सूरज छिप मत जइयो आज श्याम संग होली खेलूंगी

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होली का असली मजा तो श्री कृष्ण जन्म स्थली मथुरा वृन्दावन में ही आता है. जिस समय महिलाये रीतिरिवाजों के अनुसार प्रेम की लाठिया बरसाती है तो पुरुष भी इस प्रेम के लिए आतुर रहते है. श्री राधारानी के आवासीय स्थल बरसाना में में गुरुवार को धूम धाम से ब्रज की लठ्ठ मार होली खेली गई. जिसमे कई देशो से श्रद्धालु ने भी इस आयोजन का भरपूर लाभ लिया। बरसाना की गलियों में होली का उत्साह और भक्तो में श्रद्धा और विश्वाश का सम्पूर्ण समावेश था.

कहा जाता है की बरसाना में लठ्ठ मार होली का रिवाज पांच हजार वर्ष पुराना है। लठ्ठ मार होली में राधारानी के स्थल बरसाना की महिलाये नयी नवेली दुल्हन की तरह सज सवरकर हाथो में लठ्ठ लेकर नंदगाव से आ रहे उन गोपालो का इंतजार करती है. एवं उनके आने पर उनका स्वागत लठ्ठ मार कर करती है. कहा जाता है की लठ्ठ मारने से प्यार बढता है एवं नंदगाव से आये हुरियारे को लठ्ठ मार कर उनको आशीर्वाद देती है.
बरसाना में लठ्ठ मार होली किसी त्यौहार से कम नहीं माना जाता. इस त्यौहार के चलते श्रद्धालुओ में श्री राधारानी के दर्शन के लिए हजारो की संख्या में भीड़ सुबह से ही लगी थी। लठ्ठ मार होली की शोभा बढ़ाने के लिए आसमानी पुष्पों की वर्षा की गई.

 

 

 

 

 

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