जब भी कोई दुर्घटना या फिर किसी तरह का कोई अपराध होता है सबसे पहले हमें उस बात की जानकारी पुलिस को देनी पड़ती है. पुलिस अपने अनुसार नियमो के हिसाब से उस अपराध के लिए व्यक्ति को सजा देती है.
जब भी कोई अपराध होता है या किसी तरह की कोई अनहोनी होती है तो सबसे पहले उस घटना से जुडी जानकारी को हमें पुलिस के पास रजिस्टर करवाना पड़ता है, जो FIR या रिपोर्ट कहलाता है.
एफआईआर एक लिखित दस्तावेज होता है, जिसे पुलिस जानकारी मिलने पर उस शिकायत को अपने रजिस्टर में लिखती है. और कारवाही करती है.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस रिपोर्ट को तैयार करती है. जिसके बाद वह एक्शन लेती है. जब तक घटना या किसी अपराध की रिपोर्ट नहीं लिखवाई जाती है तब तक पुलिस कारवाही नहीं कर सकती है.
कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास अपनी शिकायत लिखित या मौखिक तोर पर दर्ज करवा सकता है. हर व्यक्ति को इस बात का अधिकार है.
अक्सर सुनने में आता है की पुलिस पीड़ित व्यक्ति की शिकायत को दर्ज नहीं करती है. उस समय पीड़ित को समजह नहीं आता है की आखिर वह क्या करे? क्यों की जब वह पुलिस की शरण में आता है, तो वह भी मन कर दे तो वह बेसहारा हो जाता है.
Police FIR Na Likhe To Kya Kare :
जब पीड़ित व्यक्ति की शिकायत को पुलिस दर्ज करने से मन कर देती है, तो पीड़ित व्यक्ति के पास और भी तरीके होते है. आज हम आपको बताएँगे की जब पुलिस आपकी FIR लिखने से मन कर दे तो क्या करे?
कब लिखवाई जाती है एफआईआर?
जब कोई व्यक्ति किसी तरह का कोई अपराध करता है तो पुलिस के पास अधिकार होता है की वह बिना कोर्ट के अरेस्ट वॉरेंट के वह उस व्यक्ति को अरेस्ट कर उससे पूछताछ कर सकती है.
पुलिस के पास अधिकार होता है की वह आरोपी व्यक्ति को अरेस्ट कर उससे पूछताछ कर सकती है.
कैसे लिखवाएं FIR
पीड़ित व्यक्ति या किसी अपराध का दवाह पुलिस स्टेशन में लिखित या फिर मौखिक तरह से FIR दर्ज करवा सकता है.
कॉल के माध्यम से भी पुलिस में रिपोर्ट रजिस्टर की जा सकती है.
शिकायत मिलने पर क्या करती है पुलिस
जब पुलिस के पास शिकायत लिखवाई जाती है तो घटना के स्थान पर ड्यूटी ऑफिसर एएसआई को मौके पर भेजा जाता है.
सभी गवाहों के पूछताछ कर उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जाता है. पहले तो शॉर्ट रिपोर्ट के आधार पर पुलिस रिपोट दर्ज करती है.
पुलिस रिपोर्ट न लिखे तो क्या करें?
पीड़ित व्यक्ति की शिकायत को यदि पुलिस रजिस्टर करने से मना करती है तो पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर करा सकते हैं.
अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर करने के लिए आपको अपने एरिया की पुलिस वेबसाइट पर जाना होगा.
दिल्ली में e-FIR ऐप के माध्यम से भी FIR दर्ज कराई जा सकती है, जिसके लिए आपको अपने फोन पर इस ऐप को इंस्टॉल करना होगा जिसके बाद आप आसानी से अपनी एफआई दर्ज करवा सकते हैं.
पुलिस यदि आपकी शिकायत को दर्ज करने से मना करती है तोआप इस बात की शिकायत सीनियर ऑफिसर्स से कर अपनी बात रख सकते हैं.
यदि फिर भी आपकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है या शिकायत नहीं लिख रहा है तो आप CrPC के सेक्शन 156 (3) के अंतर्गत मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के पास इस बात की शिकायत करने का अधिकार होता है.
आपकी शिकायत पर मजिस्ट्रेट पुलिस को FIR दर्ज करने के निर्देश देने का अधिकार रखते हैं.
यदि कोई अधिकारी आपकी एफआईआर लिखने से मना करता है या फिर वह FIR दर्ज नहीं करते है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार उन पर एक्शन लिया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्दश के अनुसार पीड़ित व्यक्ति ले द्वारा FIR दर्ज करने के पहले हफ्ते के अंदर ही फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन पूरा हो जाना चाहिए.