Rakesh Jhunjhunwala का CA से स्टॉक मार्केट का शहंशाह बनने का अनोखा सफर

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Success Story of Rakesh Jhunjhunwala –

स्टॉक मार्केट में अधिकांश व्यक्ति निवेश करते हैं, जिंनका मकसद अधिक से अधिक पैसा कमाना. होता हैं. स्टॉक मार्केट में कई व्यक्ति कुछ ही समय में करोड़ो रुपए कमा लेते है तो कई व्यक्ति करोड़पति से रोड्पती भी बन जाते हैं.

आज हम आपको स्टॉक मार्केट के प्रमुख निवेशक (share market investor) के बारे में जिन्होने स्टॉक मार्केट मे निवेश करके काफी लाभ कमाने के साथ नाम कमाते हुऐ एक सफल और कामयाब निवेशक भी बन गये. हम जिस निवेशक की बनात कर रहे हैं, वह और कोई नहीं बल्कि राकेश झुनझुनवाला हैं. चलिए जानते हैं राकेश झुनझुनवाला की सक्सेस स्टोरी (Success Story of Rakesh Jhunjhunwala) :

कौन हैं राकेश झुनझुनवाला ? Who is Rakesh Jhunjhunwala ?

भारतीय स्टॉक मार्केट (Indian Stock Market) में वारेन बफेट के नाम से प्रख्यात राकेश झुनझुनवाला का नाम सफल निवेशको मे सबसे पहले लिया जाता हैं. स्टॉक मार्केट में राकेश झुनझुनवाला ने जब कदम रखा था, तो महज उन्होंने 5000 रुपय से अपने इस सफर की शुरुआत की थी, जो आज के समौ में उनका व्यापार 19000 करोड़ से भी अधिक पर पहुँच गया है. राकेश का जन्म 5 जुलाई 1960 को एक मध्यम वर्गीय परिवार मे हुआ था, वैसे तो पेशे से वह एक चार्टेड अकाउंटेंट (CA Rakesh Jhunjhunwala) है. राकेश के पिता एक इनकम टैक्स ऑफिसर थे.

स्टॉक मार्केट की जानकारी बचपन मे ही उन्हें पिता से मिल गयी. उनके पिता भी स्टॉक्स मे काफी रूचि रखते थे, अपने पिता और उनके मित्र के बीच अक्सर स्टॉक मार्केट की बात को वह ध्यान से सुनते थे. जब एक दिन पिता से उन्होने स्टॉक्स के दामो मे होने वाले बदलाव के बारे में पूछा, तो पिता ने न्यूज़ पेपर पढने का एक सुझाव देते हुऐ कहा कि अख़बार की खबरे पढ़कर उन्हें स्टॉक के दामो में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी मिल जाएगी. इस त्राह उनका ध्यान स्टॉक की तरफ आकर्षित होने लग गया. पिता ने समझाते हुऐ कहा की जीवंन में कुछ भी करने से पहले प्रोफेशनली रूप से शिक्षित भी होना आवश्यक हैं. जिसके बाद उन्होने चार्टेड अकाउंटेंट का सफर चुना.

1985 मे सीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होने स्टॉक मार्केट मे जाने की इच्छा पिता के सामने जाहिर की, जिसके बाद पिता ने कहा की वह स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिये दोस्तों या उनसे कभी पैसा नहीं मांगेगे, यदि स्टॉक मार्केट में वह सफल नहीं हो पाये तो सीए बन कर अपना जीवन चलाएँगे.

स्टॉक मार्केट में राकेश झुनझुनवाला का सफर (Rakesh Jhunjhunwala Journey of share market)

1985 मे 5000 रुपए से उन्होने स्टॉक मार्केट मे शुरुआत की. BSE सेंसेक्स उस समय 150 पर थे. वह अच्छी त्राह से जानते थे, की महत इतने से पैसो मे लाभ नहीं कमा पाएंगे, लेकिन भाई के क्लाइंट से 2.5 लाख लेने के बाद उनसे वादा किया, की वह फिक्स्ड डिपाजिट से अधिक रिटर्न दिलायेंगे. 986 में उन्हे लाभ हुआ जब टाटा टी के 5000 शेयर 43 रूपए मे ख़रीदे थे, उन्हे 143 रूपए मे बेच दिये.

करीब 1986 से 1989 के दरमियान उन्हे 20 से 25 लाख रुपये का लाभ कमाया. उस समय उनहजे इस बात का एहसास हुआ कि अधिक पैसे कमाने के लिए महज ट्रेडिंग ही एकमात्र और सही विकल्प है. जिसके बाद न्होंने स्टॉक में ट्रेडिंग करना शुरू किया. 10 मिलियन रुपय में उन्होंने सीसा गोवा के 400000 शेयर ख़रीद लिएजिंहे यूएनओने अलग-अलग दामो में उन्होने बेच दिया.

2002-2003 मे झुनझुनवाला ने टाइटन के 6 करोड़ शेयर 3 रुपय की औसत से अपने लिए ख़रीद लिए. जिसकी कीमत 817 रुपय चल रही है. जबकि निवेश की वैल्यू अधिक बढ़कर 900 मिलियन डॉलर से ज्यादा पर पहुच गयी है. कंपनी मे उनकी 8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

लूपिन को उन्होंने 2006 मे 150 रूपये मे ख़रीदा था, जो अब 1100 के लेवल पर ट्रेड कर रहा है. क्रिसिल के शेयर उन्होने 200-300 रूपये के लेवल पर ख़रीदे थे, जिनका मूल्य 1800 रुपए है.

झुनझुनवाला की निजी स्वामित्व वाली स्टॉक ट्रेडिंग फर्म RARE ENTERPRISES मे अपनी पत्नी के साथ झुनझुनवाला भागीदार है जिसका नाम पत्नी रेखा और उनके नाम के पहले दो प्रारंभिक नामों से मिलकर ही बना है.

फोर्ब्स (2017) के अनुसार झुनझुनवाला 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नेट वर्थ के वह भारत के 54 वां सबसे अमीर नागरिक है. सफल स्टॉक मार्केट निवेशक होने के अलावा वह कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स भी है, उन्होने हिंदी फिल्मो की एंड का, इंग्लिश विन्ग्लि,शमिताभ के प्रोडूसर भी रह चुके है.

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