रही थी.
एक उभरते कलाकार की शुरुवात :-
श्री देवी ने महज १३ वर्ष की उम्र में फिल्म मून्द्रू मुदिछु (1976) में एक एडल्ट कलाकार के रूप में सिनेमा जगत में कदम रखा और रजनीकांत की माँ का रोले किया जो इनकी एक वयस्क के रूप में पहली फिल्म थी जिसके बाद श्री देवी तेलगू और तमिल फिल्मो की एक उभरती अदाकारा बन गई थी.
बॉलीवुड में बतौर कलाकार पहली फिल्म :-
हिंदी सिनेमा में श्री देवी ने अपने करियर की शुरुवात साल 1979 में फिल्म सोलवां सावन से की थी लेकिन श्री को असली पहचान फिल्म हिम्मतवाला से मिली जो 1983 में आई थी जिसमे इनके साथ जीतेन्द्र ने लीड रोल किया था इस फिल्म के बाद श्री ने जीतू के साथ कई हिट फिल्मो में काम किया और अपनीं पहचान बनाई .
श्री देवी की शादी :-
श्री देवी की शादी का सच भी कुछ अलग सा है ऐसा कहा जाता है की शादी से पहले श्री मिथुन चक्रवती को अपना दिल दे चुकी थी और कुछ लोगो का तो यहाँ तक कहना है की श्री और मिथुन ने चुपके से शादी भी कर ली थी मगर समाचारों में इस बात को बढ़ता देख मिथुन ने एक प्रेस कांफ्रेंस की और कहा की उनके बिच ऐसा कोई सम्बंध नहीं है.
सन 1996 में श्री ने अनिल कपूर के भाई और फ़िल्मकार बोनी कपूर से शादी कर ली जिनसे श्री को दो बेटियां है जाह्नवी और ख़ुशी कपूर है और अर्जुन कपूर बोनी कपूर की पहली बीवी का बेटा है.
हिंदी फिल्म जगत में श्री की कुछ यादें :-
हिंदी फिल्म जगत की बात की जाये तो श्री का नाम एक चुलबुली , मासूम ,चालबाज,चांदनी,नागिन ,लालची बीवी , एक टॉप की बिजनेस वुमन और चोरनी के रूप में लिया जाता है . श्री ने हर कलाकार के साथ काम किया और उनके काम को आज भी याद किया जाता है.
जितेन्द्र के साथ कई फिल्मो में श्री ने कमाल की भूमिका निभाई है जिनमे हिम्मतवाल और तोफा प्रमुख है ,कमल हसन के साथ उनकी फिल्म सदमा के लिए उन्हें फिल्मफेर अवार्ड भी मिला . रजनीकांत के साथ चालबाज, अमित जी के साथ शहनशाह ऐसी कई फिल्मो में श्री की अदाकारी की तारीफ करते ही बनती है.
श्री को सम्मान :-
श्री देवी को दो बार फिल्मफेर अवार्ड से नवाजा गया था १९८८ में और १९९० में इसके आलावा श्री देवी को पद्म श्री के सम्मान से भी नवाजा गया था श्री को 2013 में भारत के तत्कालीन राष्टपति श्री प्रणव मुखर्जी के हाथो से पद्म श्री प्रदान किया गया था .
श्री देवी की म्रत्यु :-
श्री देवी की म्रत्यु 24 फरवरी साल 2018 में दुबई में एक शादी के समरोह में शामिल होने के दौरान दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई दुबई के लोकल न्यूज़ चेनल के अनुसार श्री को बोनी कपूर अचानक मिलने पहुच गए कुछ देर दोनों की बातें हुई फिर श्री वाशरूम चली गई कुछ देर तक जब श्री वापस नहीं आई तो बोनी कपूर उन्हें देखने गए तब वही वाशरूम में श्री अचेत हालत में पड़ी हुई थी जब उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया तो डोक्टारो ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ! श्री देवी दुबई में अपने भांजे की शादी के समारोह में शामिल होने गई थी और वही के हॉस्पिटल में श्री ने अंतिम सांस ली .
श्री देवी की हिंदी सिनेमा में कुछ सुपरहिट फिल्मे
सोलवाँ सावन (1978)
हिम्मतवाला (1983)
मवाली (1983)
तोहफा (1984)
नया कदम (1984)
मास्टरजी (1985)
मकसद (1985)
नजराना (1987)
मी. इंडिया (1987)
वक़्त की आवाज़ (1988)
चांदनी (1989)
चांदनी (1989)
श्रीदेवी की कुछ अन्य सफल फिल्मे
सदमा (1983)
नगीना (1986)
चालबाज़ (1989)
लम्हे (1991)
खुदा गवाह (1992)
गुमराह (1993)
लाडला (1993)
जुदाई (1997)
श्री देवी के जाने से पूरा फिल्म जगत स्तब्ध हो गया और हर किसी ने श्री के लिए अपनी भावनाए और सवेंद्नाये व्यक्त की 24 फरवरी को फिल्म जगत में एक युग का अंत हो गया , श्री देवी आज हमारे बिच नहीं है लेकिन उनकी फिल्मे हमें उनकी याद दिलाती रहेगी !