कभी माडलिंग के लिए छोड़ने वाली थी टेबल टेनिस , अब कॉमनवेल्थ में गोल्ड रच दिया इतिहास

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इस ग्लैमरस लड़की को देख कर कोई भी पहली निगाह में उसे हिरोइन या मॉडल समझने की भूल कर सकता है। मणिका बत्रा के साथ असल जिंदगी में भी ऐसा ही हुआ। उनके जानने वाले हर शख्स ने उन्हें मॉडलिंग में कैरियर बनाने की सलाह दी और एक समय में वो खेल छोड़ने भी वाली थीं। इस उधेड़-बुन के चलते मणिका भी समझ नहीं पा रही थी कि वो करे तो क्या करे। आखिर में उन्होंने मॉडलिंग में किस्मत आजमाने का फैसला किया लेकिन जल्द ही उन्हें पता चल गया कि ये उनका क्षेत्र नहीं है। इस दौरान वो अपने पसंदीदा खेल में रमी रहीं और वो था टेबल टेनिस का खेल।

मणिका ने 12वीं के बाद दिल्ली विश्वद्यालय में एडमिशन लिया लेकिन पढ़ाई के चलते वो अपने खेल पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रही थी। आखिर में मणिका ने डीयू से हटने का फैसला किया और पूरी तरह से अपने खेल पर फोकस हो गई हैं। मणिका बत्रा के इस फैसले ने आखिर उन्हें वो मकाम दिला दिया जिसकी उन्हें लंबे समय से तलाश थी। 14 अप्रैल को गोल्ड कोस्ट हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में मणिका ने वो कारनामा कर दिया जिसे हमेशा इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। मणिका ने रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंची मणिका ने सबको अपनी प्रतिभा का लोहा पहले ही मनवा दिया था। अब तो लोग उनके मुरीद हो गए हैं।

वह कॉमनवेल्थ में दो गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। मणिका ने एक बार बताया था कि उन्हें डीयू से बाहर निकलने का अफसोस नहीं होता क्योंकि अब वो उन लोगों को जवाब देना चाहती हैं जो उन्हें खेल छोड़ मॉडलिंग में जाने की सलाह देते थे।अब वो कहती है कि मैं 2024 ओलंपिक में पदक जीतने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूंगी। कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतना उनके लिए सपना सच होने जैसा है।

मणिका ने एक बार बताया था कि मैंने टेबल-टेनिस को हमेशा से ही पसंद किया है। मैंने अपने अच्छे प्रशिक्षण के लिए कई बार स्कूल भी बदले और इसी वजह से मैंने दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक को छोड़ने का फैसला लिया। फिर मैं हंसराज मॉडल स्कूल चली गई क्योंकि मेरे कोच वहीं थे। बाद में मैं जीशस-मेरी कॉलेज में गई, लेकिन वहां मैं केवल उतना ही कॉलेज जाती थी कि मैं परीक्षाओं में बैठ सकूं, क्योंकि मैं ज्यादातर यात्रा और ट्रेनिंग में व्यस्त रहती थी। मैं कॉलेज की फ्रेशर पार्टी और फैस्ट में भी नहीं जाती थी, लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती थी और मेरे लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण था। फिर मैंने जेएमसी छोड़ दिया और फिर मैं डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बीए (प्रोग्राम)करने का फैसला किया।

अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में मैंने कई बार मॉडलिंग भी की लेकिन उसने बाद मैंने टेबल-टेनिस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मॉडलिंग छोड़ दी थी। मणिका कहती है कि उनके ‘शुभचिंतक’ अक्सर उन्हें खेल छोड़ने और पूरा समय मॉडलिंग को देने के लिए कहते थे। “लोग कहते थे कि आपके पास इसके लिए सही लंबाई है, लेकिन जब तक मैं अच्छे से अपना खेल खेलूंगी, तब तक कोई भी मेरी पसंद पर सवाल नहीं उठा सकता।

मणिका वर्तमान में दिल्ली में नई टेबल-टेनिस फ्रैंचाइज आधारित लीग में भाग लेती हैं जिसे अल्टीमेट टेबल-टेनिस कहा जाता है। क्योंकि मैं दिल्ली की ही हूं, इसलिए विदेशी खिलाड़ी अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मस्ती के लिए कहां और क्या करना है। मैं दूसरे दिन अपने साथियों को कॉफी के लिए ले गई। वो कहती हैं कि मैं ज्यादा बाहर नहीं जाती, घर का बना खाना ही खाती हूं। अपने सभी दोस्तों को फोन करती हूं और उन्हें आने के लिए कहती हूं। इस बार चीजें अलग हैं क्योंकि वह लीग में भाग ले रही हैं। मणिका बताती है, “मैं अपने दोस्तों से साल में एक बार ही मिल पाती हूं क्योंकि मेरे पास मैच और प्रशिक्षण के बाद समय नहीं बचता। “

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