राजनीतिक कार्य और समाज सुधार कार्य में बल देने वाले बृजलाल वियणी का सफ़र

0

सामाजिक और राजनीतिक कार्य करने वाले बृजलाल वियाणी का जन्म 6 दिसम्बर 1896 को हुआ था उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा संबंधी और स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े रहे और उनके संस्थापक भी रहे थे. इन्होंने अपनी पूरी शक्ति बाल-विवाह और दहेज आदि से सम्माधित पर विरोध किया था. बृजलाल जी प्रदेश विधान सभा, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और केन्द्रीय संसद के सदस्य भी रह चुके थे.

बृजलाल वियाणी :

Travel to Brijlal Viani, who emphasized in political work and society reform work

बृजलाल वियाणी जी ने शिक्षा के दौरान उनके सहपाठी बने पंडित रविशंकर शुक्ल, द्वारका प्रसाद मिश्रा और सेठ गोविन्द दस जैसे प्रभावी व्यक्ति उन्हें मिले इस सबका परिणाम यह रहा की वह विद्यालय के अध्ययन को तिलांजलि दे दी और असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े.

प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्त्ता थे। शिक्षा संबंधी और स्वयं सेवी संस्थाओं के वे संस्थापक थे। इन्होंने दहेज, बाल-विवाह आदि का पूरी शक्ति से विरोध किया था। बृजलाल जी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश विधान सभा तथा केन्द्रीय संसद के सदस्य थे. संविधान सभा में भी उन्होंने अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 13 वर्ष की लम्बी अवधि तक वे विदर्भ कांग्रेस के सर्वेसर्वा भी रहे थे.

मध्य प्रदेश वियाणी जी का मुख्य कार्य क्षेत्र था. पर उनकी बृजलाल वियाणी जी की राजनीतिक गतिविधियाँ महाराष्ट्र, राजपुताना, दिल्ली और गुजरात तक बहुत फैली हुई थी. वह स्वतंत्रता संग्राम के आन्दोलन में चार बार जेल गए थे.

बृजलाल वियणी जी ने समाज सुधार के कामों में भी ने पूरे उत्साह से भाग लिया था. उन्होंने बाल-विवाह, दहेज जैसी आदि समाज सुधार का पूरी शक्ति से विरोध किया. अनेक शिक्षा संबंधी और स्वयं सेवी संस्थाओं के वे संस्थापक रहे और गाँधी जी का सर्वोदय सिद्धांत को राष्ट्र की उन्नति का एकमात्र मार्ग मानते थे उन्होंने बरार चेम्बर ऑफ कॉमर्स और माहेश्वरी सभा की स्थापना भी की थी.

वियणी जी ने हमेश से ही समाज सुधार की बातों पर बल देते थे वह कहते थे कि मनुष्य के चरित्र में परिवर्तन से ही समाज में परिवर्तन आ सकता है. वह हमेशा ग्रामीण उद्योगों और लधु उद्योगों के विकास के पक्षधर थे. वह गाँधी जी के द्वारा प्रतिपादित अहिंसा में विश्वास करते थे. इसलिए वह हिंसक कार्यों का समर्थन नहीं करते थे.

निधन :

बृजलाल वियणी का निधन 27 सितंबर 1968 ई. को हुआ था. समाज सुधार के क्षेत्र में लोग उन्हें जमना लाल बजाज के समकक्ष मानते थे. उन्होंने अपने जीवन में हमेशा सामाजिक और राजनीतिक कार्य के साथ-साथ समाज सुधार के कार्य में बल दिया था.

Leave A Reply

Your email address will not be published.