अटल बिहारी वाजपेयी : एक नेता, एक कवि और इन सबसे पहले एक अच्छे इंसान

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Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi –

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) एक नेता के साथ एक बहुत अच्छे कवी थे. इन सबसे पहले वो एक अच्छे इंसान थे, उन्होंने अपनी कई सारी कविताओं की एल्बम भी लिखीं. इंडिया में BJP पार्टी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (PM Atal Bihari Vajpayee) का निधन 16 अगस्त 2018 को एक लम्बे समय से चल रही बिमारी के कारण हो गया.

अटल बिहारी बीजेपी के पहले एक उम्मीदवार थे जो देश के प्रधानमंत्री बने और दूसरे नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने 15 अगस्त के दिन लालकिले पर झंडा फहराया. उन्होंने 15 अगस्त के लिए अपनी मौत को भी कल पर आखिरकार टाल ही दिया था. उन्हें कई अवार्डो ने नवाज़ा जा गया है जिनमें भारत रत्न , फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड, डी लिट् की उपाधि, गोविंद वल्ल भ पंत आदि शामिल हैं. आइए जानते हैं आज उनके बारे में (Atal Bihari Vajpayee Biography) :

पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का प्रारम्भिक जीवन :

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म (Atal Bihari Vajpayee Biography date of birth) 24 दिसम्बर 1924 को छावनी में हुआ था. इनके पिता का नाम पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी था जो कि मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे. और इनकी माता का नाम कृष्णा वाजपेयी था. अटल बिहारी के कवि होने के कारण उनके पिता थे क्योकि इनके पिता हिंदी और ब्रज भाषा में कविताएं लिखा करते थे इसलिए बचपन से ही कविताओं का शौक अटल को भी था.

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अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (जिसे हम आज लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जानते हैं) से BA में ग्रेजुएशन कम्पलीट किया और कानपुर में DAVV कॉलेज से MA में मास्टर डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की. इसके बाद में कानपुर से ही LLB की पढ़ाई शुरू कर दी लेकिन उनकी तकदीर में राजनीती लिखी थी इसलिए LLB की पढ़ाई बीच में ही छोडकर राजनीति की दुनिया में आ गए.

अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन (Atal Bihari Vajpayee Political Career) :

बिहारी जी के राजनीति जीवन से तो आप भली भाती परिचित हैं. वे उन लोगो में से एक थे जिन्होंने भारतीय संघ की स्थापना की. पहली बार जब उन्होंने लोकसभा सदस्य के लिए चुनाव लड़ा (सन 1944) तब उन्हें असफलता हाथ लगी. सन 1946 में उन्होंने बलरामपुर उत्तरप्रदेश में जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और वो वही से विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे और 1946 से 1966 तक यानी लगातार 20 वर्षो तक वो जनसंघ के नेता रहे.

साल 1966 से 1979 तक मोरारजी देसाई के विदेशी मंत्री रहे और भारत में अपनी एक अलग छवि बनाई. साल 1980 में जब उन्होंने असंतुष्ट होकर जनता पार्टी को छोड़ा तो उसके बाद साल 1980 में बनी और BJP की पार्टी में उन्हें अध्यक्ष बनाया गया. उसके बाद साल 1996 में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली और साल 1998 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर पुन: शपथ ली.

साल 2004 तक उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका बनाई. अपने शुरूआती समय में अटल की सरकार ने सबसे पहले पोखरण में भूमिगत परमाणु का परिक्षण करके भारत को परमाणु से संपन्न देश घोषित किया. उसके बाद देश में चल रही कई समस्याओं को सामना करते हुए अटल की सरकार ने आर्थिक विकास को भी मजबूत कर लिया. उसके बाद PM के पद पर कांग्रेस सरकार विजय होती गयी और बीजेपी की पार्टी को विपक्ष में ही बैठना पड़ा.

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PM के पद पर रहते हुए अटल बिहारी ने किए निम्न कार्य (Atal Bihari Vajpayee as a Prime Minister) :

सौ साल से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया..

संरचनात्मक ढाँचे के लिए कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिए केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया.

राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास, नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाए.

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं.

आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतें नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमन्त्रियों का सम्मेलन बुलाया.

उड़ीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया.

आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया.

ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की.

सरकारी खर्चे पर रोजा इफ़्तार शुरू किया .

एक कवि के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee as a Poet) :

अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे. ये प्रेरणा उन्हें उनके पिताजी से मिली थी उनके पिता हिंदी और ब्रज भाषा में कविताएं लिखा करते थे. अटल के द्वारा लिखी गयी पहली कवीता का नाम है “ताजमहल”. अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने कई लोगों को कई सन्देश भी दिए. वो ये कविताएं सिर्फ अपने शौक से लिखते थे लेकिन सभी को इनकी कविताएं बहुत पसंद आती थीं. उनकी कुछ कविताए इस प्रकार है –

• पंद्रह अगस्त की पुकार

• कदम मिलाकर चलना होगा

• हरी हरी दूब पर

• कौरव कौन, कौन पांडव

• दूध में दरार पड़ गई

• क्षमा याचना

• मनाली मत जइयो

• पुनः चमकेगा दिनकर

• अंतरद्वंद्व

• जीवन की ढलने लगी साँझ

• मौत से ठन गई

• मैं न चुप हूँ न गाता हूँ

• एक बरस बीत गया

• आओ फिर से दिया जलाएँ

• अपने ही मन से कुछ बोलें

• झुक नहीं सकते

• ऊँचाई

• हिरोशिमा की पीड़ा

• दो अनुभूतियाँ

• राह कौन सी जाऊँ मैं?

• जो बरसों तक सड़े जेल में

• मैं अखिल विश्व का गुरू महान

• दुनिया का इतिहास पूछता

• भारत जमीन का टुकड़ा नहीं

• पड़ोसी से

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अटल बिहारी वाजपेयी का निधन (Atal Bihari Vajpayee Death) :

अटल जी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था और इसी के बाद से उनके बोलने की क्षमता ख़त्म हो गई थी. 11 जून 2018 को उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने काफी इलाज किया लेकिन 15 अगस्त से उनकी हालत ज्यादा नाजुक हो गई और 16 अगस्त के दिन शाम को 4 बजकर 4 मिनट पर उनकी मौत हो गई.

इसे पढने के बाद आप यह तो समझ ही गए होंगे कि वे जरुर 15 अगस्त के दिन तिरंगा लहराते हुए देखना चाहते थे इसलिए इतने दिन तक उन्होंने अपनी मौत को भी टाले रखा. आखिरकार वो अगले दिन यानी 16 अगस्त को इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए. आज अटल बिहारी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी छवि, कविताएं और यादें सभी के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी. उनकी तरफ से पूरे भारत को “जय हिन्द जय भारत”.

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