अमेरिका की नौकरी छोड़ अपने गाँव में बकरी पालन का बिजनेस कर कमा रहे है लाखोँ रूपए

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हर युवा अपनी पढाई पूरी करने के बाद सोचता है कि वह विदेश में जाकर पैसा कमाई जिसके लिए हर युवा बहुत प्रयास भी करता हैं. लेकिन अमेरिका जैसे देश में जाकर पैसा कमाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है कुछ किस्मत वाले ही इसमें सफल हो पाते हैं कई युवा गाँव से निकलकर शहरों की ओर रोजगार के लिए निकल जाते है तो कुछ युवा अपने गांव में ही रह कर अपना खुद का कोई सफल बिजनेस करते है आज हम आप लोगो एक ऐसे युवा के बारे में बताने वाले जिसने अपनी अमेरिका की नौकरी छोड़कर गाँव में बकरी पालने का काम शुरू कर लांखो की कमाई कर रहा है तो आइये जानते है इस युवा के बारे. 

अभिषेक भराड :-

अभिषेक भराड महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के साखखेर्डा गांव के रहने वाले है. उनके पिता भागवत भराड सिंचाई विभाग में इंजिनियर थे. अभिषेक भराड ने पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ से 2008 में बीएससी करने के बाद अमेरिका से लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और फिर वहीं से अपनी पीएचडी की पढाई भी पूरी की पीएचडी के बाद उन्हें वैज्ञानिक के तौर पर अमेरिका में ही नौकरी मिल गई.

देश लौटकर :-

अमेरिका में 2 साल तक नौकरी की लेकिन उन्हें घर की याद सताने लगी. इसलिए वे अपने देश लौटकर यहीं पर कुछ करना चाहते थे. वे अपने गांव लौटकर वे एग्री बिजनेस शुरू करना चाहते थे.

बकरी पालन के बारे में :-

अभिषेक को बकरी पालन के बारे में मालूम चला लेकिन इसे शुरू करने के लिए काफी जमीन की आवश्यकता थी. उन्होंने लगभग 20 एकड़ जमीन लीज पर ली थी. इस बिजनेस को शुरू करने में उन्हें 12 लाख का निवेश भी करना पड़ा.

काम की शुरुआत :-

हर पिता का सपना होता है की उसका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने. अभिषेक ने अपने माता-पिता के इस सपने को पूरा करके दिखाया और अमेरिका में नौकरी हासिल की. लेकिन बाद में अभिषेक ने अपने परिवार से इज़ाज़त लेकर अमेरिका से नौकरी छोड़कर अपने गाँव में 20 एकड़ ज़मीन और एक गोट शेड किराये पर लेकर 120 बकरियों के साथ इस काम की शुरुआत की.

सही खुराक :-

अभिषेक ने 120 बकरियों के साथ इस बिजनेस की शुरुआत की थी. लेकिन सिर्फ एक साल के अंदर ही उनके बकरियों की संख्या दोगुनी हो गई. आज उनके पास 350 से भी अधिक बकरियां हैं वह कहते है कि बकरियों को सही खुराक देनी पड़ती है और समय पर उनके चारे की व्यवस्था करनी पड़ती है. उन्होंने बकरियों के चारे के लिए 6 एकड़ की जमीन पर मक्का और बाजरा जैसी फसलें भी बोई हैं. ताकि बकरी को अच्छा चारा मिल सके. अभिषेक के पास आठ प्रकार की बकरियां हैं जैसे अफ्रीकी बोर, बेतट, जमुनीपरी, सिरोही आदि प्रकार की बकरियां है.

3 से 4 लाख रुपये :-

हर एक बकरी बेचने पर लगभग 10 हजार रुपये मिलते हैं. इस तरह से उन्हें हर साल 10 लाख रुपये की आमदनी होती है. उनका यह भी कहना है कि अगर 7 लाख रुपयों से निवेश करें तो हमें हर साल 3 से 4 लाख रुपये आराम से मिल सकते हैं और जैसे-जैसे बकरियों की संख्या बढ़ेगी, आमदनी भी बढ़ती चली जाएगी.

गोट फार्म के अलावा :-

गोट फार्म के अलावा अभिषेक ने आर्गेनिक खेती व देशी मुर्गीपालन का काम भी शुरू कर चुके हैं. दुसरे किसान भी उनसे प्रेरणा लेकर आर्गेनिक खेती की और जा रहे हैं.

किसानों का मार्गदर्शक :-

इस कार्य से वो आज हजारों किसानों का मार्गदर्शक कर रहे हैं और लाखों रूपये कम भी रहे हैं उनका बकरी फार्म पुरे देश में प्रसिद्ध है और हजारों लोग इसे देखने के लिए आते हैं.

Sources

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