श्राप की घटना के बाद शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा की परंपरा
ऋषि शमीक के आश्रम में उनके पुत्र श्रृंगी एवं अन्य ऋषि कुमार एक साथ रहकर अध्ययन करते थे. एक दिन जब सभी विद्यार्थी जंगल गए हुए थे तो शमीक ऋषि आश्रम में समाधि में लीन बैठे हुए थे, उसी समय प्यास से व्याकुल होते हुए राजा परीक्षित आश्रम में…