आखिर इंदौर ही क्यों है ? 2 साल से स्वच्छता का नंबर वन शहर

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भारत का दिल मध्यप्रदेश को कहा जाता है क्योकि यह पुरे भारत के मध्य में है और मध्य प्रदेश की जान इंदौर बन चुका है पहले चटपटे वयंजन के लिए इंदौर जाना जाता था लेकिन अब पुरे भारत में स्वच्छता का नंबर वन शहर के नाम जाना जाता है.

हाल ही में इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में नंबर वन का पायदान फिर हासिल हुआ है यह सभी इंदौर वासियों के लिएगार्व की बात है अब इंदौर के युवा के लेकर बुजर्ग के रगों में स्वच्छता का खून दौड़ता है आइये जानते क्या ऐसा खास इंदौर में जो दो साल से नंबर वन पर है.

गीला और सूखा कचरा-:

indore number 1 in swachh bharat 2018

इंदौर एक मात्र ऐसा शहर है जहा पर घरो से सुखा और गिला कचरा अलग लिया जाता है भले शुरू में थोड़ी कठनाई का सामना करना पड़ा लेकिन बाद में सबकी आदत बन गयी इन कचरों को ट्रांसफर स्टेशन लाया जाता है और कचरे को निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड भेज दिया जाता है.

कचरे के निपटारे पर सबसे ज्यादा ध्यान-:

indore number 1 in swachh bharat 2018

शहर से निकलने वाले कचरे पर सबसे ज्यादा धयान दिया गया गीले कचरे का कॉलोनियों में, बड़े संस्थानों में ही निपटान करने पर ध्यान दिया और वही सूखे कचरा को दोबारा लायक बनाने केलिए दो प्लान्ट लगाए गए और सब्जी के कचरे से गैस बनाकर उसका निपटारा किया गया.

250 से ज्यादा का निर्माण-:

indore number 1 in swachh bharat 2018

खुले में पेशाब करना आज से कुछ सालो पहले ऐसा ही होता था लेकिन आज सब बदल चुके है 20 हजार से ज्यादा एकल शौचालयों का निर्माण किया गया और  250से ज्यादा सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया और दो हजार से ज्यादा मूत्रालय  बनवाए गए.

शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया-:

indore number 1 in swachh bharat 2018

महापौर जिस भी समारोह जाती थी वह सभी को स्वच्छता की शपथ दिलातीं बच्चो के लिए सच्छता विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता शुरू की गई वह सब जगह स्वच्छता के सन्देश दीए गए.

संसाधन बढ़ाए-:

indore number 1 in swachh bharat 2018

निगम ने आधुनिक 10 कचरा ट्रांसफर स्टेशन खड़े किए सफाई की सभी जीपीएस और अन्य तकनीकों से लैस किया भी वार्डों, स्कूलों, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल आदि स्वच्छता अभियान में जोड़ा गया.

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