भगवान का रूप होता है डॉक्टर इस कहावत को सचकर रहे हैं डॉक्टर चौधरी, आप भी करेंगे सलाम

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किसी ने क्या खूब कहा है, “काम करो ऐसा की पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो की निशां बन जाए, यंहा जिंदगी तो सभी काट ही लेते हैं, जिंदगी जियो ऐसी की मिसाल बन जाए.”

डॉक्टर भगवान का रूप हैं

कहते हैं चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होता है. कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो मरीजों की सेवा नारायण सेवा सरीखे मानते हैं. वाकई में ये चिकित्सक प्रेरणा के पुंज हैं. जिस तरह से भगवान लोगों को नया जीवन देते हैं,उसी तरह डॉक्टर उस जीवन को बचाने का काम करते हैं. जब व्यक्ति किसी रोग से ग्रसित हो जाता है तो एक डॉक्टर ही है जो उसे एक नया जीवनदान देता है.हालांकि आज क दौर में इस डॉक्टरी पेशे में कुछ ऐसे भी लोग आ गये हैं जिनका काम सेवा न होकर कमाई करना है.

एक डॉक्टर फ्री में कर रहा है इलाज

ऐसे डॉक्टर इस पेशे को समय समय पर शर्मसार करने का काम करते हैं. हालांकि सभी डॉक्टर ऐसे नहीं होते हैं.कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं जो सही मायनों में सेवा का काम करते हैं. वह मरीज के इलाज के लिये दिन-रात तत्पर रहते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं.यूपी के कानपुर शहर के एक डॉक्टर न एक ऐसी मिशाल पेश की है जिसके बारे में मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भी उनकी तारीफ की है.

नर्सिंग होम है लेकिन फुटपाथ पर है क्लीनिक

आपने अभी तक कई ऐसी खबरें पढ़ी होंगी जिसमें गरीब व्यक्ति इजाल के लिये दर दर भटकता रहता है औऱ इलाज न होने की वजह से अपना जीवन खो देता है. वहीं आज के दौर में डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी फुटपाथ पर गरीबों का इलाज करने के लिये सड़क पर उतरे हैं, जब डॉक्टर्स ऐसी जगह जाने पर अपनी तौहीन समझते हैं.

फ्री इलाज और मुफ्त दवाइयां मिलती हैं

कानपुर के लालबंगला में 100बेड का नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी के लिये अपने नर्सिंग होम से पहले शहीद सैनिकों औऱ गरीब परिवार का इलाज करना है. इसलिये वह हर रोज सुबह 11 से 12 कचहरी के चेतना चौराहे पर मंदिर के बाहर फुटपाथ पर अपनी क्लीनिक लगाते हैं. ताकि मरीज अपना निशुल्क इलाज करा सकें. उनकी मेज पर एक दानपात्र रखा है, जिसमें कोई भी मनचाहे रुपये डाल सकता है. इस रुपये को एकत्रकर वह शहीद सैनिकों के परिवार के साथ ही गरीबों की मदद करते हैं.

फुटपाथ पर क्लीनिक में रोजाना दो दर्जन से अधिक मरीज पहुंचते हैं. मरीज अपना ब्लेडप्रेशर से लेकर शुगर भी जांच कराते हैं. और दवाइंया भी लिखवाते हैं. इनको न सिर्फ डॉक्टर चौधरी का फ्री में इलाज मिलता है, बल्कि दवाइयां भी मुफ्त मिलती हैं. डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी की यह पहल उन चिकित्सकों के लिये है, जो मरीजों से मोटी फीस तो ले लेते हैं लेकिन उनका इलाज सही से नहीं करते हैं.

बेटी है सिंगापुर में डॉक्टर, बेटा इंजीनियर है

साधारण कुर्ता पैजामा पहनने वाले डॉक्टर फुटपाथ पर देखकर आने-जाने वाले लोग अक्सर चकित रह जाते हैं. डॉक्टर चौधरी एक संपन्न परिवार से हैं, इसके बावजूद उनका समाज सेवा का यह जज्बा देख डॉक्टर पेशे के प्रति आदर भाव जगाता है. डॉक्टर चौधरी की बेटी सिंगापुर में डॉक्टर है, बेटा IIT इंजीनियर है और भाई-भाभी शहर के नामी डॉक्टर्स हैं. ऐसे संपन्न परिवार के होते हुए भी शहीद परिवारों के लिये डॉक्टर चौधरी एक मिसाल है.

पीएम मोदी भी हुए डॉक्टर चौधरी के मुरीद

मरीजों का कहना है कि डॉक्टर साहब की यह पहल सराहनीय है और यदि उनका यह क्रम जारी रहा तो निश्चितौर पर इससे गरीबों को काफी लाभ मिलेगा. लगातार फुटपाथ पर चल रहे इस क्लीनिक पर अब मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही रही है. इस क्लीनिक पर डॉक्टर साहब के साथ एक कंपाउडर भी रहता है. डॉक्टर साहब का कहना है कि उनका मकसद गरीबों की मदद करना है. आपको बता दें कि डॉक्टर साहब ये काम करीब दो माह से कर रहे हैं. जब डॉ. अजीत मोहन चौधरी को पता चला कि पीएम मोदी ने उनके विषय में मन की बात कार्यक्रम में बात की है तो उन्होने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया.

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