महिलाओं के श्रृंगार और विज्ञान के बीच ये है गहरा सम्बन्ध, जिसे आपके लिए जानना है बेहद जरूरी

0

हमारे भारतीय संस्कृति के रीती-रिवाजों में सुहागिन महिलाओं के सोलह श्रृंगार को काफी महत्व दिया जाता है जिसे शादी के बाद हर लड़की पूरे मन से मरते दम तक श्रद्धा के साथ निभाती हैं।यह जो परंपरा सदियों से चली आ रही है ये दो लोगों के बीच प्यार के संबंध को और भी ज्यादा मजबूत बनाते हुए विश्वास की एक मिसाल खड़ी करता है जिससे उनका दाम्पत्य जीवन काफी सुखमय हो जाता है। जैसा की हम सभी जानते है की शादी के बाद महिलाएं आपने मांग में सिन्दूर लगाती है जो की इस आस्था और विश्वास के साथ की इसे लगाने से वे अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं और इसीलिए मात्र चुटकी भर सिंदूर हर महिलाओं के लिये इतना अहम होता है।

इस सिन्दूर के साथ साथ महिलाएं और भी कई आभूषण पहनती है और भले ही उनका ये श्रृंगार अपने पति की लम्बी उम्र और नारियों कि शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन क्या आप जानते है की जो महिलाओं के द्वारा किया गया श्रृंगार उन्हें धार्मिक दृष्टि के साथ साथ वैज्ञानिक तौर से भी काफी लाभ प्रदान करता है।

आज हम आपको महिलाओं के इन्ही सोलह श्रृंगार के वैज्ञानिक लाभ से अवगत कराने वाले है जो की आपके लिए जानना बहुत ही आवश्यक है तो जानिये किस प्रकार से हमारे शरीर के अंगों को फायदा पहुंचाते है ये सोलह श्रृंगार…

मंगल सूत्र-

किसी भी शादी शुदा महिला के लिए उसका मंगलसुत्र सबसे अनमोल गहना माना जाता है और साथ ही काफी अहम होता है जो की उसके सुहाग की सबसे बड़ी निशानी मानी जाती है और सुहागिन महिलाओं के इस अनमोल गहने के पीछे जो वैज्ञानिक तथ्य शामिल है, वो यह बताते है की इसे अपने गले में डालने के बद हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर को कंट्रोल होता है और दिल से सम्बन्धित भी हर बीमारी हमसे दूर रहती है।

ईयररिंग-

ईयररिंग शादी शुदा महिलाएं भी पहनती हैं और कुंवारी लड़कियां भी लेकिन हम आपको बता दे की कान में पहनने वाली बाली किस तरह से हमारे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होती है। काम में पहनी जाने वाली बाली या ईयररिंग हमारे शरीर में एक्यूपंक्चर का काम करती है साथ ही ये महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी तमाम समस्याओं से भी निजात दिलाता है और हमारे सोचने समझने की शक्ति को भी बढाता है।

चुड़ी-

महिलाओं के हाथों में पहनी जानी वाली कांच की रंगबिरगी चूड़ियां उनके सुन्दरता में तो चार चांद लगा ही देती इसके साथ ही ये कांच की रंगबिरंगी चूड़ियां हमारे शरीर को भी स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं क्योंकि इसकी खनखनाहट से हमारे शरीर को एक पॉजेटिव उर्जा प्राप्त होती है जो की शरीर में ब्लडप्रेशर को कंट्रोल रखते हुए हार्ट-बीट को नोर्मल भी बनाये रखने का काम करती है। इसके अलावा यह हमारे गले संबंधी रोगों से भी निजात दिलवाती हैं।

बिछिया-

महिलाओं के सोलह श्रृंगार में से बिछिया भी एक अहम श्रृंगार माना गया है जो की शरीर में होने वाली कई बीमारियों को दूर करने में काफी सहायक है और इसे पहनने से हमारा नर्वस सिस्टम और रिप्रोडक्टिव सिस्टम दोनों ही बिल्कुल दुरुस्त रहते है। बिछिया पहनने का एक लाभ यह भी है की ये ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रख मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से भी निजात दिलाता है।

पायल-

पायल पहनने से हमारे शरीर को भी इसकी खनखनाहट से पॉजेटिव एनर्जी मिलती है। पैरों में चांदी की पायल का महत्व ज्यादा होता है। यह मोटापे के साथ रोगों को दूर करने का काम भी करता है।

मांग टिका-

 

 

मांग के बीच में लगाया जाने वाला टिका हमारे शरीर के हिट को कंट्रोल करने का काम करता है। इसके साथ ही दिमाग में तनाव के चलते ज्यादा प्रेशर बन जाता है उसे भी कंट्रोल में लाने का काम करता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.