फ्लिप्कार्ट को खरीदने वाली वॉलमार्ट की कहानी

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“सपनो में जिनके जान होती है मज़िले भी उनके कदम चूमती है किस्मत दरवाजा खटखटाए या न खटखटाए हम आरती की थाली लेकर हाज़िर रहते है” . कामयाबी पाना है पानी में आग लगाना और पानी में आग आसानी से लगती नही ये कहावत सभी सफल इंसानों को बहुत अच्छे से पता है क्योकि बिना परशराम के कुछ नही मिलता. कामयाब होने के लिए हमें क्या कुछ नही करना पड़ता किसी को होटल में बर्तन धोने पड़ते है तो किसी को चाय बेचनी किसी को उस दुनिया से लड़ना होता है तो किसी को खुद से. आज हम फ्लिप्कार्ट के होने वाले नये मालिक की कहानी सुनाने जा रहे है जो की वॉलमार्ट के मालिक है.

इनका सफ़र भी आसान नही था आईये जानते है –

वालमार्ट के मालिक का नाम है सैम वॉल्टन सैम का का जन्म अमेरिका के ओक्लाहोमा सिटी में हुआ था. इनके पिता का नाम थॉमस वॉल्टन था जो की एक डेयरी फार्म चलाते थे. सैम अपने पिता का काम में हाथ बटाते थे जैसे गायो का दूध निकालना और अपने पिता के साथ सभी के घरो में दूध बाटना. दूध बाटकर वो दोनों सभी के घरो में कोलंबिया डेली नाम का न्यूजपेपर पहुंचाते थे.

दूध और न्यूज़ पेपर बेचकर भी इतनी कमाई नही हो पाती थी की वो उनके पुरे परिवार का पेट भर सके. इसलिए बाद में सैम के पिताजी ने अपने भाई की एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करनी शुरू कर दी. इसके चलते उनका पूरा परिवार कोलंबिया में ही शिफ्ट हो गया.

सैम ने कोलंबिया के डेविड एच. हिकमैन हाई स्कूल से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और बाद में अपने परिवार का खर्च उठाने के लिए एक मैगजीन सब्सक्रिप्शन को बेचने का काम शुरू कर दिया . इसी साल सैम ने ‘मोस्ट वर्सटाइल ब्वॉय’ के लिए वोट किया था. हाई स्कूल की पढाई पूरी होने के बाद सैम किसी अच्छी नौकरी के लिए कोशिश जारी राखी जिससे की उनके परिवार को उनकी मदद मिल सके .

भूख के चलते ये काम भी किया

आपको ये जानकर हैरानी होगी की सैम होटल की बुक की हुई टेबल पर बैठकर घंटो इंतज़ार करते थे की अगर वो इंसान जिसने टेबल बुक करवाई है वो न आये तो उनके बदले का खाना सैम को मिल जाए .जिसे वो घर ले जाकर सबके साथ खाते थे

शुरू की जॉब

इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन डिग्री हासिल करने के बाद सैम ने एक ट्रेनी के तौर पर एक कंपनी में जॉब करना शुरू किया बाद में कुछ कारणों के चलते सैम ने इस जॉब से रिजाइन दे दिया और द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त मिलिट्री जॉइन कर ली। यहां पर किस्मत के साथ होने से वे कुछ ही सालों कैप्टन की पोजीशन तक पहुंच गए.

लेकिन बाद में उन्होंने साल 1945 में मिलिट्री भी छोड़ दी उस समय सैम की लगभग 26 साल के थे. सैम के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था उन्होंने इसके बाद लोन लेकर एक वैरायटी स्टोर खरीदा और यहा पर काम शुरू कर दिया दिन रात की मेहनत के बाद आख़िरकार सैम का स्टोर चल पड़ा और उससे लाभ भी हुआ .स्टोर से मिले लाभ से उन्होंने एक और वैरायटी स्टोर भी खरीद लिया.

वालमार्ट की शुरुआत

किस्मत ने उनका भरपूर साथ दिया और सिर्फ तीन साल के अंदर उनके स्टोर का टर्न ओवर 225,000 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया . पैसा तो सैम ने कमा लिया था लेकिन वो कुछ बड़ा करना चाहते थे . इसलिए उन्होंने 2 जुलाई 1962 को वॉल मार्ट स्टोर खोला । वॉलमार्ट में 21 लाख लोग काम करते हैं, जो कि आइसलैंड की कुल आबादी का सात गुना है. वॉलमार्ट का सालाना कारोबार 21 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है

1) फोर्ब्स ने 1982 से 1988 के बीच सैम वाल्टन को अमेरिका के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में रखा था.

2) अप्रैल 1992 में सैम वॉल्टन का निधन हुआ था उनकी मौत के वक्त तक वॉल मार्ट के दुनियाभर में तकरीबन 2000 स्टोर थे जिसमें करीब 380, 000 लोग नौकरी कर रहे थे। इस लिहाज से वॉल मार्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.

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