भारत में ऐसी कई बार घटनाएं हुई हैं, जिससे जन-धन की बहुत हानी हुई है. इन घटनाओं के कारण हजारों लोग मोट की आगोश मे सो गए, तो लाखों लोगों को अपना घर बार मजबूरी मे छोड़ना पड़ा. इतना ही नहीं इन घटनाओं के चलते देश को काफी आर्थिक क्षति भी हुई. आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताने वाले हैं, जिनके कारण जान माल का बहुत ज्यादा ही नुकसान हुआ था.
भोपाल गैस त्रासदी :-
3 दिसंबर 1984 की उस मनहूस रात को कोई भुलाए नहीं भूल सकता है. 3 दिसंबर की इस रात को आज भी लोग काल की रात कहते है, उस रात मौत ने दबे पांव हजारों लोगों को अपनी आगोश में ले लिया था. भोपाल मे यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस के रिसाव से शहर में मौत का तांडव हुआ था. यह घटना यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के पेस्टिसाइड प्लांट में हुआ था, जिसका मुखी कारण लापरवाही बताया गया था.
एक लापरवाही के कारण करीब 5 लाख 58 हजार 125 लोग मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के अलावा दूसरी जहरीले रसायनों के रिसाव का शिकार हो गए थे. भोपाल गैस त्रासदी में तकरीबन 25 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. यहा तक की आज भी वह स्थित लोग इस गैस रिसाव का खामियाजा भुगत रहे हैं. इस भयंकर त्रासदी के बाद भोपाल में जिस बच्चे ने भी जन्म लिया, उनमें से अधिकांश बच्चे या तो विकलांग पैदा हुए या फिर किसी बीमारी को लेकर ही इस दुनिया मे आए.
महाराष्ट्र बाढ़ :-
महाराष्ट्र में 2005 में भीषण बाढ़ के कहर से 500 से अधिक लोग इस दुनिया से रुखसत हो गए थे. दक्षिण मुंबई के गांव में भूस्खलन के चलते एक साथ 100 से ज्यादा लोग मारे गए. जानकारी के अनुसार मुंबई में 26 इंच रिकॉर्ड बारिश हुई थी. यह बरसात भारत में अब तक 1 दिन में रिकॉर्ड है सबसे अधिक बरसात की. इस घटना मे अधिकतर व्यक्तियों की मौत डूबने से हुई थी. कई व्यक्ति जमीन धंसने से मारे गए थे.
बिहार ट्रेन हादसा :-
बिहार के खगड़िया जिले के धमारा घाट पर 6 जून 1981 को भारत की सबसे बड़ी एवं विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ट्रेन यहा दुर्घटना का शिकार हुई थी. ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी. ट्रेन ड्राइवर के अचानक ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन की 7 बोगियां अचानक ही पुल को तोड़ते हुए लबालब नदी में समा गई.
आंकड़ों की माने तो इस दुर्घटना में 800 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन जाच मे यह संख्या कई गुना बढ़ गई, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 500 लोग ही ट्रेन में सफर कर रहे थे, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने मीडिया को बताया की मृतकों की संख्या करीब 1000 से 3000 तक है.
मुंबई ब्रिज हादसा :-
मुंबई के एलफिंस्टन ब्रिज पर सितंबर 2017 को भगदड़ में करीब 23 लोगों को मोत की नींद सुला दिया. उस समय मुंबई में भीड़ अपनी चरम सीमा पर थी, कई व्यक्ति अपने दफ्तरों की तरह जा रहे थे. रोज की तरह मुंबई के एलफिंस्टन और परेल रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाला फुट ओवर ब्रिज पर अधिक तादाद मे व्यक्ति आ जा रहे थे. अचानक तेज बरसात के कारण पुल पर भीड़ ज्यादा हो गई.
बरसात से बचने के लिए लोग ब्रिज पर चढ़ने लगे. 106 साल पुराने ब्रिज पर लोगो की संख्या लगातार बड्ति ही जा रही थी. ब्रिज पर फिसलन के कारण एक व्यक्ति का पैर फिसल गया और वह वहा से गिर गया. एक व्यक्ति के गिरते ही धक्का-मुक्की का सिलसिला पुल पर शुरू हो गया. वह स्थित व्यक्ति पुल से बाहर जाने के लिए उतावले हो गए. इस बीच किसी ने अफवाह फैला दी की रेलिंग टूट गई है, शॉर्ट सर्किट होने लगा है. फिर क्या था, ब्रिज पर भगदड ने विशाल रूप ले लिया, हर कोई एक के ऊपर एक चढ़ते हुये बाहर निकलने का प्रयास करने लगे. हर तरफ अफरा-तफरी मच गई, जिस वजह से 23 से अधिक लोगों की मोत हो गई.
2008 में बिहार में आई भीषण :-
2008 में बिहार में एक भयानक बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. इस बाढ की चपेट मे बिहार के 3 जिलो को अधिक नुकसान हुआ. हर तरफ बाढ़ ने भारी तबाही मचा राखी थी.
नेपाल से आने वाली कोसी नदी पर बना तटबंध धराशाही हो गया, जो 3 जिलों में बाढ़ के तांडव का कारण बना. इस घटना मेलोगों को अपना आशियाना छोड़कर अन्य स्थान की तरफ भागना पड़ा. कई व्यक्तियों की इस घटना मे मोत हो गई. इस भयंकर बाढ़ के चलते अरबों रुपए का आर्थिक नुकसान भी हुआ.