विदेश में नौकरी और खुद की कंपनी शुरू करना एक सपने जैसा है जिसे सच किया अनूप राज ने

0

अक्सर गरीबी और लाचारी की वजह से कई युवा अपने सपनो को पूरा नहीं कर पाते है लेकिन कहा जाता है की कड़ी मेहनत और मन में सच्ची लगन हो तो दुनिया में कुछ भी हासिल करना या सपने को पूरा करना कोई मुश्किल काम नहीं है जिसे साबित करके दिखाया है एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले अनूप राज ने क्योकि कुछ न करने के तो हजारो बहाने मिल जाते है लेकिन सफलता को हासिल करने के लिए एक वजह काफी होती है और इस वजह को बनाया है अनूप राज ने जिसने अपनी सफलता की कहानी खुद ही लिखी है।

कहानी बड़ी ही इंस्पायरिंग भरी :-

अनूप राज बिहार के औरंगाबाद जिले के एक छोटे से गाँव चेव का रहने वाला है बिहार का यह इलाका देश के नक्सल प्रभावित इलाको में से एक माना जाता है जहाँ पर अनूप राज ने अपनी सफलता की कहानी लिखी है जो काफी इंस्पायरिंग है।

बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने :-

अनूप ने 5वी क्लास तक तो अपने स्कूल का मुहं भी नहीं देखा था परन्तु अनूप के पिता चाहते थे की उनका बेटा पढ़-लिखकर एक बड़ा आदमी बने क्योकि उनके पिता भी पुरे गाँव में सब से ज्यादा पढ़े लिखे आदमी थे लेकिन गाँव में स्कुल न होने की वजह से अनूप का पढाई करना काफी मुश्किल हो रहा था इस लिए उनके पिता ने उनका एडमिशन गाँव से दूर रफीगंज में करवा दिया।

परिवार बिखर गया :-

अनूप ने अपनी पढाई-लिखाई शुरू ही की और 2008 में उनके पिता जी घर छोड़ कर चले गए बहुत कोशिश की उन्हें तलाशने ने की लेकिन वहा नहीं मिले जिसकी वजह से अनूप के माँ सदमे में चली गई और काम छोड़ कर घर पर ही रहने लगी।

अनूप के कधो पर जिम्मेदारी :-

पिता के चले जाने और माँ के घर पर रहने से अब घर और अपनी पढाई दोनों की पूरी जिम्मेदारी अनूप राज के सर पर आ गई लेकिन फिर भी अनूप ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और इतनी परेशानियों का सामना करते हुए उसने ट्यूशन करके अपनी पढाई और घर का खर्च चलाया।

अपनी IIT की पढाई :-

अपनी स्कूल की पढाई ख़त्म करने के बाद में अनूप की सिर पर फिर से संकट आ गया है तभी अनूप सुपर-30 के आनंद कुमार के संपर्क में आगया और वहां पर अपनी IIT की पढाई के लिए खूब मेहनत की जिससे वहा पहली बार में ही 997 की रैक बना कर IIT बॉम्बे में एडमिशन लेकर ले लिया।

अंग्रेज़ी बोलने में झिझक :-

अनूप के हिंदी मीडियम के स्टूडेंट होने की वजह से उन्हें अंग्रेजी में अपने क्लासमेट और टीचर्स से बात करने में बहुत झिझक महसूस होती है और किसी भी सब्जेक्ट को समझने के लिए उन्हें डिक्शनरी की हेल्प लेनी पड़ती है फिर कुछ टाइम में अनूप को लगने लगा की अब उनकी इस प्रॉब्लम का सलूशन कंप्यूटर ही कर सकता है।

गुरु आनंद कुमार के साथ KBC :-

अनूप राज अपने गुरु आनंद कुमार के साथ में KBC के शो में भी पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने एक सवाल का सही जवाब दिया इस के साथ उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए यह भी कहा की अगर वह इस शो के दौरान मुझे देख रहे हो तो वहा जहाँ भी रहे अच्छे से रहे।

वेबसाइट और प्रोजेक्ट बनाना :-

अनुप राज ने तीसरे सेमेस्टर तक अपने नए स्टार्टअप के लिए वेबसाइट और प्रोजेक्ट बना शुरू कर दिया जिससे उन्हें कम से कम प्रति माह 60 हजार रूपए तक की कमाई होने लगी थी।

दुबई जाने का मौका :-

अपने तीसरे सेमेस्टर में ही उन्हें इंटर्नशिप के लिए दुबई जाने का मौका मिला। जहाँ पर उन्हें बहुत कुछ सिखने को मिला दुबई में काम करने की योग्यता को देखकर 2014 में QUICKER ने अनूप को एसोसिएट सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में प्लेसमेंट का ऑफर दिया इस ऑफर को अनूप ने स्वीकार कर लिया।

दोस्तों के साथ खुद का स्टार्टअप :-

अनूप को घुमने का बहुत शौक था इस लिए इसी कारण उन्होंने मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में ही काम शुरू किया और 2015 में अपने दोस्तों के साथ में मिलकर अपना खुद का हेल्थ केयर स्टार्टअप pstakecare.com शुरू किया।

मेडिकल सुविधा उपलब्ध :-

अनूप की कंपनी विदेशी लोगो को भारत में मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए काम करती है जैसे की ट्रैवल इंश्योरेंस, वीजा, रहने खाने, ट्रांसलेटर्स।

7classes.com नाम एक पहल  :-

अनूप का कहना है की इस बदलते वक्त के साथ समाज ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया और दिया है इस लिए उनकी भी यह जिम्मेदारी बनती है की वह उन्हें भी कुछ दे इस लिए अनूप ने एक 7classes.com नामक हेल्थकेयर की शुरुआत की है जहाँ पर ओलंपियाड जैसी तैयारियां करवाई जाती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.