सुनीता रानी ने प्रथम स्थान प्राप्त करके अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है

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भारत में कई प्रकार के खेल खेले जाते है और इसमे से कई प्रकार के खेलों में पुरुष सबसे आगे रहते है लेकिन सुनीता रानी दौड़ के खेल में सबसे आगे रही. वह भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जून 2005 में शानदार वापसी करते हुए 1500 मीटर दौड़ 4:20:63 में पूरी करके प्रथम स्थान प्राप्त किया था और इस दौड़ के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका.

सुनीता रानी :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place

सुनीता रानी का जन्म 4 दिसंबर, 1979 को संगरूर,पंजाब में हुआ था. इनके पिता राम सरूप जो की एक गाँव के पटवारी पद से रिटायर हुए हैं तथा माँ संतोष रानी है. सुनीता रानी मध्यम परिवार से हैं. सुनीता का खेल का सफर 1994 में स्कूली जीवन से शुरू हुआ.

दौड़ में भाग लिया :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place

15 वर्षीय सुनीता सोचती थी कि यह तो एक जन्मजात प्रतिभा होती है, तभी व्यक्ति दौड़कर इनाम हासिल कर पाता है. तभी उनकी सीनियर छात्रा गोल्डी रानी ने उन्हें समझाया कि दौड़ में जीतने के लिए मेहनत करो. उसी की प्रेरणा से सुनीता रानी ने ज़िला स्तर पर 1994 में 3000 मीटर की दौड़ में भाग लिया और 18 वर्ष से कम आयु वर्ग में गोल्डी के बाद द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा 16 वर्ष से कम आयु वर्ग में प्रथम स्थान पाया.

सुनीता रानी जी ने अपने पिता और भाइयों से प्रेरणा पाकर उन्होंने अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लिया और फेडरेशन कप को जीता था इसके बाद वह खेल अधिकारीयों की निगाह में आई.

ओलंपिक की तैयारी :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place

सुनीता जी फेडरेशन पाक जितने के बाद सिडनी ओलंपिक की तैयारियों में लगी रही. उन्हें महसूस हुआ कि 10000 मीटर की प्रतियोगिता को छोड़कर 50000 मीटर दौड़ने की क्षमता के लिए तौयार हुई, साथ ही 800 मीटर दौड़ का अभ्यास करके वह अपनी स्पीड को बनाए रखना चाहती थी. अपनी दौड़ने की टाइमिंग ठीक करके पदक पा सकती है. लेकिन कुछ कारणों से सिडनी ओलंपिक में भाग नहीं ले सकी.

स्वर्ण पदक :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place

सन 2000 में सुनीता ने बुसान एशियाई खेलों में 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था और 2002 में हुए बुसान एशियाई खेलों में उन्होंने अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ते हुए 1500 मीटर का स्वर्ण पदक प्राप्त किया. वह दूसरी प्रतियोगियों से भी छह सेकंड आगे थी. और उन्हें राष्ट्रपति के. आर. नारायणन के हाथों से अर्जुन पुरस्कार भी दिया जा चुका है.

24 दिसम्बर 2002 भारतीय ओलंपिक संघ ने घोषणा की कि अन्तरराष्ट्रीय ओलंपिक मेडिकल कमीशन ने सुनीता के डोप टेस्ट यानि ड्रग टैस्ट है. जो खिलाड़ियों के खून के सैंपल पर किया जाता है. सुनीता रानी के ब्लड सैंपल में नैंड्रोलिन की मात्रा में 250 प्रतिशत का फर्क था. एक में पाया गया था. लेकिन सियोल में हुए बी टैस्ट में सुनीता के टेस्ट में बहुत अधिक असमानता पाई गई.

आरोप वापस लिए :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place (8)

सुनीता रानी पर लगे आरोप वापस ले लिए हैं सुनीता के लिए यह नए वर्ष के उपहार जैसा ही था जो कुछ समय पूर्व ही आ गया था. क्योकि एशियाई खेलों के इतिहास में यह पहला मौका था जब डोपिंग टैस्ट का फैसला बदला गया हो और सुनीता जी ने अपने पदक भी बचा लिए और कुवैत में ओलंपिक कांउसिल ऑफ एशिया के पास उनके पदक रख दिये गए थे, जो उन्हें अन्त में वापस मिल गए.

पुन: लौटी :

Sunita Rani has got Arjuna Award by getting first place

सुनीता रानी एक बार फिर मई 2005 में पंजाब की सुनीता ने ए. एफ. आई. राष्ट्रीय एथलेटिक सर्किट मीट में 10000 मीटर दौड़ को जीत कर एक बार फिर स्वर्ण पदक हासिल कर लिया था. उन्होंने यह दौड़ 34:57:42 सेकंड में ख़त्म करी थी.

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