इस लिए कहे जाते है सचिन तेंदुलकर God of Cricket

0

क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन रमेश तेंदुलकर की जितनी तारीफ की जाये कम है। सचिन वर्ल्ड में कितने प्रसिद्ध थे इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है की जिस समय इण्डिया का मेच होता है यदि सचिन आउट हो जाते थे, तो आधे से ज्यादा भारत टीवी बंद कर देता था। सचिन विश्व में एकमात्र इसे क्रिकेटर है जिन्हें भारत-रत्न मिलने के लिए लोगो में पागलपन देखा।

सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को ही अपना सब कुछ माना था,जिसके चलते सचिन ने कई रिकार्ड बनाये। सचिन तेंदुलकर विश्व में एकमात्र इसे बल्लेबाज है जिन्होंने क्रिकेट जगत में शतको का शतक बनाया था। सचिन ने अपने जीवन में 34,000 रनों के आकडे को 100 शतक, 163 अर्धशतक की सहायता से छुआ। इन संख्याओ को देखने पर एसा लगता है की यह किसी क्रिकेट टीम का विवरण है लेकिन यह सिर्फ सचिन द्वारा बनाये गए रिकार्ड है। आज हम आपको सचिन के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले है जो शायद ही आप जानते हो।

सचिन तेंदुलकर अपने पिता की दूसरी पत्नी की सन्तान है।

सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर की पहली पत्नी के तीन पुत्र है।

स्कूल टाइम में सचिन के बाल घुघराले होने से उनके एक मित्र ने सचिन को लड़की समझ लिया था।

सचिन के पिता सचिन देव बर्मन के फेन होने से सचिन का नाम उनके नाम पर रखा था।

सचिन अपने बचपन के दिनों में घर की छत पर थे तब अचानक आये हैलीकाॅपटर से उनकी उंगली कट गई थी।

सचिन अपने सबसे करीबी मित्र विनोद काम्बली से वड़ा पाव खाने की प्रतियोगिता रखते थे,और जीतते भी थे।

आपको जानकर हेरानी होगी पर सचिन ने 1988 के अभ्यास मेच में पाकिस्तान की तरफ से फ़ील्डिंग की थी।

सचिन अपना पूरा सत्र बिना आउट हुए बिताते थे तो उनके कोच संचिन को एक सिक्का उपहार स्वरूप देते थे।

सचिन के पास कोच रमाकांत अचरेकर द्वारा दिए गए उपहार स्वरूप 13 सिक्के है।

सचिन ने इंटरव्यू में खुलासा किया था की उन्हें नींद में चलने की बीमारी है।

सुनील गावस्कर ने सचिन को 14 साल की उम्र में हल्के पैड गिफ्ट किये थे।

सचिन दोस्तों के साथ नकली दाढ़ी-मूंछ लगाकर सन 1995 में आई फिल्म रोजा देखने आये थे। लेकिन मुछ निकलने से उनकी चोरी पकड़ी गई।

सचिन इसे पहले खिलाडी है जिन्होंने महज14 वर्ष की उम्र में रणजी टीम में प्रवेश किया था।

सचिन का रहस्य शायद ही किसी को पता हो लेकिन जब भी वह अपनी टीम के साथ बस में ट्रेवल करते थे तो पहली साईंड में बायीं तरफ की विंडो सीट पर बैठते थे।

सचिन ने पाकिस्तान के साथ हुए अपने पहले मुकाबले में सुनील द्वारा दिए गए पेड्स पहने थे।

सचिन ने अपने पहले ही ईरानी ट्राफ़ी,दलीप और रणजी ट्राफी में शतक जमाया था।

शायद इसे आप टोटका कह सकते है लेकिन सचिन ने अपने सभी बड़े स्कोर भारतीय त्योहारों जेसे होली, दीपावली और रक्षाबंधन पर ही बनाये है।

सचिन ने टेस्ट करियर में कभी भी तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की।

सचिन जब भी रणजी ट्राफी में खेले है तब टीम हर बार विजय रही। सिर्फ एक बार ही मुंबई की टीम हारी थी जब सचिन इस टीम में शामिल थे।

सचिन जब भी मैदान में अपना पहला कदम रखते थे तो सबसे पहले वह सूर्यदेवता को नमन करते है।

1999 में पिता की मृत्यु के समय भी सचिन ने अंतिम संस्कार के बाद मेच खेलने चले गए थे। दुसरे ही दिन सचिन ने शतक बनाकर अपने पिता रमेश तेंदुलकर को श्रधान्जली दी थी।

सचिन को अपनी फरारी से इतना प्यार है की वह अंजलि को भी चलाने नहीं देते।

1992 में थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले सचिन पहले बल्लेबाज है।

सचिन मैच में 1.5 किलोग्राम के बेट का प्रयोग करते थे।

सचिन को सौरव गांगुली छोटा बाबू कहते है।

सचिन अपने बच्चों को इंग्लैंड की टीम में भी शामिल कर सकते है। क्यों की सचिन की नानी इंग्लैंड की हैं।

सचिन तेंदुलकर को पद्म विभूषण,राजीव गांधी अवॉर्ड (खेल),पद्मश्री,महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड,अर्जुन अवॉर्ड और भारत का सर्वोच्च नागरिक अधिकार भारत रत्न से सम्मानित हुए है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.