WWE के रिंग में लड़ने वाली भारत की पहली महिला कविता देवी का ये सफ़र

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माहरी छोरियां छोरों से कम है के यह डायलॉग आप सभी ने दंगल फिल्म में जरुर ही सुना होगा इस बात को शाबित किया है डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में लड़ने वाली पहली महिला ने जिसका नाम कविता देवी है यह भारतीय की बेहद मजबूत महिला पहलवान है कविता देवी डब्ल्यूडब्ल्यूई के मा यंग टूर्नामेंट का भी हिस्सा रही इन्होने डब्ल्यूडब्ल्यूई का डेवलपमेंटल कॉन्ट्रेक्ट को प्राप्त कर के भारत में अपना एक इतिहास रच दिया है कविता देवी ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला रेसलर है जोकि किसी भी महिला और देश के लिए गर्व पूर्ण है इसके साथ ही कविता ने कई अवार्ड भी जीते है दक्षिण एशियाई खेलों में कविता ने 75 किलोग्राम भार के टूर्नामेंट में गोल्ड मैडल जीते और कई महिलओं के लिए आज प्रेरणादायक बनी है ।

कविता देवी  :-

कविता हरियाणा के एक छोटे से जिले जिंद के गाँव मालवी में इनका जन्म हुआ जहाँ पर किसी भी महिला को एथलीटों की प्रतिभा को उभरने के लिए कोई सुविधा नहीं थी लेकिन कविता ने इस तरह के गाँव में रहने के बाद भी जिस तरह से अपनी सफलता हासिल की वह उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक बनी है कविता के पिता पुलिस अधिकारी थे और उनके भाई संदीप दलाल ने ही कविता को भारत्तोलन के लिए अभिप्रेरित किया कविता ने अपनी स्कूल की पढाई जुलाना के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की उन्होंने ला मार्टिनियर लखनऊ नामक विश्विद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है।

खेल को रोकने की कोशिश :-

कविता को अपने पापा और भाई दोनों ने ही इस खेल के लिए सपोर्ट किया लेकिन कविता के गाँव वालों को उसका यह खेल खेलना बिल्कुल भी पंसद नहीं था क्योकि उनको यह लगता था कविता के कारण गाँव में रहने वाली ओर लड़कियां भी बिगड़ जाएगी इस सोच के साथ वह कविता के पापा को बार-बार यह कहते थे की कविता का यह खेल बंद करावा दो और उसकी शादी करा दो।

वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग :-

गाँव वालों का इस तरह की बातो से कविता को वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलाई गई ताकि कविता एक पप्रेफेशनल खिलाड़ी बन कर गाँव वालो को अच्छा जवाब दे सके की लड़कियां शादी कर के केवल चूल्हा चुखा ही नहीं संभालती बल्कि कुछ बन कर भी दिखा सकती है और कविता को वेटलिफ्टिंग करना तो बेहद पंसद था।

नेशनल चैपियन बनी :-

कविता ने अपनी वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग फरीदाबाद स्थित एकेडमी से शुरू की इस के बाद में वह अपनी एडवांस ट्रेनिंग के लिए लखनऊ चली गई कविता ने पावरलिफ्टिंग से अपने कैरियर को शुरू करके अपनी सच्ची मेहनत और लगन से साल 2007 में नेशनल चैंपियन बन गई।

कांस्टेबल की नौकरी :-

कविता नेशनल चैंपियन बन जाने के बाद में साऊथ एशिया गेम्स में गोल्ड मेडल से भी नवाजी गई इसी खेल जगत के चलते उन्हें सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल की नौकरी मिल गई और प्रमोशन के बाद में इंस्पेक्टर बनी लेकिन कविता के खेल के कारण वह अपनी इंस्पेक्टर की ड्यूटी पर ध्यान नहीं दे पा रही थी इस लिए कविता ने यह नौकरी छोड़ दी।

द ग्रेट खली से ली ट्रेनिंग :-

कविता द ग्रेट खली के शो को टीवी पर बहुत देखती थी और उनकी फिटिंग को काफी पंसद भी करती है इस लिए कविता ने खली से संपर्क करके उनकी एकेडमी में ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया जहाँ पर उन्हें कई विदेशी ट्रेनर की निगरानी में सीखने को मिला जिसके बाद में एकेडमी में आयोजित सभी मुकाबलों में कविता ने अपना बेहद अच्छा और दमदार प्रदर्शन किया।

रिंग में सलवार-कमीज पहन कर उतरी :-

डब्ल्यूडब्ल्यूई में केवल महिला पहलवानों के लिए एक टूर्नामेंट आयोजित किया जिसमे कविता न्यूजीलैंड की महिला के विरुद्ध रिंग में उरती परन्तु उस वक्त कविता को सब लोगो देखते ही रह गई क्योकि लोगो ने रिंग में उतरने वाली इसी पहली महिला को देखा जिसने सलवार-कमीज पहन कर रिंग में फिटिंग की जी हाँ कविता ने पश्चिमी पहनावे की जगह अपने देश की परम्परागत रूप से सलवार-कमीज पहनना पंसद किया।

बुलबुल से विवाद :-

कविता अपने बेटे के साथ में पंजाब के जांलधर में एक फाइट देखने गई थी वही पर द ग्रेट खली की चेली बुलबुल ने रिंग में दर्शको को से फाइट मुकाबला करने के लिए चैलेंज किया और इस चैलेंज को कविता ने एक्सेप्ट करके वह सलवार-कमीज में ही रिंग में आकर बुलबुल को चैलेंज कर दिया जिसके बाद में बुलबुल को बेहद गुस्सा आया और उन्होंने कविता पर हमला कर उसके बाद में कविता ने बुलबुल की खूब पिटाई कर इस चैलेज को जीत लिया लेकिन यह विवाद उस वक्त काफी चर्च में चला और सोशल मिडिया,यू- ट्यूब में धूम मचा रहा था।

वर्ल्ड चैपियन बनने का सपना  :-

कविता ने कई मुकाबलों में अपने खेल के प्रति रोमांचक शानदार तरीके से प्रतिभागियों को चारो खाने चित कर दिया जिसके बाद में अब उनका सपना है की वह महिला मुकाबले में वर्ल्ड चैपियन बनने और अपने देश का नाम रोशन करे।

कविता की निजी लाइफ :-

कविता ने वॉलीबॉल खिलाड़ी गौरव तोमर से शादी की और वह एक पांच साल के प्यारे से बेटे की माँ भी है अक्सर शादी के बाद में लड़कियां अपने सपने और लक्ष्य को त्याग कर घर-परिवार को संभालने में लग जाती है लेकिन कविता ने शादी के बाद भी अपने खेल के प्रति कोई फर्फ़ आने नहीं दिया और अपने लक्ष्य को बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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