असफलता से लिखी जाती हैं सफलता की कहानी

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दुनिया में ऐसे कई व्यक्ति है जो आज के समय में तो सफल है लेकिन एक समय ऐसा था जब असफलताएं उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी. जब भी किसी कार्य को करने के लिए वह प्रयास करते तो असफलता का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और लगन से आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां वह सफलता हासिल कर रहे हैं.

एक समय ऐसा आता है जब हमारे विरोध में होती है, आप कितनी भी मेहनत क्यों ना कर ले असफलता आपका पीछा नहीं छोड़ती लेकिन यदि आपने चाहा है तो आप उन असफलताओं को पीछे छोड़ते हुए सफलता को तलाश कर ही लोगे. किसी ने सच ही कहा है विफलता सफलता सें अधिक महत्वपूर्ण होती है.

आज के समय में जितने भी सफल व्यक्ति है पहले वह भी काफी निराश हुए थे उनके हाथों में सिर्फ निराशा ही लगी थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वह एक सफल व्यक्ति बन कर उभरे हैं.

आप यदि किसी काम को प्रारंभ कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको सफलता ही मिले यदि आप असफलता से डर जाते हैं तो आपको फिर कभी सफलता मिल नहीं सकती एक बात अच्छी तरह से अपने मन में बिठाले कि किसी भी कार्य को सफल करने के लिए सबसे पहले असफलता का सामना करना ही पड़ता है क्योंकि जब तक सफलता नहीं मिलेगी तब तक सफलता मिल नहीं सकती.

विश्व प्रसिद्ध फोर्ड मोटर कंपनी के मालिक हेनरी फोर्ड सफलता उनके कदम चूम रही है लेकिन बहुत कम व्यक्ति जानते होंगे कि इस मुकाम पर पहुंचने से पहले 5 दूसरे बिजनेस में फेल हो गया था, अलग-अलग बिजनेस में फेल होने और कर्ज में डूबने के कारण यदि कोई और व्यक्ति होता तो वह टूट जाता, लेकिन फोर्ड ने ऐसा नहीं किया उन्होंने उन विफलताओं से कुछ सीखते हुए आगे बढ़ते गए और आज सफलता किस तरह उनके कदम चूम रही है यह दुनिया से छुपा नहीं है.

थॉमस एडिसन एक ऐसा नाम विफलता का भंडार कह सकते हैं क्योंकि लाइट बल्ब बनाने से पहले करीब 1000 बार वह इस प्रयोग में विफल हुए थे लेकिन अंत में उन्हें सफलता मिल ही गई 4 साल की उम्र तक आइंस्टाइन कुछ बोल नहीं पाते थे 7 साल की उम्र तक निरक्षर थे कई व्यक्ति उनको दिमागी रुप से कमजोर भी मानते थे लेकिन उनकी थ्योरी और सिद्धांतों के बल पर आज वह विश्व के सबसे बड़े साइंटिस्ट हैं.

इन महान व्यक्तियों की कहानी से एक बात समझ आती है कि यदि हेनरी फोर्ड पिछले 5 बिजनेस में फेल होने के बाद यदि निराश हो जाते या 999 असफल प्रयोग करने के बाद एडिशन उम्मीद छोड़ देते हैं या फिर आइंस्टाइन खुद को दिमाग कमजोर व्यक्ति मान लेते तो क्या आज इस तरह के महान आविष्कार हो पाते.

जीवन में कभी भी खुद को निराश नहीं करना चाहिए असफलताएं तो आती ही है लेकिन असफलताओं के पीछे सफलता भी छुपी होती है सिर्फ हमें अपने काम के प्रति अग्रसर रहना चाहिए ताकि सफलता को हम ढूंढ सकें असफलताओं के अंधेरे में सफलता की एक छोटी सी किरण छुपी होती है जिससे हमें ढूंढना पड़ता है.
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