मध्य प्रदेश के ये भाजपा और कांग्रेस नेता जिन्होने कभी लोक सभा चुनाव मे नहीं खाई शिकस्त

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विधान सभा को लेकर हर कोई बेताब है, आर किसी के मन मे यह प्रश्न होगा की इस बार कोन सी पार्टी सत्ता संभालेगी, मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव की यदि बात की जाए तो, कई नेताओं के इर्द गिर्द ही इसकी पूरी सियासत घूम रही है, हमेशा से ऐसा ही तो होता आया है.

कांग्रेस के दिग्गज

माधवराव सिंधिया :-

सिंधिया वंश का वारिस होने के कारण माधवराज सिंधिया 1961 में ग्वालियर के महाराजा के पद पर काबिज हुये. 1971 के बाद सिंधिया ने किसी भी चुनाव मे मात नहीं खाई है. 9 बार वह लोकसभा के लिए चुने गए है. 1984 में कांग्रेस की तरफ से लड़ते हुये उन्होंने ग्वालियर से बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी को बहुत बड़े अंतर से हराया था. राजीव गांधी की सरकार मे सिंधिया 1986 से 1989 तक रेल मंत्री के पद पर रहे. हेलिकॉप्टर क्रैश के दौरान 2001 में उनकी मौत हो गई.

कमल नाथ :-

कमल नाथ पहली बार 7 वीं लोकसभा में 1980 मे चुने गए थे. इसके बाद वह लगातार 8 वीं लोकसभा 1985, 1989 मे 9 वीं लोकसभा और 1991 में 10 वीं लोकसभा में भी उन्हे शामिल किया गया था.

भाजपा के दिग्गज :-

शिवराज सिंह चौहान :-

शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को हुआ, उनके पिता का नाम श्री प्रेमसिंह चौहान और माता का नाम सुंदरबाई चौहान हैं. भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा ग्रहण की. सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्षके तोर पर आपातकाल का जमकर विरोध किया, जिसके लिए वह भोपाल जेल कई बार गए|.

सुमित्रा महाजन :-

सुमित्रा महाजन ने 1989 के पहली बार आम चुनाव में लोकसभा चुनाव में भाग लिया, उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया, इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन चुनाव से वह लगातार तीन बार विधान सभा मे विजय रह चुकी थीं. वह प्रथम महिला हैं जो कभी भी लोकसभा चुनावों जिन्होने पराजित का सामना नहीं किया.

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