साइकल के पार्ट्स बनाने से की शुरुआत और आज भारती एयरटेल कंपनी के है मालिक

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Airtel आज दुनिया में इसका नाम कोन नही जानता, एयरटेल का इस्तेमाल लाखो उपभोक्ता करते है jio और एयरटेल में आये दिन कोई न कोई टक्कर चलती ही रहती है सबसे सस्ते प्लान और अच्छा नेटवर्क दोनों की कोशिश रहती है देने की लेकिन क्या आप जानते है एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल के संघर्षो के बारे में! जिन्होंने भारत में नई क्रान्ति लाई आप कहते है की परेशानियों ने आपको हर जगह से घेर लिया लेकिन सुनील मित्तल के सामने तो दो बार उनका चलाया बिज़नस नाकाम रहा वो सफल होने ही वाले होते और सरकार उस पर बेन लगा देती! लेकिन देखिये वो आज भी देश की नंबर 1 टॉप कंपनी के मालिक है धनि व्यक्तियों में उनका नाम गिना जाता है और यही नही उनके दिए हुए यन्त्र का हम इस्तेमाल करते आज लोगो को एक दुसरे जोड़े रखा है उन्होंने उनके बारे में ज्यादा कुछ मिला नही है लेकिन इतना जरुर कह सकते है की अपने एक्सपीरियंस का फायदा उन्होंने बहुत अच्छी तरह से किया है दुनिया के बीच ऐसी टेक्निकल पॉवर रखी है जिसे आज करोड़ो लोग इस्तेमाल करते है !

23 अक्टुम्बर 1957 पंजाब के लुधियाना शहर में जन्मे सुनील मित्तल जिन्हें आज भारती एयरटेल कंपनी के मालिक के नाम से पूरी दुनिया जानती है शुरूआती सफ़र काफी मुस्किल भरा रहा ,इनके पिता राजनीति से जुड़े थे और सुनील को राजनीति से दूर दूर तक कोई लगाव नही था और नाही पढाई में ज्यादा दिलचस्पी थी उनका मन बिज़नस में था हमेशा से ही खुद का बिज़नस खोलने की इच्छा थी जैसे तैसे उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा किया ! वेसे तो जब वो 18 साल के थे तभी उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर साइकलों का बिज़नस शुरू कर दिया था ! और ब्रजमोहन मोहन मुंजाल (जो की पाकिस्तान से भारत आये थे और साइकिलो के पार्ट्स बनाने का कार्य करते थे जिहने आज पूरी दुनिया हीरो मोटो कोर्प में मालिक के नाम से जानती है !) की कम्पनी के लिए साइकल के पार्ट्स बनाने शुरू किये लेकिन ज्यादा दिनों तक ये दोनों साथ नही रहे उन्हें ये व्यवसाय कुछ जमा नही इसलिए उन्होंने अपने साइकिल और दूसरे धंधों को बेच दिया और मुंबई चले गए!

इसके बाद मुंबई में पंजाब के एक्सपोर्टर से उन्होंने “Import lincence”(दुसरे देश से माल या किसी भी तरह का सामन हम आयात करते है तो import lincence के बिना हम आयात नही कर सकते) खरीदा और जापान से पोर्टेबल जेनरेटर का आयात करना शुरू कर दिया और उनकी बिक्री करने लगे ! इस कार्य में उनका अच्छा ख़ासा प्रॉफिट होने लगा व्यवसाय भी जमने लगा सेलिंग और मार्केटिन से जुडी कई जानकारिय उनको मिलने भी लगी , लेकिन किस्मत ने उनका यहा पर भी साथ नही दिया ! उस समय सरकार ने जेनरेटर के आयात पर रोक लगा दी और सुनील का व्यवसाय रातो रात बंद हो गया , उस समय सरकार किन्ही 2 कंपनियों को भारत में जेनरेटर निर्माण का lincence दे रही थी ,इसलिए सुनील आगे के लिए सतर्क हो गए की अगर फिर से भारतीय कंपनी को lincence देने की बारी आई तो वो ये मौका नही छोड़ेंगे!

1986 में सुनील ने भारती टेलीकॉम लिमिटेड (बी टी एल) की स्थापना की थी इस कंपनी में फैक्स मशीन, ताररहित फोन और अन्य दूरसंचार उपकरण बनाये जा रहे था 1990 तक सुनील की कंपनी यही कार्य कर रही थी धीरे धीरे अपने कारोबार को बड़ा रही थी! 1992 में सरकार पहली बार मोबाइल फोन सेवा के लिए लाइसेंस बांट रही थी और सुनील ने ये मौका नही छोड़ा और दिल्ली के साथ साथ दुसरे शहरो के सेलुलर lincence को प्राप्त कर लिया उसके बाद तो सुनील के कदम थमे नही!

उसके बाद 1995 में सुनील मित्तल ने एयरटेल ब्रांड के तहत कार्य करने के लिए और सेल्युलर सेवाओं की पेशकश के लिए भारती सेल्युलर लिमिटेड (बीसीएल) की स्थापना की देखते ही देखते इनकी कंपनी कामयाबी की सबसे ऊची सीडी को छु लिया और ये पहली ऐसी कम्पनी बनी जिसके 2 लाख उपभोक्ता से भी ज्यादा थे ! इसके बाद भारती सेल्यूलर लिमिटेड ने “इंडियावन” नाम से भारत की पहली निजी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी/STD/ISD टेलीफोन सेवा प्रारम्भ की ! और आज उनकी सफलता के चर्चे आप खुद ही जानते है!

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