धरती की उत्पत्ति को बताने वाले विश्व प्रसिद्ध जाने-माने महान भौतिक वैज्ञानिक और प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग का निधन

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विश्व प्रसिद्ध जाने-माने भौतिक महान वैज्ञानिक और प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग का 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने बुधवार को उनकी मृत्यु की पुष्टि की है। हॉकिंग के बच्चों ने अपने बयान में कहा, हम अपने पिता के जाने से बेहद दुखी हैं.

चोका देने वाली बात यह है कि स्टीफन हॉकिंग का मस्तिष्क छोड़कर पूरा शरीर लकवाग्रस्त था। भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने ‘ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ टाइम’ नाम की किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने ब्रम्हाण्ड के कई रहस्यों से पर्दा उठाया है। इसी किताब पर 2014 में ‘थियरी ऑफ इवरीथिंग’ फिल्म बनी थी जिसे ऑस्कर मिला था.

Stephen Hawking के काम को देखते हुए अमेरिका के उच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जा चुका है। 1974 में ब्लैक होल्स पर उनकी रिचर्स ने ब्राह्मण के रहस्यों को समझने में एक नया आयाम स्थापित किया.

स्टीफन हॉकिंग ने The Grand Design, The Universe in a Nutshell, My Brief History,The Theory of Everything जैसी कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं।

वह महान वैज्ञानिक थे और असाधारण इंसान थे, जिनका काम और विरासत आने वाले सालों में भी जाना जाएगा।” Hawking ने बिग बैंग सिद्धांत और ब्लैक होल को समझने में खास योगदान दिया है.

हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के Oxford में 8 जनवरी 1942 में हुआ था। सेंट एल्बन में वह और उनके छोटे भाई-बहन पले-बढ़े। दिमाग को छोड़कर शरीर के बाकी अंग काम नहीं करते थे.

वह व्हीलचेयर पर रहते थे। फिर भी विज्ञान की दुनिया में वह अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद हॉकिंग दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी बने.

ख़ास बात है कि कम क्लास लेने और किताबी कीड़ा बन कर न पढ़ने के बावजूद भी उनका दिमाग काफी तेज था। कॉलेज में हॉकिंग ने जब अपनी थीसिस जमा की, जो प्रथम श्रेणी और द्वीतिय श्रेणी के बीच की ग्रेड में रखा गया.

यहां तक कि स्टीफन हॉकिंग ने इस बीमारी से लड़ते हुए बड़े-बड़े वैज्ञानिक खोज किए और ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे आखिरी वक्त तक पढ़ाने के लिए University जाते रहे.

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