जॉनी वॉकर का बस कंडक्टर से लेकर व्हिस्की ब्रांड के नाम तक का महान कॉमेडियन का सफ़र

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हंसी को तमाम मर्जों की दवा माना जाता है कहते है ना कि दुनिया में लोगो को हँसाना सबसे मुश्किल काम है और कॉमेडी करना उसे भी मुश्किल काम है हमारी हिंदी फिल्मे कॉमेडी के तड़के के बिना अधूरी होती है और कॉमेडी फिल्मे हमेशा से ही लोगो के आकर्षण का केंद्र रही है। कॉमेडी जगत में एक ऐसे एक्टर है जिनके नाम से ही हंसी आने लगती है।

हम बात कर रहे है जॉनी वॉकर की उनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था जो फिल्मो में आने से पहले बस कंडक्टर थे। जॉनी वॉकर का बस कंडक्टरी करने का अंदाज काफी निराला था। सुप्रसिद्ध एक्टर बलराज साहनी ने इनके अन्दर छुपे हुए कलाकर को पहचाना और इन्हें गुरुदत्त से मिलवाया जो इनके स्क्रीन टेस्ट में इनकी शराबी की एक्टिंग से इतना खुश हुए की स्कॉटिश व्हिस्की ब्रांड से उधर नाम लेकर इनका ऑनस्क्रीन नाम जॉनी वॉकर रख दिया था।

जॉनी वॉकर का जन्म :

जॉनी वॉकर का जन्म मध्य प्रदेश के इन्दौर जिले में हुआ था वे बचपन से ही अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे उनके पिता जमालुदीन काजी इंदौर में एक मिल में नौकरी करते थे। वह इंदौर में अक्सर लोगों की नकल उतार कर सबको हंसाया करते थे जो की बाद में बंद होने कारण उनका पूरा परिवार 1942 में मुंबई चले गए।

परिवार की जवाबदारी :

जॉनी वॉकर के पिता के लिए अपने 15 सदस्यीय के परिवार के लिए पालन -पोषण करना मुश्किल हो रहा था। ऐसी मुश्किल हालात में 10 भाई-बहनों में दूसरे नंबर के जॉनी वाकर पर परिवार की जवाबदारी आ गई। कई नौकरी में हाथ आजमाए लेकिन आखिर में मुंबई मे उनके पिता के जानने वाले पुलिस इंस्पेक्टर से बात-चीत की और सिफारिश पर जॉनी वाकर को बस कंडक्टर की नौकरी दिला दी।

बस कंडक्टरी से खुश :

जॉनी वॉकर इस नौकरी को पाकर काफी खुश हो गए क्योंकि उन्हें मुफ्त में ही पूरी मुंबई घूमने को मौका मिल जाया करता था. इसके साथ ही साथ उन्हें मुंबई के स्टूडियो में भी जाने का मौका मिल जाता था।

नूरजहां से शादी :

जॉनी वॉकर और नूरजहां की पहली मुलाकात मिस्टर एंड मिसेज 55 के सेट पर हुई दोनों ने एक-दुसरे को पसंद कर लिया और दोनों ने शादी कर ली जॉनी वॉकर और नूर के तीन बेटियां और तीन बेटे हैं।

मजाकिया अंदाज :

शुरुआत में वह बस कंडक्टर थे जॉनी वॉकर का बस कंडक्टरी करने का अंदाज काफी निराला था बस में ही वह अपने यात्रियों से मजाकिया अंदाज में बात-चीत करके उनका मनोरंजन किया करते थे। वह अपने अंदाज मे आवाज लगाते ‘माहिम वाले पेसेन्जर उतरने को रेडी हो जाओ लेडिज लोग पहले।

जॉनी वॉकर की एक्टिंग :

जॉनी वॉकर बस में मजाकिया अंदाज में बात-चीत करते थे. उसी बस में बलराज साहनी भी थे उन्होंने जॉनी वॉकर की एक्टिंग को देखकर बहुत ही आकर्षित हुए फिर बाद में बलराज साहनी ने इन्हें गुरु दत्त से मिलवाया जिन्होंने हिन्दी सिनेमा के लिए नई परिभाषाएं गढ़ीं।

संघर्ष के बाद :

लंबे संघर्ष के बाद जॉनी वॉकर को फिल्म आखिरी पैमाने में एक छोटा सा रोल मिला उन्हें जल्द ही फिल्मों में भीड़ वाले सीन में खड़े होने का मौका मिल गया जिसके लिए उन्हें 5 रुपए मिला करते थे पहली इस फिल्म मे उन्हें पारश्रमिक के तौर पर 80 रुपये मिले जबकि बतौर बस कंडक्टर उन्हें पूरे महीने के मात्र 26 रुपये ही मिला करते थे।

फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिकाएं :

गुरुदत्त ने जॉनी वाकर को महत्वपूर्ण भूमिकाएं दीं थी। फिल्म प्यासा में उन पर फिल्माया गया मोहम्मद रफी का चंपी मालिश वाला गीत सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए काफी पॉपुलर हुआ। इसके बाद गुरुदत्त इतने खुश हुए कि उन्होंने जानी की एक्टिंग की दिल खोलकर तारीफ की और फिल्म बाजी में फौरन एक रोल दे दिया बल्कि बदरुद्दीन काजी को जॉनी वाकर का नया फिल्मी नाम दे डाला।

मुड़कर पीछे नहीं देखा:

कहा जाता है कि उन्हें जॉनी वॉकर नाम देने वाले गुरुदत्त ही थे उन्होंने वाकर को यह नाम एक लोकप्रिय व्हिस्की ब्रांड के नाम पर दिया था हालांकि फिल्मों में अक्सर शराबी की भूमिका में नजर आने वाले वॉकर असल जिंदगी में शराब को कभी भी हाथ नहीं लगाया था।. उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों मे अपने हास्य अभिनय से दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।

एक या दो गीत :

जॉनी वॉकर की हर फिल्म मे एक या दो गीत उन पर अवश्य फिल्माए जाते थे जो काफी लोकप्रिय भी हुआ करते थे यहां तक कि फाइनेंसर और डिस्ट्रीब्यूटर की यह शर्त रहती कि फिल्म में जॉनी वॉकर पर एक गाना अवश्य होना चाहिए. वर्ष 1956 मे आई फिल्म सीआईडी में उन पर फिल्माया गाना ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां, जरा हट के जरा बच के ये है बंबई मेरी जान ने धूम मचा दी।

सदा के लिए अमर :

यह बॉलीवुड के ऐसे पहले कॉमेडियन है जिन पर महान म्यूजिक डायरेक्टर एस डी बर्मन और ओ पी नय्यर ने बॉलीवुड के महान गाने सर जो तेरा चकराए और ए दिल है मुश्किल जीना यहां जैसे गीतों को सदा के लिए अमर करने वाले जॉनी वॉकर अपने मासूम, लेकिन शरारती चेहरे से सबको अपनी ओर खींचने का जोश रखते थे उनकी ऐसी एक्टिंग के कारण ही उन्हें बॉलीवुड का सबसे महान कॉमेडियन कह जाता है।

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