सालो पहले तबाह हो चुके इस घोस्ट टाउन शहर का भगवान राम से है सम्बन्ध , जानिए पूरी घटना

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भारत देश एक समय सोने की चिड़िया वाला देश कहलाता था. लेकिन बदलते समय के साथ सब कुछ बदल गया है. लेकिन आज भी जब हम किसे के मुख से भारत को सोने की चिड़िया कहते हुए सुनते है तो हमें भारतीय होने पर और भी गर्व होने लगता है.

हम चाहे जिस भी शहर में रह रहे हो उस शहर के बारे में जब हम कसी को जानकारी देते है तो उसे वर्तमान के साथ-साथ भूतकाल की भी बातो से अवगत कराते है. जब भी हमसे कोई हमारे देश के इतिहास के बारे में पूछता है तो हम बड़े ही चाव से उसे हर वो जानकारी देते है जो उसे मालूम नहीं है.

चाहे छोटा सा गांव हो या फिर कोई बड़ा शहर हर किसी के इतिहास में कई तरह की रोचक जानकारी छुपी हुई है. कुछ स्थान ऐसे है जिनका जिक्र महाभारत-रामायण में भी किया गया है. एक ऐसा ही शहर है धनुषकोड़ी जो दक्षिण भारत में बसा हुआ है. इस शहर का जिक्र भगवान राम के समय से है. हालांकि यह शहर एक समय काफी विकसित था, लेकिन एक तूफान ने वहा सिर्फ सन्नाटा ला कर रख दिया है.

कहा बसा है यह शहर

Last Point Of India Dhanushkodi (9)

रामेश्वरम जिले में धनुषकोड़ी शहर है. यह रामेश्वरम से करीब 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है.

सबसे छोटा शहर

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भारत और श्रीलंका के बीच यह स्थान एकमत्र स्थलीय सीमा है, जो 45 मीटर में फैला है जिसके चलते यह विश्व का सबसे छोटा स्थल है.

22 दिसम्बर की भयानक रात

Last Point Of India Dhanushkodi

 

उस रात हर कोई अपने सपनो में खोया था लेकिन किसी ने नहीं सोचा था की यह सभी के लिए एक भयानक रात होगी. 22 दिसम्बर 1964 की वह काली रात आज भी सभी को याद है जब 270 किलोमीटर/ प्रतिघंटे की रफ़्तार से चक्रवात ने सब नष्ट कर दिया था. इस चक्रवात से समुद्र में 20 फीट से भी ज्यादा का ज्वार उठा था. जिसमे पम्बन-धनुषकोड़ी पैसेंजर ट्रेन बाह गई थी और हादसे में 115 यात्रियों को मोत के बिस्तर पर लेटा दिया था.

पुल

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इस हादसे में धनुषकोड़ी के 800 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी. इस दौरान भारत को पम्बन द्वीप से जोड़ने वाला मुख्य पम्बन पुल भी पूरी तरह से श्रतिग्रस्त हो गया था.

धनुषकोड़ी

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इस घटना से पहले धनुषकोड़ी में कई तरह की सुविधाएं हुआ करती थी, जैसे श्रीलंका के लिए फेरी सेवाएं, रेलवे स्टेशन, धर्मशालाएं, मंदिर, पोस्ट ऑफिस, अस्पताल जैसी कई प्रमुख सुविधाएं थी. लेकिन अब वहा सिर्फ सनाटा पसरा हुआ है.

बन गया घोस्ट टाउन

Last Point Of India Dhanushkodi

इस आपदा के बाद वहा का नजारा भयानक हो गया था. हादसे के बाद वहा कोई भी नजर नहीं आता था. लेकिन आज भी ऐसे कई व्यक्ति है जो घूमने के हिसाब से यहाँ आ जाते है और सेर-सपाटा करते है. सरकार ने इस शहर को ही घोस्ट टाउन घोषित कर दिया था.

रामसेतु

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भगवान राम ने जब माता सीता के लिए लंका जाने के लिए समुद्र पर पुल का निर्माण करवाया था तो भगवान् राम ने अपने धनुष से पुल की शुरुआत के लिए यहाँ पर निशान बनाया था. जिस कारन इस जगह का नाम धनुषकोड़ी पड़ गया था.

बंद हो गई ट्रेन

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1964 के उस भयानक चक्रवात के बाद यहाँ कोइटरेन नहीं आती लेकिन इससे पहले बोट मेल एक्सप्रेस ट्रेन चेन्नई से होते हुए धनुषकोड़ी आया करती थी. लेकिन उस हादसे के बाद वहा की जगह तहस नहस हो गई.

बीती यादें

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आज के समय में वहा आपको महज खंडर के अलावा और कुछ भी नहीं देखने को मिलेगा. लेकिन आज भी उस स्थान पर वहा की पुरानी तस्वीरें लगी हुई है. जिन्हे देखने के बाद आपको ज्ञात होगा की एक समय यह शहर कितना आबाद हुआ करता था.

कहा से जा सकते है

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हादसे के बाद कुछ समय पहले तक तो यहाँ पहुंचने के लिए व्यक्ति पैदल या जीप का इस्तेमाल करते थे. लेकिन 2016 में सड़क का यहाँ निर्माण किया गया. अब तो सरकार धनुषकोड़ी से रामेश्वरम तक रेलवे लाइन डालने पर विचार कर रही है.

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