देश के लिए 9 गोलियां खाने वाले CRPF कमांडेंट चेतन चीता ड्यूटी पर लौटे!

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जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा इलाके में आतंकियों के साथ गोलीबारी में CRPF कमांडेंट चेतन चीता बुरी तरह से घायल हुए थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कमांडेंट चीता को 9 गोलियां लगी थी। वह बुरी तरह से घायल हो गए थे इतनी गोली लगने के बावजूद भी बहादुरी से आतंकियों के साथ लड़ते रहे उन्होंने डटकर मुकाबला किया था। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर चेतन चीता को कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया।

खबर के अनुसार CRPF कमांडेंट चेतन चीता ने फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर ली है हालांकि चिता भी पूरी तरह से फिट नहीं है इसलिए उन्हें फ्रंट की ड्यूटी नहीं दी गई है CRPF में उन्हें कार्यालय से जुड़ा काम दिया गया है। चेतन चीता की पत्नी उमा सिंह ने बताया कि वह भी पूरी तरह से फिट नहीं है। हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं अभी मौजूद हैं जिन्हें खत्म होने में थोड़ा समय लगेगा उनकी पत्नी का कहना है कि चीता के ड्यूटी पर वापस लौटने से काफी खुश हैं और जल्द ही उन्हें फ्रंट की ड्यूटी दी जाएगी।

CRPF अधिकारियों का कहना है कि चेतन चीता आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं। युवाओं को इनसे सीखना चाहिए उनके जज्बे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतने लंबे समय हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद भी उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ। अब वह कोबरा बटालियन में शामिल होना चाहते हैं आपको बता दें कि CRPF की कोबरा बटालियन झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा है। ऑपरेशन का सबसे अहम हिस्सा होती हैं भले ठीक होने में कुछ समय लगे लेकिन देश सेवा का जज्बा युवाओं को प्रेरित करता है।

पिछले साल फरवरी को कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों के साथ कमांडेंट चीता बुरी तरह से जख्मी हो गए थे सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर तैनात थे। इस गोलीबारी में उन्हें 9 गोलियां लगी थी करीब डेढ़ महीने तक वह कोमा में रहे थे।

अपनी ड्यूटी पर लौटते हुए चेतन चीता ने युवाओं को संदेश दिया है कि देश के युवा भी देश के लिए अपना सो प्रतिशत योगदान दें जो मैंने किया है। मैं वहां उस वक्त भाग्य सकता था लेकिन मैं डटा रहा और गोलियों का सामना किया।

CRPF कमांडेंट चेतन चीता की नौसेना अध्यक्ष और गृहमंत्री समेत पूरे देश ने उनके काम की सराहना की थी। आतंकियों से मुकाबला करके चेतन बुरी तरह घायल घायल हो गए फिर भी हिम्मत नहीं हारी और मौत को मात देकर फिर एक बार खाकी वर्दी पहने देश की सेवा में लग गए। पिछले हफ्ते दिल्ली स्थित सीआरपीएफ के मुख्यालय में उनकी जॉइनिंग हुई है।

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