बिना हाथ-पैर 11 वर्ष का यह छोटा बच्चा बना लाखो लोगों के लिए मिसाल, इनका संघर्ष भी देता है एक संदेश

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जब हमारे पास जूते नहीं होते है, और हमारे किसी इतर के पास बबुत अच्छे वाले जूते होते है तो हमें काफी अफ़सोस होता है. लेकिन किसी ने सच ही कहा है.

यदि जीवन में कभी हार नहीं माननी है तो सदेव लक्ष्य बड़ा रखो लेकिन जब जरुरत की बात आती है तो अपने से छोटो को देखो. यदि आपके पास जूते नहीं है और आप दुसरे को देख कर अफ़सोस कर रहे हो तो किसी ऐसे व्यक्ति को देखो जिसके पास पैर ही नहीं है तब आपको उस चीज की अहमियत पता चलेगी.

 व्यक्ति के शरीर का यदि एक भी अंग नहीं होता है उसे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, आज हम आपको एक ऐसे बच्चे के बारे में बतायेंगे जिसके न तो दोनों हाथ है और ना ही पैर.

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 ना हाथ और न ही पैर फिर भी यह महज 11 साल का बच्चा देश के लिए मिसाल बन गया है. कई व्यक्ति इस बच्चे से प्रेरणा लेते है. और उन्हें देख कर जीवन जीने का सलिखा सीखते है.

 

 किसी भी व्यक्ति के लिए बिना हाथ पैर के जीना असम्भव है, लेकिन जिस किसी व्यक्ति के जीने की आस ख़त्म हो गई है उसे इस बच्चे को देखना चहिये जो बिना हाथ पैर के अपना जीवन आराम से बिता रहा है. हर कोई इस बच्चे के बारे में जानकर हेरान हो जाता है तो कई व्यक्तियों की आखो से आसू आ जाते है.

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 हर किसी की प्रेरणा बनने वाले इस बच्चे का नाम है टियो पैनावैंगन, जो महज 11 वर्ष का है. किन्तु छोटी सी उम्र होने के बाद भी बड़े से बड़ा व्यक्ति इनसे जीना का सलिखा सीखता है. इंडोनेशिया के सियामिस में टियो अपने माता-पिता के साथ रहता है.

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हाथ-पैर नहीं होने के बाद भी वह स्कूल में पढ़ाई करने जाता है. उनकी टीचर उन्हें काफी बुद्धिमानी बताते है. टियो स्कूल में पढ़ने में सबसे तेज है, गणित में तो वह सबसे अधिक नंबर लाता है. उन्हें क्लास का सबसे बुद्धिमान और तेज बच्चा माना जाता है. हाथ न होने के कारण वह अपने मुह का सहारा लेते है.

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स्कूल के हर काम में वह सबसे आगे है. जब स्कूल का सारा काम  हो जाता है तो वह अपनी ठुड्डी की सहायता से प्ले स्टेशन पर गेम भी खेलता है. छोटी सी उम्र में इतना सब होने के बाद भी अपनी हिम्मत को बनाए रखना और अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना कर जीवन जीना कोई इनसे सीखे.

छोटी सी उर्म में इतनी परेशानियो का सामना करना कोई मामूली बात नहीं होती है. उनकी इस बहादुरी को देख कर हर कोई उनकी तारीफ किए बिना रह नहीं पाता. हर कोई उनके संघर्ष को देख कर उनसे प्रेरणा लेता है. 11 वर्ष का यह छोटा सा बच्चा आज लाखो लोगों के लिए एक मिसाल बन चुका है.

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