3 साल की उम्र में चलाने लगी थी कंप्यूटर, 9 साल में बन गई वेबसाइट डेवलपर कंपनी की CEO

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एक कहावत है न पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. जहां 9-10 साल की उम्र में अधिकतर बच्चे नए-नए खिलौनों या फिर गैजेट्स के साथ अपना समय बिताते है, वे अपने सपनों की दुनिया में ही खोए रहते हैं. वहीं इस बच्ची ने यह समय अपने बिजनेस आइडिया को दिया और छोटी सी उम्र में वो मुकाम हासिल कर लिया, जिसको लोग 30-40 की उम्र तक में साकार कर पाते हैं. वहीं इस 9 साल की बच्ची ने एक वेबसाइट बना डाली और एक कंपनी की सीईओ बन गई.

आखिर कौन है ये बच्ची और इतनी कम उम्र में कैसे वेबसाइट बना ली और कैसे CEO बन गयी. ये सब सवाल आपके मन में आने लगे होंगे. तो चलिये हम आपको सभी सवालों के जवाब विस्तार से बताते हैं…

इस 9 साल की बच्ची का नाम है श्रीलक्ष्मी सुरेश. वे केरल के कोझिकोड़े जिले की रहने वाली हैं. श्रीलक्ष्मी का जन्म 5 फरवरी 1998 को हुआ था. श्रीलक्ष्मी सुरेश मात्र 19 वर्ष की उम्र में भारत की सबसे युवा वेब डिजायनर है. जिन्होने मात्र 3 वर्ष की आयु में ही कंप्यूटर पर काम करना शुरू कर दिया था.

उस उम्र में श्रीलक्ष्मी ने कंप्यूटर कोडिंग सीखना शुरु कर दिया था. श्रीलक्ष्मी की इसी ललक का नतीजा था कि 8 साल की उम्र में ही उन्होने अपने स्कूल के लिए www.presentationhss.com के नाम से वेबसाइट डिजाइन की. श्रीलक्ष्मी सुरेश ने खुद की वेब डिजाइन कंपनी www.edesign.co.in की शुरुआत की. इसके बाद श्रीलक्ष्मी ने 11 साल की उम्र में Rainbow Technology के फाउंडर और प्रसिद्ध Entrepreneur सईनुल आबेदीन के साथ मिलकर Online Pixel Traders के नाम से दूसरी कंपनी की शुरुआत की.

श्रीलक्ष्मी को देश में ही नहीं दुनियाभर में पहचान मिली. 8 साल की उम्र तक श्रीलक्ष्मी 40 से ज्यादा अवॉर्ड से नवाजी जा चुकी थी. इनमें अमेरिका वेबमास्टर एसोसिएशन की मेम्बरशिप मिलना, गोल्ड वेब अवॉर्ड और भारत सरकार का National Child Award For Exceptional Achievement शामिल है. इसके अलावा श्रीलक्ष्मी Infogroup की ब्रांड अंबेसडर और YGlobes की डायरेक्टर भी है. इन्हे विश्व की सबसे युवा सीईओ बनने का खिताब भी हासिल है.

श्रीलक्ष्मी के पिता जो पेशे से वकील हैं, उन्होने बचपन में ही लक्ष्मी के हाथ में खिलौने की जगह जीता जागता कंप्यूटर दिया. पिता द्वारा दिये गये की पैड पर उन्होने लिखना सीखा, MS Paint में पिक्चर बनानी सीखी. बचपन में पिता द्वारा दिखाई गई एक वेबसाइट जिसे एक छोटे बच्चे ने डिजाइन किया था, उससे लक्ष्मी इतनी प्रभावित हुई कि उन्होने अपने स्कूल की वेबसाइट बना डाली. उस समय लक्ष्मी MS Word पर काम करती थी, लेकिन आज वे ड्रीमवीवर पर वेबसाइट्स बनाती है.

लक्ष्मी अपनी कंपनी के फ्यूचर के लिये जरा भी चितिंत नहीं है, क्योंकि वह अपने छोटे घरेलू व्यापारी ग्राहकों के लिए छोटे प्रोजेक्ट पर काम करती हैं. वहीं श्रीलक्ष्मी अपनी पढ़ाई को लेकर काफी सजग हैं. वे सुबह 8.30 बजे से 2.45 तक स्कूल फिर घर आने के बाद आराम करके स्कूल का होमवर्क करने के बाद प्रतिदिन 2 से 4 घंटे वह वैब डिजाइनिंग करती हैं. वह बड़ी होकर श्रीलक्ष्मी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हैं.

बहरहाल श्रीलक्ष्मी नारी सश्क्तिकरण का बिरला उदाहरण हैं. उनकी सफलता की कहानी हमारे लिये किसी प्रेरणास्त्रोत से कम नहीं है, लेकिन कामयाबी के शिखर तक पहुंचने के लिए आपके भीतर मेहनत करने की लगन और कुछ कर गुजरने का जुनून होना बेहद जरूरी है, क्योंकि इनके बिना सफलता हांसिल करना बेहद मुश्किल है.

श्रीलक्ष्मी सुरेश की निजी वेबसाइट

उसे अपनी कंपनी की वेबसाइट

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