कैसे बने अटल बिहारी वायपेयी तीन बार प्रधानमंत्री जानिए इनके राजनैतिक जीवन के बारे

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अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व के ग्याहरवें प्रधानमंत्री है वाजपेयी जी अपनी राजनैतिक दुनिया में देश के सबसे आर्दशवादी एंव प्रशंसनीय राजनेता बने और यह अपने भारतीय राजनैतिक सफ़र में एक बहुत ही सक्रीय नेता है आज इनकी की वजह से हमारा भारत देश यहाँ तक पहुँच पाया है जोकि भारत के लिए बेहद्द गौरव की बात है वाजपेयी जी एक प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ बहुत अच्छे हिन्दी कवि,पत्रकार व प्रखर वक्ता भी है उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने संकल्प लेकर आंरभ किया और अपने भारत देश को उच्चतम स्थान पर पहुँचाने के प्रति पूरी निष्ठा शक्ति से निभाया है।

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी :-

बिहारी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ और इस दिन पूरी दुनिया में क्रिसमस डे भी बनाया जाता है इनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी रियासत में अध्यापक है इससे अतिरिक्त वह एक हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि थे और माता कृष्णा देवी एंव बिहारी जी के 7 भाई बहन भी थे ।

बिहारी जी की शिक्षा :-

बिहारी जी ने अपनी स्कूल की पढाई स्वरास्ती से करने के बाद में लक्ष्मी बाई कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया फिर कानपूर के DAVV कॉलेज से इन्कोनोमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया फिर उन्होंने एल.एल.बी. की पढाई भी शुरू की थी लेकिन बिहारी जी का पढाई में मन नहीं लगने की वजह से उन्होंने इसे बीच में ही छोड़ दिया और डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदेश अनुसार राजनीती का पाठ पढना शुरू कर दिया जिसे उन्होंने पूरी निष्ठां के साथ निभाया।

राजनैतिक जीवन आंरभ कैसे हुआ :-

अटल बिहारी वाजपेयी भारती छोड़ो आन्दोलन में सभी नेताओं के साथ बिहारी जी ने भी इस में हिस्सा लिया और जेल भी गए इसी बीच में बिहारी जी की मुलाकात भारतीय जन संघ के लीडर श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई अटल जी ने मुखर्जी के साथ-साथ रहने में राजनीती के पेंच भी सीखे फिर कुछ दिनों बाद में मुखर्जी जी की तबियत ख़राब होने लगी जिससे उनकी मृत्यु होगई इसके बाद में अटल बिहारी जी ने भारतीय सन संघ की संभाल और इसका विस्तार किया।

कैसे बने प्रधानमंत्री :-

अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार लोकसभा के लिए चुने गए दूसरी बार लोकसभा से तेरहवी लोकसभा के बीच में कुछ लोकसभाओं में वह वक्त पर उपस्थित नहीं हो पाए जिसके बाद में वह 1984 को ग्वालियर में काँग्रेस माधवराव सिधिया के द्वारा हार गए फिर 1986 में राज्यसभा के सदस्य भी बने और 16 मई 1996 में वह पहली बार प्रधानमंत्री बने
लेकिन लोकसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से 31 मई 1996 को उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा जब तक वह लोकसभा में विपक्ष के नेता बने रहे। बिहारी जी ने 1998 में आम चुनाव में सहयोगी पार्टी के साथ लोकसभा में अपने गठबंधन का बहुमत हासिल कर एक बार फिर से प्रधानमंत्री बने

प्रधानमंत्री बनने का सफ़र :-

• 1996 के चुनाव में बीजेपी एक अकेली ही सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी थी जिसके बाद में मई 1996 में बीजेपी को जीत हासिल हुई और बिहारी जो को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया परन्तु बीजेपी को दूसरी पार्टियों से किसी भी तरह का कोई सपोर्ट नहीं मिला जिसके कारण सिर्फ 13 ही दिनों में बिहारी जी को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देन पड़ा।

• बीजेपी सरकार 2 बार बनी लेकिन सपोर्ट न होने की वजह नहीं टीक पाई जिसके बाद में बीजेपी ने दूसरी पार्टियों के साथ में मिल कर डोमेस्टिक पार्टी की स्थापना की लेकिन फिर भी उनकी सरकार केवल 13 महीने ही रही।

• अब 1999 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध में भारत की जीत ने अटल बिहारी जी की सरकार को बहुत मजबूत बनाया

• 2 बार हारने के बाद भी बीजेपी ने अपनी हार न मानते हुए फिर से चुनाव में अपने NDA को मजबूत किया और पाकिस्तान से भारत की जीत ने बीजेपी को फिर से जीतने का मुका दिया जीके बाद में बिहारी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।

• इस बार बीजेपी ने अपने 5 साल पुरे कर नॉन कांग्रेस पार्टी बन गई और सभी पार्टियों की मदद से बिहारी जी ने देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए एक योजना बनाई जोकि नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट एंव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना रही

अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्य :-

• राष्ट्रीय सुरक्षा समिति,आर्थिक सलाह समिति,व्यापार एंव उद्योग समिति भी गठित की।

• एक सौ साल से भी अधिक पुराने कावेरी जल के मामले को सुलझाया।

• आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सात सूत्रीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को आंरभ किया।

• ग्रामीण रोजगार स्रजन एंव विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगो के लिए बिमा योजना भी शुरू की।

• जरूरत मंद उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतों नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्रियों का सम्मलेन भी किया।

• राष्ट्रीय राजमार्गों एंव हवाई अड्डो का विकास,नई टेलिकॉम नीति और कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक को मजबूत करने के लिए भी निम्न कदम उठाएं।

बिहारी जी का कवि रूप :-

पुर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता होने के साथ एक बेहद अच्छे कवि भी है बिहारी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण तो विरासत में मिले है इनकी सबसे पहली कविता ताजमहल थी इसमें श्रृंगार रस के प्रेम प्रसून के द्वारा बनाया गया है इस के अलावा इनकी कई सारी रचनाएँ भी है जैसे मृत्यु या हत्या,कैदी कविराय की कुण्डलियाँ,संसद में तीन दशक,अमर आग,कुछ लेख: कुछ भाषण आदि।

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