इलाज नही होने से बहन की मौत होने के कारण भाई ने बनाया गरीबो के लिए अस्पताल

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एक ऐसा गाँव जिसमे किसी भी तरह की सुविधा नही है यहा पर न तो चिकित्सा से सम्बन्धित किसी तरह की व्यवस्था है और न ही रहने की सुविधा. फिर भी इस गाँव को काफी लोग जानते है कारण ये है की इस अस्पताल को एक टेक्सी ड्राईवर जिसका नाम सैदुल लश्कर है ने बनवाया है यहा पर सभी गरीब गाँव वालो का इलाज होता है .

आखिर क्यो बनवाया हॉस्पिटल 

सैदुल लश्कर की एक बहन थी जिसका नाम मरुफा था 17 वर्ष की उम्र में मरुफा को छाती में संक्रमण हुआ गाँव में किसी भी तरह की कोई सुविधा नही थी और सैदुल लश्कर के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह दूर शहर जाकर बड़े अस्पताल में अपनी बहन का इलाज करवाते. इसके चलते मरुफा की मौत हो गयी जिसका गहरा सदमा उनके भाई को लगा और उन्होंने गाँव में ही अस्पताल बनवाने की ठान ली. उन्होंने डोनेशन और सेविंग की मदद से पैसे इकठ्ठे किये और एक अस्पताल बनवाया. जहा पर गरीब लोग इलाज के लिए आते है .

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कहा है सेदुल का हॉस्पिटल 

उन्होंने कोलकाता से करीब 55 किलोमीटर दूर बरुईपुर के पास पुनरी गांव में अपनी बहन की याद में “मारुफा स्मृति वेल्फेयर फाउंडेशन” बनवाया. उनका कहना है की इस अस्पताल को बनाने का मेरा उद्देश्य यही है की मेरी बहन की तरह इलाज के साधन के अभाव में गरीबों को अपनी जान न गंवाना पड़े.

इस तरह की  पैसो की व्यवस्था

सैदुल एक टेक्सी ड्राईवर है वे टैक्सी चलाते समय अपनी गाड़ी में बैठे पैसेंजर को अस्पताल के बारे में बताते और अपने कागजात व लोगों से मिले दान की पर्चियां दिखाते, कुछ लोग उनकी मदद करते और अधिकांश लोग उनकी कोई मदद करने से इनकार कर देते थे. उनकी पत्नी हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं उन्होंने जमीन खरिदने के लिए अपने सारे गहने दे दिए. आखिरकार, फरवरी 2017 को अस्पताल शुरू होने पर सैदुल का सपना साकार हुआ.

हॉस्पिटल मे है ये सुविधाए 

अब इस अस्पताल को 50 बिस्तरों से सुसज्जित और एक्स-रे व ईसीजी की सुविधा से लैस बनाने की दिशा में काम चल रहा है. सैदुल ने कहा- वर्तमान में यह दो मंजिला भवन है लेकिन हमारी योजना इसे चार मंजिला बनाने की है. अस्पताल जाते समय ई-रिक्शा चालक सोजोल दास ने बताया- हर तरफ अब चर्चा होती है और इलाके में अस्पताल के बारे में लोग बातें करते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके है तारीफ 

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सैदुल के बड़े सपने देखने और उसे साकार करने के जुनून से काफी लोग प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सैदुल के प्रयासों की सराहना की थी. जब मोदी जी ने उनकी और उनके अस्पताल की चर्चा की तो 40 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर काफी उत्साहित हुए हैं .

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