एक छोटे से स्टॉल में मोबाइल रिपेयरिंग शुरू की , अब है 150 करोड़ के मालिक

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दोस्तों हम सफलता की कहानिया पड़ते है , और सभी कहानियों में एक ही पॉइंट होता है , और वो ये की बस अपनी मंजिल की तरफ बड़ते जाओ। रास्ते तो है ही भटकाने के लिए , उदाहरण के तौर पर देखे तो अगर आप कही जा रहे है मान लो आप दुबई जा रहे है टिकट भी दुबई की ही बुक है , तो क्या रस्ते में पलट कर आप यूरोप चले जायेंगे। नही न बस सफलता भी ऐसी ही है जब तक उसके लिए नही दौडोगे वो इतनी आसानी से नही मिलेगी। आपको जिस भी काम में रूचि है उसी में जी जान से लग जाओ क्योकि हमें जो पसंद है वो हम बेहतर से भी बेहतर तरीके से कर सकते है | चाहे वो किसी भी तरह का काम हो , जैसा की युवराज़ ने किया। आज हम आपको “युवराज अमन सिंह की कहानी बताने जा रही है जिसने किस तरह मोबाइल रिपेयर से 150 करोड़ रुपये की टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी कर दी।

कौन है युवराज अमन सिह

युवराज अमन सिंह ने अमेरिका से बिज़नेस इनफार्मेशन सिस्टम्स और मैनेजमेंट की डिग्री “मिड्डलसेस यूनिवर्सिटी” से ली। जब उन्होंने काम करना शुरू किया तब वो अपने पत्नी के भाई के साथ इंग्लैंड में काम करते थे। फिर साल 2003 में अमेरिका से भारत लौटे।  यहाँ पर उन्होंने “टाटा टेलीसर्विसेस” की फ्रैंचाइज़ी ले ली। चुकी युवराज़ ने इस काम को भी इन्होंने बहुत अच्छे से किया लेकिन यहाँ उन्हें लाभ नही हुआ इसलिए उन्होंने इसे छोड़ दिया। साल 2005 सोनी एरिक्सन से पहचान रखने वाले कर्मचारियों के कहने पर उन्होंने मोबाइल सुधरने का काम शुरू कर दिया। और सोनी एरिक्सन के बाहर एक छोटा सा स्टॉल लगाकर मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया।

स्टॉल लगाकर मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू किया

मोबाइल रिपेयरिंग के इस स्टॉल में उन्होंने एक कुर्सी और एक टेबल रखी थी , जहा पर वे सैकेंड हैंड और अनबॉक्स मोबाइल फोन ठीक करने और उसे बेचने का काम करते थे, यहाँ पर उनका काम चल निकला और ज्यादातर लोग इनकी दूकान पर ही आने लगे |सभी के मोबाइल ठीक करते-करते अब उन्हें बहुत सी बारीकियो का ज्ञान भी हो गया था |

बाद में इनके साथ एक टैनिक्स कंपनी भी जुड़ गयी , ये कंपनी Apple, SAMSUNG, Sony , Nokiya , HTC जीओमी और ब्लैकबेरी कंपनियों से वापस आये मोबाइल phone , नए अनबॉक्सड phone , और सेकेंडहैंड phone को खरीदते हैं और उन्हें रेपियर करके अपने दिल्ली स्थित फैक्ट्री और बेंगलुरु स्थित फैक्ट्री में खरीदी हुई कीमत से 40% कम दाम पर ग्राहकों को बेचती है। युवराज़ ने इस कंपनी के 50000 मोबाइल को रिपेयर कर बेचे। जिससे उनको अच्छी इनकम हुई।

Online Selling

युवराज की कपंनी मोबाइल को रिपेयर करके custmors को ऑनलाइन बेचती थी। और मोबाइल की कीमत में भी लगभग 40 प्रतिशत तक का फर्क आता है। और युवराज़ ने नॉएडा में भी अपनी एक फैक्ट्री बनाई है जो की इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को रेपियर करके एक्सपोर्ट करती है।
साल 2008 में उन्होंने सैमसंग के साथ एक डील फाइनल की जिसमे उनके पुराने मोबाइल को खरीदकर उन्हें रिपेयर किया और रॉकिंग डील के द्वारा फ्लिप्कार्ट के माध्यम से बेचा। इस डील में उन्हें 20 करोड़ का फायदा हुआ।

अभी उनके मोबाइल शॉपक्लयूस, अमेज़ॉन, ईबे, स्नैपडील, क्विकर, जंगली और जोपर पर ऑनलाइन मिल जाते है।ये जो भी प्रोडक्ट बेचते है वो रॉकिंग डील कंपनी के द्वारा प्रमाणित होते है और 3 महिने से लेकर 1 साल की वारंटी भी दी जाती है। मोबाइल को रिपेयर करने में Disply, Sound . Keytuch , Ports और Clipes, Camera और Hardware को भी चैक किया जाता है।

युवा ने शुरूआत मे मोबाइल रिपेयर करना शुरू किए थे और बाद में जाकर खुद की कंपनी खड़ी की। आज इनकी कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रूपए है। युवराज़ की एक शाखा अमेरिका में खोली है और दुसरे देश में भी खोलने का भी इरादा है।

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