सिक्योरिटी गार्ड के बेटे से लेकर चेन्नई सुपरकिंग्स को चैंपियन बनाने वाले रविंद्र जडेजा की जिंदगी की ये है अनसुनी कहानी

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कहते है सफलता कभी भी आसानी से नहीं मिलती और ना ही सफलता का कोई शोर्ट कट है इसीलिए यदि सूरज की तरह चमकना है तो इसके लिए पहले सूरज की तरह जलना भी बहुत जरूरी होता है |आज हम आपको भारतीय क्रिकेट टीम के एक ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ी के संघर्ष और सफलता की कहानी बताने वाले है जिसके बारे में शायद ही आप जानते हो |हम बात कर रहे है भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज रविन्द्रसिंह अनिरुद्धसिंह जडेजा, सामान्यतः रविन्द्र जडेजा की जो की एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है, जो ICC प्लेयर रैंकिंग मे टेस्ट के नंबर एक बॉलर भी रह चुके है। वे ऑल राउंडर है, जो बाए हात की मध्यक्रम बल्लेबाजी और बाए हात की ऑर्थोडॉक्स गेंदबाजी करते है।

भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा रहे रविंद्र जडेजा हाल ही में संपन्न आईपीएल में चेन्नई चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 9.8 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा था। दो साल के बैन बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने इस पुराने साथी पर इतना भरोसा दिखाया कि उसे नीलामी से पहले ही रिटेन कर लिया था। जडेजा का जन्म गुजरात के जामनगर जिले के नवगाम खेड में छह दिसंबर 1988 को हुआ।

उनके पिता अनिरुद्ध सिंह सेना में थे लेकिन एक इंजरी के चलते उन्हें फौज छोडऩी पड़ी और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ी। उनकी मांग लता नर्स थी। जडेजा क्रिकेट को लेकर काफी पैशनेट थे और नींदों में भी पकड़ो, फेंकों बोलते रहते थे। इस पर उनके पिता उन्हें पूर्व क्रिकेटर महेन्द्र सिंह चौहान के पास ले गए। हालांकि उनके पिता चाहते थे रवीन्द्र जडेजा सेना में जाए लेकिन पत्नी लता के कहने पर उन्होंने यह मंशा छोड़ दी।

क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल कहा जाता है। जब इस खेल की आखिरी गेंद नहीं फिक जाती तब तक कुछ भी कहना बेमानी होता है। खेल की ही तरह इसके खिलाड़ियों की जिंदगी भी अनिश्चिताओं से भरी होती है। कई खिलाड़ी शुरू में चमकते हैं लेकिन जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ता है वो गायब से होने लगते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो बेहद सघर्षों से भरी जिंदगी को पार करते हुए सितारों की दुनिया में पहुंचे हैं। आज हम जिनकी बात कर रहे हैं वो खिलाड़ी वैसे तो किसी परिचय का मोहताज नहीं है लेकिन उसके संघर्षों की कहानी शायद ही किसी को मालूम हो।

भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा रहे रविंद्र जडेजा हाल ही में संपन्न आईपीएल में चेन्नई चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 9.8 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा था। दो साल के बैन बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने इस पुराने साथी पर इतना भरोसा दिखाया कि उसे नीलामी से पहले ही रिटेन कर लिया था। जडेजा की जरूरत टीम को इस कदर थी की उन्हें धोनी और रैना के साथ रिटेन किया गया। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा बेहद ही विनम्र पृष्ठभूमि से हैं। लेकिन अपने खेल के दम पर उन्होंने खुद को बड़ा बनाया है। 2012 में जडेजा से सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे।क्रिकेट जगत में प्यार से ‘सर जडेजा’ के नाम से जाने जाने वाले इस गेंदबाज़ ने क्रिकेट के करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. खासकर इस सीरीज़ में वो हमवतन अश्विन को पीछे छोड़ आईसीसी बॉलिंग रैंकिंग में नम्बर वन गेंदबाज़ बने. हम आपको बता रहे हैं टीम इंडिया के इस स्पेशल खिलाड़ी की कहानी और
उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें:

एक निजी सुरक्षा एजेंसी में बतौर वॉचमैच काम करने वाले जडेजा के पिता अनिरुद्ध ने हमेशा अपने बेटे के सपनों को बढ़ावा दिया। हालांकि वे अपने बेटा को सेना में भी शामिल होते देखना चाहते थे।जडेजा अपनी मां के काफी करीब थे और जब उनका निधन हुआ तो वे काफी टूट गए। 2005 में मां की मौत के बाद जडेजा ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था लेकिन अपनी दो बहनों के समझाने पर खेल जारी रखा है। उन्होंने हमेशा ये सुनिश्चित किया कि उनके बेटे को क्रिकेट के मोर्चे पर शिकायत का मौका न मिले। जडेजा 2008 में भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए खेले। ये जडेजा के करियर का टर्निंग प्वाइंट था। भारत ने इस साल विराट कोहली की कप्तानी में अपना दूसरा अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उस वर्ल्ड कप जीत के बाद के से ‘सर जडेजा’ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कहा जाता है की उन्होंने पूरे समर्पण और अनुशासन के साथ खुद को खेल के लिए झोंक दिया.

जडेजा की प्रतिभा को पहली बार पूर्व भारतीय कप्तान किरण मोरे ने पहचाना. 2002 में मोरे ने अंडर-14 टूर्नमेंट में खेलते हुए जडेजा को देखा और फिर अपनी अकेडमी के लिए खेलने का प्रस्ताव दिया. उसके बाद जडेजा की एंट्री सौराष्ट्र अंडर-19 में हुई. जिसके बाद जडेजा को भारतीय अंडर-19 टीम में भी मौका मिला और फिर इसके बाद जडेजा ने दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर टेस्ट में डेब्यू किया था. 2009 में उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला. यह मैच श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला गया था. उन्होंने 30 टेस्ट में अभी तक 142 विकेट चटकाए और 1051 रन भी बनाए. जिसमें सात अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 129 वनडे में उन्होंने 151 विकेट झटके और 1888 रन बनाए|

22 जनवरी 2017 को जडेजा ने जब कोलकाता के ईडन गार्डन पर सैम बिल्लिंग्स को आउट किया तब वे अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में 150 विकेट लेने वाले पहले भारतीय लेफ्ट-आर्म स्पिनर बने। इसके बाद मार्च 2017 में वे लम्बे समय तक टॉप पर रह रहे बॉलर रविचंद्रन अश्विन को पछाड़कर विश्व के नंबर 1 गेंदबाज बने।बता दे सुनील गावस्कर ने मार्च 2013 में मीडिया के सामने रविन्द्र जडेजा और चेतेश्वर पुजारा को भारतीय युवा क्रिकेटर का रोल मॉडल बताया था। 2013 में फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गयी टेस्ट सीरीज में भारत ने 4-0 से जीत दर्ज की, जिसमे मीडिया के सामने गावस्कर ने जडेजा को जीत का आर्किटेक्ट बताया था।

जानकारी के लिए बता दे अभी तो फिलहाल रविंद्र जडेजा चेन्नई सुपरकिंग्स की तीसरी ट्रॉफी जीत की खुशी मना रहे हैं क्योंकि इस बार के आईपीएल के 11वें सीजन में जडेजा ने कई शानदार स्पैल किए हैं। यहां तक कि उन्होंने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया। बता दे इस पूरे आईपीएल में जडेजा ने चेन्नई के लिए 16 मैचों में 11 विकेट झटके और उनका प्रदर्शन सबसे शानदार रहा है जिसके वजह से आज चेन्नई सुपरकिंग जीत का जश्न मना रही है |

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