बॉलीवुड के अभिनेता अपने फेन्स के लिए किसी भगवान् से कम नहीं होते है. सिर्फ बॉलीवुड के अभिनेता ही नहीं वह हर सेलिब्रिटी अपने फेंस के लिए भगवान् के समान है जिन्हें वह चाहते है . अपने पसंदीदा स्टार्स से फेंस बहुत कुछ सीखते है और उनके मार्गदर्शन पर चलते है.
बॉलीवुड के अभिनेता इस मुकाम पर पहुचने के लिए काफी मेहनत करते है. तब जा कर उन्हें वह मुकाम हासिल होता है. इसके लिए वह दिन रात मेहनत करते है. लेकिन कई सेलिब्रिटी इसे भी है जिन्हें पब्लिसिटी और उनकी सफलता के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है.
कुछ सफल सितारे इसे है जिनकी कामयाबी मयूनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है. जिससे उनके पिता उनके डैड बन गए.
सुनिल दत्त
बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त का अपने समय में एक अलग ही जलवा था. वह एक सफल अभिनेता के साथ साथ एक अच्छे पिता भी थे.
पिता और बेटे के बिच की केमिस्ट्री आप संजय दत्त की बायोग्राफी संजू में देख सकेंगे. वह अक्सर एक साथ बॉन्ड शेयर करते रहते थे.
इस तरह बदली संजू बाबा की जिंदगी
संजय दत्त जब पूरी तरफ से नशे और ड्रग्स की चपेट में आ गए थे तो कई लोगो ने कहना शुरू कर दिया था की संजय का करियर अब पूरी तरह ख़त्म हो चूका है.
लेकिन लोगो की आलोचना के बाद भी सुनील दत्त ने हर नहीं मानी और संजू की हर परेशानी में उनके साथ खड़े रहने के साथ उनकी नई जिंदंगी बना दी. आज वह जिस जगह पर है सब उनके पिता सुनील दत्त की वजह से ही है. इस बात का जिक्र वह कई बार कर भी चुके है.
इमरान हाशमी
सीरियल किसर के नाम से दुनिया में मशहूर इमरान हाशमी आज जिस जगह पर स्थित है उसे देखते हुए कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता की उन्होंने अपने जीवन में किन-किन परेशानियों का सामना किया.
इमरान के बेटे इमरान के बेटे अयान हाशमी महज 3 साल की उम्र ही कैंसर की चपेट में आ गए थे. जैसे ही इमरान को इस बात की जानकारी हुई तो वह उन्हें तुरंत ही उपचार के लिए कनाडा ले गए.
जीत ली जंग
अयान के कैंसर का इलाज़ करीब 3 महीनों तक चलता रहा. इलाजन के दौरान इमरान ने पिता का फर्ज निभाते हुए उन्हें वह हर चीज मुहैया कराई जो एक पिता को करनी चाहिए.
अपने बेटे के ठीक होने के बाद इमरान ने एक किताब लिखी जिसका नाम द किस ऑफ लाइफ : हाउ अ सुपरहीरो एंड माय सन डिफीटेड कैंसर रखा.
पी.वी. रमण
पी.वी. रमण पी.वी. सिंधु के पिता है. उन्हें एक महान पिता कहना गलत नहीं होगा. सिंधु के माता-पिता वॉलीबॉल के नेशनल खिलाड़ी रह चुके है. पिता के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए उन्हें भारत सरकार द्वारा 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
प्रतिदिन करते थे मेहनत
ओलंपिक में पदक हासिक करने के बाद सिंधु ने अपने इंटरव्यू इस मुकाम तक पहुंचने का राज बताते हुए कहा था की इसमें उनके पिता का अतुलनीय योगदान था.
सिन्धु के घर से प्रैक्टिस कोर्ट करीब 47 कि.मी. की दुरी पर स्थित था. और उनके पिता सिन्धु के साथ रोज इत्निउ दूर जाते थे और प्रेक्टिस करवा कर साथ में व[पास आते थे.
महावीर सिंह फोगाट
फोगाट परिवार का नाम आते ही हर किसी के मन में फोगाट परिवार की कहानी आ जाती है. देश ही नहीं विदेश में भी खूब चर्चे है. आमिर खान ने फोगाट परिवार की कहानी को बखूबी से फिल्म के माध्यम से बताया.
बनी वर्ल्ड चैंपियन
जिस समय महावीर फोगाट ने अपनी लडकियों को कुश्ती के दंगल में उतारने का प्रण लिया तो समाज के साथ-साथ परिवार भी उनके खिलाफ हो गया था.
गाव के हर अखाड़े में उन्हें कुश्ती सिखाने से मना कर दिया था. अंत में उन्होंने अपनी बेटियों को खुद ही कुश्ती सिखाई और देश को गीता बबिता जेसे दो महान खिलाडी दिए.
पान सिंह धोनी
अपने सरल स्वभाव के कारण अधिक जाने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी के पिता का नाम पान सिंह धोनी है. उनके संघर्ष की कहानी भी बहुत कठिन है. जब धोनी का जन्म नहीं हुआ था तो उनके पिता काम की तलाश में उत्तराखंड से रांची आ गए थे.
जिस समय धोनी का जन्म हुआ तो उस समय परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. धोनी के पिता चाहते थे की उनका बेटा सरकारी नोकरी करे लेकिन धोनी का सपना था की वह क्रिकेटर बने.
धोनी को किया सपोर्ट
जिस समय धोनी ने रेलवे की नोकरी को छोड़कर क्रिकेट पर अपना ध्यान लगाया तो उनके पिता ने उनका पूरा सपोर्ट किया. हालाकि उनके पिता शुरुआत में इस फेसले से काफी नाराज थे लेकिन बाद में वह मान गए. पिता के सपोर्ट के बिना धोनी इस स्थान पर शायद नहीं पहुच पाए.