रेलवे के फ्री वाई-फाई की मदद से, कुली ने किया सिविल सर्विस परीक्षा को क्रैक

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आपने अमेरिका के पहले प्रेसिडेंट अब्राहम लिंकन की कहानी और ईश्वरचंद्र विद्यासागर की कहानी तो कभी न कभी जरुर पढ़ी होगी, जिन्होने शिक्षा प्राप्त करने के लिये अंगीठी की रोशनी में और स्ट्रीटलाइट की रोशनी में पढ़ाई की. और आज उन्हें पूरी दुनिया जानती है, क्योंकि उन्होने अपने मन में कुछ करने की ठानी और उसको पूरा करने के लिये कड़ी मेहनत और संघर्ष किया. ठीक इसी तरह की एक कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसको जानकर आपको उस शख्स के जज्बे को सलाम करने का दिल चाहेगा.

कुली ने पास की सिविल सर्विस परीक्षा

आजकल कॉम्पटीशन का दौर चल रहा है. न जानें कितने युवा रोज कोचिंग और ट्यूशन के चक्कर लगाते हैं ताकि वे किसी सरकारी परीक्षा को क्रैक कर सकें, वहीं लोग सिविल सर्विस परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा मानते हैं. विद्यार्थी दिन में 10-12 घंटे की पढ़ाई करने के बाद तब कहीं उसे क्वालीफाई कर पाते हैं. लेकिन केरल में एक कुली ने स्टेशन पर उपलब्ध फ्री वाई-फाई की सुविधा से केरल सिविल सर्विस की परीक्षा को पास कर लिया, बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस कुली के पास फोन और ईयरफोन के अलावा न तो किताबें थी न ही कॉपियां. वो केवल मन में ही सवाल हल किया करता था.

रेलवे का फ्री वाई-फाई यूज करके

जी हां, ये कहानी है केरल के एर्णाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले श्रीनाथ की. जिसने इंटरनेट का ऐसा उपयोग किया कि उसके सपनों को पंख मिल गये. अगर उनकी मेहनत आगे ऐसे ही जारी रही तो वे अफसर भी बन सकते हैं. केरल के एर्णाकुलम जंक्शन पर श्रीनाथ बतौर कुली पिछले 5 सालों से काम कर रहे थे, इस दौरान ही वो सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहे थे. उन्होंने रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध फ्री वाई-फाई सेवा का भरपूर प्रयोग किया और उसी के दम पर अपनी परीक्षा भी पास की. दिन में कुली की नौकरी करने वाले श्रीनाथ के पास पढ़ाई के लिए ज्यादा वक्त तो नहीं था, इसलिए वो नौकरी के दौरान ही कोशिश करते कि पढ़ लें. वो फोन पर पढ़ाई से संबंधित लेक्चर को फोन पर लगाते और काम करते-करते उसे सुनते. फिर अपनी कुली की नौकरी करने निकल जाते. जब उन्हें कोई समस्या होती तो वो शिक्षकों से भी बात कर लेते.

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यूट्यूब ने की परीक्षा पास करने में मदद

श्रीनाथ ने बताया कि वे तीन बार इस परीक्षा में बैठे और ये पहली बार है जब उन्होंने इसकी तैयारी के लिए रेलवे का वाई-फाई यूज किया है. वे बताते हैं कुली के रूप में लोगों का सामान ढोते हुए वे यूट्यूब पर पढ़ी गई चीजों को दोहराते थे. काम के बीच वे इसी तरह पढ़ पाते थे. श्रीनाथ ने बताया इसके अलावा उन्हें केवल रात में ही पढ़ाई का समय मिल पाता था. अब अगर श्रीनाथ इंटरव्यू भी क्वालीफाई कर लेते हैं तो वे लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट में बतौर विलेज फील्ड असिस्टेंट नियुक्त किए जाएंगे.

डिजिटल इंडिया का सही उपयोग किया है श्रीनाथ ने

श्रीनाथ दसवीं पास हैं और मन्नार के रहने वाले हैं. गौरतलब है कि एर्नाकुलम श्रीनाथ का नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जिस पर भी 2016 में ही डिजिटल इंडिया के तहत रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई सुविधा शुरू की गई थी. इस सुविधा को फ्री रखा गया था, जिसे कोई भी यात्री स्टेशन पर इस्तेमाल कर सके और जिसका सही इस्तेमाल श्रीनाथ ने किया है. तो दोस्तो, अगली बार जब भी आप स्टेशन जाएं तो वहां के फ्री वाई-फाई को देखते ही श्रीनाथ की इस स्टोरी को ध्यान कर लें. कहीं आपका भी इरादा न बदल जाए.

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