कभी लाल किले में रखा था कोहिनूर हिरा, रंग में भी किया गया था बदलाव जानें ऐसी अनसुनी बातें

0

भारत की प्रमुख और ऐतिहासिक इमारतों में लाल किला भारत की प्रमुख ईमारत है. भारत की आजादी के बाद सर्वप्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू जी ने यहाँ से भारत देश का नाम संबोधन दिया था. उस दिन से लेकर आज तक लाल किले पर भारत की आजादी का जश्न मनाया जाता है.

लाल किले का निर्माण पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां ने ही करवाया था. वर्ष 2007 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में लाल किले का नाम भी शामिल किया है. वैसे तो लाल किले के बारे में बहुत कुछ जानते है आप लेकिन शायद आप इस बात से अनजान है की एक समय लाल किले का रंग लाल नहीं सफ़ेद हुआ करता था.

नई पहचान

अधिकतर व्यक्तियों को तो लगता है की लाल किले का रंग शुरुआत से ही यही है, जिसके चलते इसे लाल किला कहा जाता है. लेकिन भले ही वर्तमान में इसका रंग लाल है लेकिन भूतकाल में ऐसा नहीं था.

सफ़ेद था रंग

Interesting facts about the Red Fort

जब इस किले का निर्माण किया गया था तो इस इमारत में कई जगह चुना पत्थरो का इस्तेमाल किया गया था. जिसके चलते इसका रंग सफ़ेद था.

ब्रिटिशर्स ने बदला रंग

काफी समय से बने इस किले में लगे चुना पत्थर जब ख़राब हो गए थे, तो वह गिरने लग गए थे. जिसे देखते हुए ब्रिटिशर्स ने पुरे किले पर लाल रंग करवा दिया. तभी से इसे लाल किला कहा जाने लगा.

लाल किले का असली नाम क्या है?

Interesting facts about the Red Fort

वर्तमान में भले ही हम इस ईमारत को लाल किले के नाम से जानते है लेकिन इसका असली नाम कुछ और ही है. मुगल शासन के समय शाही परिवार इस ईमारत को किला-ए-मुबारक कहते थे.

मुगल परिवार करता था निवास

तक़रीबन 200 सालो तक इस किले में मुगल परिवार के वंशज निवास करते थे. लेकिन1857 में की क्रांति के फलस्वरूप अंग्रेजों ने इस किले को अपने कब्जे में ले लिया था.

किले में रखा गया था कोहिनूर हीरा

विश्व का सबसे बेशकीमती और सबसे बड़ा कोहिनूर हीरा भी एक समय इस ईमारत में ही रखा हुआ था. इस किले में शाहजहां का सिहासन पूरा सोने से बना हुआ था. और यह हीरा उनके तख्त में लगा हुआ था. उनके सिहासन में एक से बाद कर एक बेशकीमती पत्थर से जड़ित था. बेशकीमती कोहिनूर हीरा तख्त दीवान-ए-खास में सुरक्षित रखा करते थे.

लाल किले के प्रमुख हिस्से

Interesting facts about the Red Fort

लाल किले में कई प्रमुख इमारते बनी हुई है. जिनमे दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, हीरा महल, मोती मस्जिद, रंग महल, हयात बख्श बाग और खास महल प्रमुख हैं.

आम जनता के लिए

इस ईमारत में आम नागरिको की परेशानियों को सुनने के लिए दीवान-ए-आम भी बना हुआ था.

निजी मज्जिद

Interesting facts about the Red Fort

इस किले में एक निजी मज्जिद भी बनाई गई थी जो औरंगजेब की थी. जिसे मोती मस्जिद नाम दिया गया था.

यमुना नदी

ताजमहल की तरह लाल किला भी यामिना नदी के किनारे पर बना हुआ है. यमुना नदी का पानी ही किले को चारो तरफ से घेरकर वहा की खाई को पानी से भरता था.

सलीमगढ़ का किला

Interesting facts about the Red Fort

इस ईमारत के पूर्व-उत्तर में सलीमगढ़ का किला भी बना हुआ है. जिसे 1546 में इस्लाम शाह सूरी ने बनवाया था.

अन्य मत

इस किले को लेकर एक मत यह भी कहा जाता है की लालकोट का किला राजा पृथ्वीराज चौहान
दवरा बनवाया गया था. जो उनकी राजधानी हुआ करती थी, शाहजहां ने इस पर अपना कब्जा करके काफी बदलाव कर दिया.

सिखों का रहा था कब्जा

1783 मार्च में सिक्खों ने इस ईमारत में घुस कर दीवान-ए-आम पर अपना कब्जा जमा लिया था. सिक्खो को देखकर मुगल वजीरों ने समर्पण कर दिया. लाल किले में यह काम सरदार बघेल सिंह धालीवाल के नेतृत्व में सम्पूर्ण हुआ था.

अंग्रेजों ने बनाया हेड क्वार्टर

1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद और मुगल सल्तनत के पतन को देखते हुए अंग्रेजों ने लाल किले को अपना आर्मी हेड क्वार्टर बनाया था.

नष्ट कर दी कई इमारते

अंग्रेजो ने यहाँ रखा बेशकीमती सामान लूटने के बाद कई इमारतों को नष्ट कर दिया था. साथ ही यहाँ बने बगीचों की भी उन्होंने बेकार कर दिया था.

बने हैं दो गेट

लाल किले में दो प्रवेश द्वार है, पहला दिल्ली गेट एवं दूसरा लाहौर गेट. दूसरे गेट का नाम लाहौर गेट इसलिए रखा गया क्यों को जिस दिशा में दूसरा गेट बना हुआ है उस दिशा की तरफ ही लाहौर की दिशा है.

शाहजहां का महल

मुगल बादशाह शाहजहां के समय यह उनकी नई राजधानी हुआ करती थी. शाहजहांनाबाद उन दिनों का दिल्ली शहर की सातवीं मुस्लिम नगरी हुआ करती थी. एक समय वह करीब 3 हजार लोग निवास करते थे.

10 साल लगे बनने में

लाल किले का निर्माण 1638 में शुरू हुआ था जो 10 साल याने 1638 में पूरा बना था. कहा जाता है की इस किले का निर्माण शाहजहां ने कराया था.

शाहजहां वास्तुकार

शाहजहां ने अपने सबसे प्रतिष्टित वास्तुकार उस्ताद हमीद और उस्ताद अहमद की देख रेख में इस किले का निर्माण करवाया था. उनकी वास्तुकला का यह बेजोड़ नमूना है

Leave A Reply

Your email address will not be published.