क्या है #Metoo आंदोलन, जानिए भारत में इसका प्रभाव

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भारत देश में पिछले कई दिनों से #metoo आंदोलन में तहलका मचा रखा हुआ जिसका बॉलीवुड के साथ अन्य क्षेत्रों में भी व्यापक असर हो रहा है बड़े-बड़े सेलिब्रिटी ओं ने किस आंदोलन का हिस्सा बने.

 metoo का भारत में प्रभाव 

इस आंदोलन के चलते महिलाओं ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए यौन शोषण के खिलाफ दर्द भरी दास्तां के सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन का हिस्सा बनी शुरुआत में तो यह आंदोलन काफी धीमी गति से चल रहा था, लेकिन इस आंदोलन में रफ्तार उस समय पकड़ी जब बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के ऊपर फिल्म की शूटिंग के दौरान यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था. जिसके बाद आंदोलन में काफी लोगों ने हिस्सा लिया और यह आंदोलन हर भारतीय की जुबां पर चढ़ गया.

कुछ इस आंदोलन को सही मान रहे हैं तो कुछ का कहना है कि यह सिर्फ पब्लिसिटी हासिल करने के लिए किया जा रहा है. इस आंदोलन में के बाद काफी रहस्य से पर्दा उठा है, जिन जिन महिलाओं के साथ यौन शोषण हुआ था और वह अपनी आवाज दबा कर बैठी हुई थी अब वह महिलाएं भी अपने हौसलों को बढ़ाते हुए अपने खिलाफ से यौन शोषण की जानकारी लोगों को बता रही है .

क्या है metoo आंदोलन

इसकी शुरुआत भारत नहीं बल्कि अमेरिका से हुई थी अमेरिका की सबसे मशहूर अभिनेत्री एलिसा मिलानो ने टि्वटर अकाउंट पर स्टेट के साथ यौन शोषण पर के बारे में अपनी बात कही थी. इसके बाद कई महिलाओं ने इस हेशटेग का इस्तेमाल कर अपनी-अपनी आपबीती सुनाई धीरे-धीरे यह एक आंदोलन बन गया जिसमें कई बड़ी बड़ी सेलिब्रिटीओं  ने भी सहयोग किया और इस आंदोलन को सही बताया. मेट्रो की शुरुआत तराना बुर्के ने 2006 में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों एक मुहिम छेड़ी थी

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