विलेन के रोल से बॉलीवुड में कदम रखने वाले विनोद खन्ना का निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ था आज उनके निधन को एक साल हो गया विनोद विलेन बन कर आए थे लेकिन हीरो बनकर सबके दिलो में छा गए बहुत समय से वह अपनी बीमारी से लड़ रहे थे आखिरकार कैंसर से अपनी जिंदगी की जंग हार गए और दुनिया को अलविदा कह गए इनको दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी नवाजा गया है.
विनोद का करियर-:
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 पेशावर पाकिस्तान में हुआ था बटवारे के समय में इनका परिवार भारत आ गया था इनके पिता टेक्सटाइल, डाई और केमिकल का कारोबार करते थे पिता नही चाहते थे की विनोद फिल्मो में आए लेकिन विनोद की जिद कर बैठे तो पिता उन्हें दो साल का समय दिया खुद को साबित करने के लिए विनोद ने दो साल में फिल्मो अपनी पहचान बना ली.
फिरोज का करियर-:
फिरोज खान ने अपनी एक्टिंग और स्टाइल से लाखो दिलो पर राज किया फिरोज का जन्म 25 सितंबर, 1939 को बेंगलूर में हुआ था अफगानी पिता और ईरानी मां के बेटे फिरोज हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई आए उनके तिन भाई है और एक बहन है.
इन्होने अपनी फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत फिल्म दीदी से की थी शुरुआत में इन्होने हीरो का किरदार निभाए लेकिन बाद यह खलनायक के रूप में सामने आए 1965 में उनकी पहली हिट फ़िल्म ‘ऊंचे लोग’ आई जिससे इन्होने सफलता का स्वाद चखा फिर फिल्म आदमी और इंसान के लिए इनको सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार से नवाजा गया.
दोनों की दोस्ती-:
विनोद खन्ना और उनके करीबी दोस्त फिरोज खान दोनों ने एक दिन ही दुनिया को अलविदा कहा था दोनों साथ में दयावान, कुर्बानी और शंकी शंम्भू में साथ नजर आए थे सन 1980 में आई फिल्म कुर्बानी से विनोद हिट हो गए थे.
इस फिल्म के निर्माता,निर्देशक और एक्टर फिरोज खान थे इस फिल्म के बाद दोनों की गहरी दोस्ती हो गयी दोस्ती इतनी गहरी थी की 27 अप्रैल 2007 में फिरोज चल बसे वही विनोद 2017 में दुनिया को अलविदा कह गए