इंदिरा गांधी जैसी है महबूबा मुफ्ती की प्रेम कहानी, शौहर का घर छोड़कर वालिद के साथ रचा इतिहास

0

महबूबा मुफ्ती की जिंदगी के बारे में हम कह सकते है कि उनके जीवन पर कुछ छाया फिरोज गांधी की तो कुछ कुछ इंदिरा गांधी की तरह ही उनकी भी जिन्दंगी है. उनकी प्रेम कहानी की यदि बात की जाए तो उनकी प्रेम कहानी, फिर संबंधों में बिखराव और कुछ उनकी जिंदगी… बहुत हद तक उन्ही की तरह है.  

प्रेम कहानी की बात करे तो महबूबा मुफ्ती की शादी, परिवार और राजनीति में इस कदर खोई की अंत में उन्होंने खुद को पति से अलग पाया. प्रेम सम्बन्ध बिखरकर कटुता में परिवर्तित हो गया, जिसकी पहचान तलाक के रूप में हुई.

mehbooba-mufti-love-story

हालांकि जीवन में इस तरह की तकलीफों और परेशानियों को खुद को समेटते हुए अपना मुकाम बनाती रहीं. अंत में अपने राज्य की सबसे ताकतवर महिला नेता बन कर उस कुर्सी पर अपना अधिकार जमाया जहा पर घाटी में आज तक कोई महिला नहीं पहुंच पाई थी.

राजनीति का सफ़र भी उनके लिए आसन नहीं था. चुनौतियों वाले पथ पर गठबंधन के धागे टूट गए और अहम् परीक्षा शुरू हो गई. जिसमे वह अव्वल आई.

पहली बार चर्चाओं में

वर्ष 1989 में महबूबा मुफ्ती पहली बार उस समय चर्चा में आईं, जब उनकी छोटी बहन रुबैया सईद को अगवा कर लिया गया था. उस समय उनकी बहन श्रीनगर के अस्पताल में मेडिकल इंटर्न के पद पर थी. पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुश्किल से वीपी सिंह सरकार में गृहमंत्री बने पांच दिन भी नहीं हुए थे. इस घटना से महबूबा लगातार मीडिया से रूबरू होती रही. उस समय उनकी शादी हो चुकी थी,  हालाकि वह हमेशा लो-प्रोफाइल में रहना पसंद करती थीं.

पिता के कजिन से हुई शादी

महबूबा ने अपने ही अंकल से 1984 में शादी की थी, जिनका नाम जावेद इकबाल शाह था. महबूबा से इकबाल सात साल छोटे थे. मरहूम मुफ्ती मोहम्मद रिश्ते में इकबाल शाह के पहले कजिन थे. महबूबा श्रीनगर यूनिवर्सिटी में एलएलबी कर रही थी, और शाह नए-नए यूनिवर्सिटी में पहुंचे थे. इस तरह दोनों में प्यार हो गया. जानकारी के अनुसार शाह ने एक बार कहा था कि प्यार की पहल मेहबूबा ने की थी, उन्होंने मुझे प्रोपोज किया.

निकाह जोर-शोर से हुआ

जब इस बारे में मुफ्ती साहब को जानकारी हुई तो उन्हें शादी में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. परिवार तो पहले ही जुडा हुआ था. उन्हें लगा की निकाह करना उचित रहेगा. जिसके चलते बड़े जोर शोर से उनका निकाह किया गया. शादी के बाद दोनों ही काफी खुश थे, वह दिल्ली में आकर बस गए, जहाँ उनके बीच आए दिन लड़ाई होने लगी जिस वजह से उनके रिश्ते में दरार आ गई.

दरकने लगा रिश्ता

प्यार के मामले में जहा रिश्तों में खालीपन छा रहा था, तो दूसरी तरफ मुफ्ती मोहम्मद सईद अपनी बड़ी बेटी को सियासी वारिस के रूप में देखने लगे. जिसका कारण था कि उनके बेटे को राजनीति में किसी भी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं थी. जिसके बाद मुफ्ती ने महबूबा को इसके लिए तैयार करना शुरू किया. लेकिन इकबाल को यह पसंद नहीं था कि उनकी बेगम राजनीति में जाए.

राजनीति में जाने का फेसला उनके दापत्य जीवन में आग में घी का काम किया. जैसे-जैसे महबूबा राजनीतिक सियासत में बढ़ती गई, उनका रिश्ता टूटता चला गया. अंत में वह अपने शौहर का घर छोड़कर वालिद के घर आ गईं. बाकि जो भी इस रिश्ते में बाकी था वह भी अदालत की चौखट पर खत्म हो गया.

महबूबा की बेटियां (mehbooba mufti daughter)

इस शादी से महबूबा की दो बेटियां हुईं इर्तिका और इल्तिज़ा. बेटियों का रिश्ता पिता के साथ ठंडापन ही है. उनकी बड़ी बेटी इर्तिका लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत है तो दूसरी बॉलीवुड फिल्मोद्योग से जुड़ी हैं.

mehbooba-mufti-love-story

बेटियों को मां पर है फक्र 

जिस समय महबूबा मुख्यमंत्री के पद पर पहुंची तो दोनों बेटियों ने उनकी जमकर तारीफ की थी. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा था कि हमें अपनी मां पर गर्व है, उन्होंने अकेले ही हमें माँ और पिता दोनों का प्यार दिया.

अदालत में तलाक

जानकारी के अनुसार शाह ने कहा था कि मुफ्ती खानदान के तौर-तरीके बहुत ही अजीबोगरीब है. मेरे लिए तो यह सब बहुत दुखत था. जिस कारण उनका रिश्ता ख़त्म हो गया. उनके अनुसार यह एक बहुत ही लंबी कहानी है. दोनों का अलगाव बहुत ही कटुतापूर्ण तरीके से हुआ था.

इकबाल पूर्व बीवी की विरोधी पार्टी में भी गए

जम्मू-कश्मीर के बीते विधानसभा चुनाव से पहले 2008 में इकबाल शाह ने महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी की सदस्यता को चुना था. उन्होंने चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत का स्वाद चख न सके. वह जल्द ही नेशनल कांफ्रेंस से भी अलग हो गए.

Leave A Reply

Your email address will not be published.