ढाई रुपए दिहाड़ी पर काम करने वाला शख्स आज है करोड़ों की कंपनी का मालिक
बिरने कुमार बसाक जब अपने कंधे पर साड़ियों को लाद कर गली-गली घूम कर जब साड़ी ले लो…साड़ी ले लो… की आवाज लगाते हुये काम करते थे. एक बुनकर के यहां उन्हे 2.50 रुपये दिहाड़ी पर साड़ी बुनने का कार्य किया है, लेकिन उनकी मेहनत, लगन ओर आत्मविश्वाश…