पकिस्तान में कृष्णा कुमारी ने इतिहास रच कर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा लिया है कृष्णा पाकिस्तान में पहली सीनेटर चुनी जाने वालीं हिंदू महिला बन कर इण्डिया की स्टार बन गई हैं.
कृष्णा कुमारी सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की और से वहा के सिंध प्रांत में थार से है कृष्णा पाकिस्तानी राज्य में प्रथम बार सीनेटर चुनी जाने वालीं हिंदू महिला बन गई है. बिलावल भुट्टो जरदारी पार्टी (पीपीपी) ने अल्पसंख्यक के सीनेट की एक सीट पर कृष्णा को नामाकंन किया था.
खबरों के अनुसार कृष्णा उनके भाई के साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनसे जुड़ी थी आगे चलकर उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन नियुक्त किया गया कृष्णा के अनुसार नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए उनके पास सभी जरुरी दस्तावेज मौजूद हैं.
सेनानी परिवार
1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के गांव में जन्म लेने वाली कृष्णा का परिवार स्वतंत्रता सेनानी रूपलो कोलही से ताल्लुक रखती है. हालांकि उनका परिवार काफी गरीब हैं कहा जा रहा है की कृष्णा के परिवार ने एक जमींदार की निजी जेल में तीन वर्ष बिताये थे.
1857 में जब ब्रिटिश उपनिवेशों ने सिंध पर हमला बोला था तब रूपलो ने युद्ध में हिस्सा लेकर अपना योगदान दिया था महज 16 साल की उम्र में ही कृष्णा की शादी लालचंद से हो गई थी विवाह के समय वह नौवीं कक्षा में अध्ययन कर रही थी
शादी होने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई को छोड़ा नहीं और आगे पढ़ती रही, और 2013 में मास्टर डिग्री उन्होंने सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में प्राप्त की.
आपकी जानकारी के लिए बता दे की पीपीपी ने पाकिस्तान को कई महिला राजनेता दी है, जिनमे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, नेशनल असेंबली की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा और पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार शामिल हैं.