तीर्थक साहा, जिसे डीयू ने कर दिया था रिजेक्ट. लेकिन आज वह कर चूके है नासा के लिए काम

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हजारों लोगों में से किसी एक का नाम आना बहुत ही बड़ी बात होती है और उसके लिए तो यह एक बड़ी उपलब्धि होती है. नासा के लिए काम कर चुके तीर्थक को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एडमिशन तक नही मिला था लेकिन आज उनकी काबिलियत पर सबको गर्व है और वह अपने देश का नाम रोशन कर रहे है.

तीर्थक साहा :-

तीर्थक साहा 25 वर्ष के है. वह दिल्ली के द्वारका में रहने वाले है उनके पिता सरोजिनी नगर में बंगाली के शिक्षक हैं और उनकी मां डाक विभाग में कार्य करती हैं. तीर्थक साहा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट कोलंबिया स्कूल से की उसके बाद उन्होंने मणिपाल कॉलेज, कर्नाटक से ग्रैजुएशन किया और उसके बाद 2013 में वे अमेरिका चले गए थे.

संघर्षों का सामना :-

तीर्थक साहा अभी अमेरिका के इंडियाना प्रांत में रह रहकर अमेरिकन इलेक्ट्रिक पॉवर (AEP) के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन तीर्थक को जिंदगी के कुछ साल पहले दिल्ली में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा. तीर्थक खगोल भौतिकी के बारे में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन डीयू की कट ऑफ काफी ऊंची होने के कारण उन्हें दिल्ली के किसी भी कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल सका.

इसके पीछे वजह स्कूल के समय उनके नंबर अच्छे नहीं आ पाए थे. इस कारण ही दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें दाखिला नहीं दिया. वे बताते हैं कि दसवीं से ही उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिला इसी कारण 12वीं की परीक्षा देने के बाद भी वह संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने आईआईटी करने की सोची, लेकिन फिर लगा कि अगर यहां भी सेलेक्शन नहीं हुआ तो मुझे एक साल और घर पर बैठना पड़ेगा.

नासा के साथ काम :-

उन्होंने फिर मणिपाल यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल सेंटर में एप्लाइड साइंस में दाखिला ले लिया. इसके बाद उन्हें फिलाडेल्फिया की ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला. जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की इस दौरान ही उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष रिसर्च एजेंसी नासा के साथ काम किया. वे नासा के लिए मिनि सैटेलाइट के लिए सोलर पैनल मॉड्युलर बनाने पर काम किया था.

सही उम्मीदवार साबित :-

तीर्थक साहा को कैंपस से ही AEP में नौकरी मिल गई. कंपनी को पॉवर ग्रिड सिस्टम पर काम करने के लिए लड़के की जरूरत थी उस समय तीर्थक उनके लिए सही उम्मीदवार साबित हुए. उन्हें वहां पर ग्रिड मॉडर्नाइजेशन इंजिनियर की नौकरी मिली. हलाकि उस कंपनी में इस नाम का कोई पद ही नहीं था. लेकिन तीर्थक की काबिलियत को देखते हुए कंपनी ने उनके लिए यह पद बनाया गया.

साहा का प्रॉजेक्ट :-

AEP कंपनी ने हाल ही में एक इनोवेशन चैलेंज आय़ोजित रखा था. जिसमें लगभग 600 आवेदनों के बीच तीर्थक साहा का प्रॉजेक्ट दूसरे स्थान पर रहा था. तीर्थक साहा के इस प्रॉजेक्ट को कंपनी के पूरे नेटवर्क में लागू किया जाएगा. इस प्रॉजेक्ट के लिए उन्हें फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल किया गया है. उन्होंने इस सफलता पर यह कहा कि मेरे लिए यह काफी गौरव की बात है. इससे मेरे करियर की गति निर्धारित होगी.

लाइफटाइम अचीवमेंट :-

तीर्थक को यह एक लाइफटाइम अचीवमेंट जैसा लग रहा है. इसके अलावा तीर्थक अब कई सारे प्रॉजेक्ट्स के लिए काम कर रहे हैं. जिससे की वह भविष्य में ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधनों को कम से कम किया जा सकता है.

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