कहां गुमनाम हो गई आशिकी फेम अभिनेत्री अनु अग्रवाल, जानिए ग्लैमर छोड़ क्यों बन गई जोगन, यहां पढ़ें उनकी दर्द भरी कहानी

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हमारे बॉलीवुड मव कई स्टार आते है और अपनी किस्मत आजमाते है और आजमा के चले जाते है कुछ तो इसमें सुपरहिट हो जाते है और कुछ एक या दो फिल्म करने के बाद ही फ्लॉप हो जाते है| हमारे बॉलीवुड में स्टारडम पाना हुनर के साथ-साथ किस्मत पर भी निर्भर करता है। इस इंडस्ट्री में जहां एक फिल्म चल जाए तो रातों-रात स्टार बन जाता है तो वहीं अगर अगर लगातार एक के बाद लगातार 2 से 3 फ्लॉप चली जाएं तो आप अर्श से फर्स पर आ जाते हैं।इनमें से एक नाम आता है अनु अग्रवाल का। जो की अपने ज़माने में काफी फेमस हुई थी।

आपको बता दे की बीते कल में जिनकी कामयाबी के चर्चे थे, पर आज कभी-कभार ही उनकी बात कहीं होती है। अब तो जैसे लोग उनको भूल ही गए है।लेकिन उनके सुपर हित गाने तो लोगो के दिल पर आज भी राज़ करते है फिल्म ‘आशिकी’ का हर गीत चाहे वो ‘मैं दुनिया भुला दूंगा तेरी चाहत में हो’ या ‘धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में आना’ उसकी आशिकी में ही लिखे गये| इस पहली ही फिल्म ने उसे स्टारडम का ताज पहना दिया और वो स्टार से सुपरस्टार बन गयी| दर्शकों ने ‘आशिकी’ से इतनी गहरी ‘आशिकी’ की कि उसकी थाह आज भी कई दिलों में देखने को मिलता है। इसके गाने और अदाकारा दोनों खूब सफल हुए| इस सफलता के बाद जब ये अपने फ़ील्ड में आगे बढ़ी तो इसमें न पहलेवाली बात रही, न किसी को उससे पहले की तरह ‘आशिकी’ हुई|

बॉलीवुड में स्टारडम पाना हुनर के साथ-साथ किस्मत पर भी निर्भर करता है। आपको बता दे की इंडस्ट्री में जहां एक फिल्म चल जाए तो कोई भी हीरो रातों-रात स्टार बन जाता है तो वहीं अगर अगर लगातार एक के बाद लगातार 2 से 3 फ्लॉप चली जाएं तो आप अर्श से फर्स पर आ जाते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं 90 के दशक में आई आशिकी फिल्म की उस अदाकारा की, जो रातों रात स्टार बन गई थी। लेकिन अब इस अदाकारा के चर्चे दूर-दूर तक सुनने को नहीं मिलते। आखिर ग्लैमर छोड़कर कहां गुम हो गई हैं अनु अग्रवाल। एक समय था जब लोगो के जुबान पर सिर्फ अनु अग्ग्रवाल का ही नाम होता था और सभी लोग इनकी फिल्म आशाकुई के गीतो के दीवाने हो गए थे।

लेकिन तभी अचानक से कहीं से एक हादसा आया और उनको मौत को सामने ला कर खड़ा किया लेकिन उनकी किस्मत की डायरी में जिंदगी ने मौत को बैरंग लौटा दिया| और इस हादसे के बाद जब वो उससे उबर कर लौटी, तो कुछ और ही हो कर। वही अनु जिनसे तकीरीबन दो दशक पहले हम मिले थे वाया महेश भट्ट फिल्म ‘आशिकी’ में। अनु अभिनीत ‘आशिकी’ के गानों की लोकप्रियता के चर्चे आज दो दशक बाद भी हैं। इन गानों के साथ राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की तसवीर भी जब तब टेलीविजन के सामने से गुजर जाती है।राहुल ‘बिग बॉस’ जैसे कार्यक्रम में आये और फिल्मों में नहीं, फिल्मी पाटिर्यों में नजर आते रहते हैं, लेकिन अनु कही नहीं दिखती।

आपको बता दे की अनु का जन्म 11 जनवरी 1969 को दिल्ली में हुआ था उन्होंने मॉडलिंग से अपने कॅरियर की शुरूआत की थी और1990 में महेश भट्ट ने अपनी संगीतमय फिल्म ‘आशिकी’ में पहला ब्रेक दिय| ये महज 21 साल की उम्र में अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली अनु अपने बहेतरीन अभिनय और मासूम चेहरे के बूते दर्शकों की पसंदीदा अदाकाराओं में शुमार हो गयीं। लेकिन उनका स्टारडम का ग्राफ आगे मिली फिल्मों में बढ़ने की बजाय घटता गया। फिल्म आशिकुई के बाद उन्हें मिली ‘गजब तमाशा’, ‘खलनायिका’ ,‘किंग अंकल’, ‘बीपीएल ओए’, ‘कन्यादान’ और ‘रिटर्न टू ज्वेल थीफ’ फिल्में कब परदे पर आयीं और कब चली गयीं, पता ही नहीं चला. हिंदी फिल्मों की असफलता के बीच उन्होंने एक तमिल फिल्म ‘थिरुदा-थिरुदा’ में काम किया।

और 1996 के बाद अनु किसी और फिल्म में नहीं दिखार्इं दीं| कुछ दिन वो एम टीवी वीजे भी रहीं और 1997 में वे योगा की ओर मुखातिब हो गयीं| यहीं से गुमानमी की ओर भी मुड़ गयीं|1999 में एक सड़क दुघटर्ना ने उनके जीवन का रुख ही मोड़ दिया. इस हादसे ने न सिर्फ उनकी याददाश्त को प्रभावित किया. उन्हें चलने फिरने में असक्षम कर दिया| 29 दिन के कोमा के बाद वह होश में आई, तो खुद को ही नहीं अपनी भाषा भी भूल चुकी थीं। शरीर का निचला हिस्सा पैरलाइज्ड था और लंबे उपचार और प्रबल जीजिविषा के चलते वह इससे उबरने में कामयाब होगयी| और अनु अब सिनेमा से दूर एक आम मगर खुशनुमा जिंदगी बिता रही हैं।

अनु को ये जिंदगी मौत से जूझकर हासिल हुई हा और वह मुंबई में अकेली रहती हैं। और बच्चों को योगा सिखाती हैं और खुद के सवालों के जवाब तलाशते हुए एक किताब लिख रही थीं, जो अब पूरी हो चुकी है. परदे से उनकी विरक्ती की वहज उसकी चकाचौंध के पीछे का स्याह अंधेरा है और मीडिया से दूरी का कारण उसमें बेबुनियाद गढ़ी जाने वाली खबरें| अनु 48 साल की हो चुकी हैं उन्होंने अब तक शादी भी नहीं की है। वे अकेले अपना जीवन गुजार रही हैं। फिल्मी दुनिया से भी उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। आज अगर आप उन्हें देखेंगे तो शायद पहचान भी नहीं पाएंगे।

उन्होंने अपने सोशल एकाउंट पर कुछ फोटोज भी शेयर किए थे। वे सोशल एकाउंट पर कम ही एक्टिव रहती हैं। अनु मुंगेर में लोगों को योग की शिक्षा देती हैं। एक स्टार की चकाचौंध भरी दिखावे की जिंदगी से दूर अब वो एक आम इंसान की तरह छोटे छोटे सुखों और शांति से जीवन जी रही है और उन्होंने ये जीवन बड़े ही मुश्किल से हासिल किया है। अब इसमें किसी का दखल नहीं चाहतीं, न ही कोई पुराना जिक्र ही उन्हें अब जरूरी लगता है बस वो अपना एक सुखी जीवन शांति से जीना चाहती है और किसी से किसी प्रकार का ताल मील रखना नही चाहती|

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