आज के समय में हर व्यक्ति बेहतर एजुकेशन ले कर अव्वल दर्जे की नोकरी की तलाश करता है, ताकि उसके साथ-साथ उसके परिवार का भी भविष्य उज्जवल हो सके, लेकिन कोई भी व्यक्ति बेहतर पढ़ाई करने के बाद खेती-किसानी क्षेत्र में नहीं आना चाहता है. लेकिन इस सोच से विपरीत एक युवा पढ़ाई पूरी करने के बाद किसानी में आ कर सफलता के झंडे गाड़ रहा है.
इस युवा किसान से प्रेरणा लेते हुये किसानों ने कम लागत में अच्छी फसल का नुस्खा भी सीख लिया, यह व्यक्ति आस-पास के गरीब किसानों को भी इस अद्भुत खेती के बारे मे जानकारी मुहैया कर रहे है.
हम बात कर रहे है रवि मंगलेश्वर की, जिन्होने मस्कट में 10 वर्ष तक इंजीनियरिंग की नौकरी कर 2001 में पुनः अपने गांव आ गए जहा वह सबकी सोच से परे किसानी करने लगे.
रवि मंगलेश्वर एक पेड़ पर करीब 51 अलग-अलग प्रकार के आम का उत्पादन कर रहे हैं. महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के रवि के द्वारा खोजी गई नई प्रजाति बहुत ही युनीक है. रवि ने अपने ढ़ाई एकड़ के क्षेत्र में 1,000 आम के पेड़ लगाये हैं.
जब वह किसानी करने लगे तो, उनके सबसे हटकर कुछ अलग करने का जज्बा जागा था, जिसे उन्होने पूर्वजों से मिली 5 एकड़ जमीन पर खेती कर अपने नए आइडिया को जन्म दिया.
विभिन्न तरह की खेती के बारे में अध्ययन के लिए उन्होने करीब 500 से अधिक स्थानो का दौरा भी किया. जिसके बाद उनके मन मे इस तरह की अद्भुत खेती करने का विचार आया. इस तरह की खेती कर वह सिर्फ किसानो के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गए है.