कलाम से ली प्रेरणा, अखबार बेचकर सपने को किया पूरा, अब गरीब बच्चों को फ्री में दे रहे शिक्षा

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भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर रत्नेश ने अपने सपनों को हकीकत में तब्दील करने के लिए काफी प्रेरित किया. अपने इसी सपने की बदोलत से रत्नेश अखबार बांटने वाले से उन्हे शोधार्थी भी बना दिया था.

रत्नेश ने अपनी काबिलियत का परचम लहराते हुए एक दो नहीं बल्कि 3 बार UGC NET की परीक्षा में सफल हुए हैं. अब वह आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम कर रहे हैं.

अहियापुर के रहने वाले रत्नेश के पिता का नाम राम प्यारे प्रजापति हैं, जो अखबार बेचने का काम करते हैं. रत्नेश ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय अहियापुर में पूरी करते हुए नगर पालिका इंटर कालेज से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की.

परिवार पर मुसीबत उस समय आने लगी जब उनके पिता का पैर टूट गया और आय का जरिया समाप्त हो गया. परिवार में चार भाई के साथ दो बहने भी थी जिनकी ज़िम्मेदारी उठाते हुए रत्नेश ने इस जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया.

2017 में रत्नेश ने समाजशास्त्र विषय से शोध करने के लिए आवेदन कर अपने सपने को पूरा करना चाहा और शोध के लिए पंजीकृत करके वह विश्वविद्यालय चले गए.

रत्नेश ने सपना देखा है, की वह टीचर बनकर उन बच्चो की सहता करना चाहते है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ताकि गरीबी की वजह से उन्हे पढ़ने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. रत्नेश ने अपनी लगन और आत्मविश्वास से अपने सपनों को पूरा कर गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं.

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