सुभाष चंद्र बोस के अनमोल विचार आपका जीवन बदल सकते है

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सुभास चंद्र बोस ने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कर दी क्योकिं वह अपने भारत देश से बेहद्द प्यार करते थे। सुभाष चंद्र जी एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम नेताओं में से एक थे जिन्होंने हमे अग्रेजों से आजाद करने के लिए कई प्रयास किए जिसके लिए उनका एक प्रसिद्ध नारा “तुम मुझे खून दो में तुम्हेँ आजादी दूंगा।” इस नारे के बाद से कई जाति और धर्मो के लोग खून बहाने के लिए खड़े हो गए। सुभाष चंद्र जी के लिए लोगो के मन में आदर और सम्मान से भरा हुआ था और जब देश भक्ति की बात होती है तो सुभाष चंद्र जी का नाम आवश्यक ही आता है इसलिए आज भी जब इस नारे को दोहराया जाता है तो देश के नौजवानों में एक अलग ही जुनून दिखाई देनें लगता है। वही नेता जी के नाम से पहचाने जाने वाले सुभाष चंद्र जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक बंगाल प्रेसिडेंसी के उड़ीसा में हुआ, जिनके अनमोल विचार शायद आपके जीवन को  बदल सकते है।

• हमारा सबसे बड़ा अपराध अन्याय को सहना और गलत के साथ समझौता करने से है।

• हमे केवल कार्य करने का अधिकार है जहाँ कर्म ही हमारा कर्तव्य है जिसका स्वामी हमारा भगवान् है हम नहीं।

• हमारा यह फर्ज है की हम अपनी आजादी की कीमत अपने खून से चुकाएं अपने त्याग और बलिदान से जो आजादी मिलेगी उसकी रक्षा करने की पूरी ताकत हमारे भीतर होने चाहिए।

• जब हमारी परीक्षा का समय निकट आने लगता है तो उसे देख हम बेहद घबरा जाते है लेकिन एक बार भी यह नहीं सोचते की हमारा पूरा जीवन ही परीक्षा से घिरा हुआ है क्योकि स्कूल और कॉलेज की परीक्षा तो दो दिन की है परन्तु जीवन की परीक्षा तो अनंत काल के लिए चलती रहती है जिसका फल हमें जन्मान्तर तक भोगना पड़ेगा।

• इंसान के अंदर बस एक ही इच्चा होनी चाहिए मरने की ताकि भारत देश जी सके और एक शहीद की मृत्यु मरने की इच्छा स्वंतत्रता का मार्ग शहीद के खून से प्रशस्त हो सके।

• नेता जी के अनुसार हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती है।

• फूलो को देखकर जो बहुत जल्द विचलित होने लगते है उन्हें कांटे भी बड़ी जल्दी लगते है।

• जो पाप तुम करो के उसमे किसी और का कभी बटवारा नहीं होता है।

• माँ का प्यार बेहद गहरा होता है क्योकि इसमें किसी भी तरह का कोई स्वार्थ नहीं होता है।

• बिना भावना के चिंतन करना असंभव होता है अगर हमारे पास में सिर्फ भावना की पूंजी है तो चिंतन कभी भी लाभदायक नहीं हो सकता है क्योकि कई सारे लोग जरूरत से भी ज्यादा भावुक होते है लेकिन सोचना बिल्कुल नहीं चाहते है।

• इंसान की असफलताएं ही उसकी सफलता की स्तम्भ होती है।

• यदि हम संघर्ष न करे तो हमें किसी भी डर का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन इससे हमारा जीवन जीने का स्वाद कुछ हद तक कम हो जाएगा।

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