भारत देश में हादसे के समय व्यक्ति घायल को अस्पताल पहुचाने से पहलें उसकी तस्वीर या फोटो निकालना बेहतर समझते हैं, लेकिन कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं, जो खुद की परवाह न करते हुए लोगों की जान बचाते हैं.
आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारें में बताएँगे जो लोगों की सहायता के लिए अपने खर्चे पर ऐेंबुलेंस की सेवा लोगो तक पहुचा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हर कोई इस शख्स को क्षेत्र में ऐंबुलेंस मैन के नाम से पहचानते हैं. उन्हे उस क्षेत्र में हर कोई जानता और अच्छी तरह से पहचानता हैं. हैरान करने वाली बात ये हैं, की यह कोई डायल 100 या 108 पर आने वाली सरकारी ऐंबुलेंस नहीं है, अशोक सिंह तपस्वी नाम के व्यक्ति की ये निजी ऐंबुलेंस है.
55 वर्षीय अशोक नें अपनी इस ऐंबुलेंस को लोगों की सहायता के लिए प्रारम्भ किया है. अशोक पूर्णतः स्वयं के खर्चे से इस ऐंबुलेंस सेवा की शुरुआत की हैं. उनका मानना है, कि वह इस तरह सभी लोगों में अपनी पहुंच बना सके और उनकी जिंदगी बचा सकें. अशोक अब तक करीब 900 लोगों की जान बचा चुके और 340 शवों को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा चुके हैं.
अब जब भी कोई मुसीबत में होता है, तो एंबुलेंस व पुलिस को कॉल करने से पहले लोग अशोक को फोन लगाते हैं. वाकई में अशोक के द्वारा किए जाने वाला काम जिंदादिली का है. वह सब के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं. अशोक के द्वारा एंबुलेंस प्रारंभ करने के पीछे एक कहानी छुपी हुई है.
एक बार अपनी कार से घर की तरफ जा रहे थे, तो रास्ते में एक महिला का एक्सीडेंट हुआ था, जिसे देखने के लिए बहुत भीड़ लगी हुई थी लेकिन कोई उस महिला की मदद के लिए आगे नहीं आया तब अशोक ने उस महिला को अपनी कार से हॉस्पिटल पहुंचा कर उसकी जान बचाई तभी से उन्हें अपनी एंबुलेंस चलाने का आईडिया आया.