Infosys : क्या है इन्फोसिस? इन्फोसिस क्या करती है? इन्फोसिस के सीईओ कौन हैं?

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What is Infosys ? History of Infosys ? in Hindi –

सूचना प्रौद्योगिकी सेवा यानि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज (Information technology consulting company) में अपना अच्छा-खासा नाम बना चुकी इन्फोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) आज देश ही नहीं बल्कि विश्व में अपना नाम कमा चुकी है. इन्फोसिस का हेड ऑफिस बेंगलुरु में स्थिति है. आपको बता दें कि आज इन्फोसिस लिमिटेड का नाम देश की सबसे बड़ी आईटी कम्पनीज (IT Company Infosys) में शामिल है.

देश की कामयाबी में इन्फोसिस (Infosys) का हाथ काफी बड़ा रहा है. कंपनी ने देश में सैंकड़ों नहीं बल्कि हजारों लोगों को रोजगार (Infosys in Employment) दिया है. यही नहीं देश के साथ ही इन्फोसिस विदेशों में भी अपनी सर्विस देती है जिसके चलते कंपनी का नाम दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कम्पनीज में लिया जाता है. इन्फोसिस के द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर (Infosys Software) आज दुनियाभर में धूम मचा रहे हैं.

इन्फोसिस के बाते में इतना ही जानना काफी नहीं है. आज हम इस आर्टिकल में आपको इन्फोसिस के बारे में और भी कई जानकारियां देने जा रहे हैं. जैसे इन्फोसिस के मालिक कौन हैं ? इन्फोसिस लिमिटेड कब शुरू हुआ था ? इन्फोसिस लिमिटेड क्या काम करती है ? आदि. तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से :

What is Infosys ? Infosys establishment, what does Infosys do? History of Infosys etc. 

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क्या है इन्फोसिस लिमिटेड ? (what is Infosys Limited ?)

जैसा कि हम आपको बता ही चुके हैं कि इन्फोसिस लिमिटेड एक इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज कंपनी (Infosys Information technology consulting company) है. यह कम्पनी देश-विदेश में आईटी फील्ड के लिए जानी जाती है. कंपनी के द्वारा विश्वभर में सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं जोकि लोगों का काम आसान करते हैं. इन्फोसिस को आईटी सेक्टर में सबसे अधिक जॉब प्रोवाइड करने वाली कंपनी के नाम से भी जाना जाता है. इन्फोसिस हमेशा से ही बहुत बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, प्रोजेक्ट मैनेजर्स, बिजनेस डेवलपर आदि हायर करती है.

इन्फोसिस के मालिक कौन हैं ? (Who is the owner of Infosys?)

आईटी कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड के मालिक का नाम एन आर नारायण मूर्ति (N.r. Narayana Murthy) हैं. मूर्ति ने अपनी इस कंपनी की स्थापना 7 जुलाई 1981 को पुणे में की थी. उस समय एन आर नारायण मूर्ति के साथ 6 लोग थे. जिनके नाम नंदन निलेकणी, एन एस राघवन, क्रिस गोपालकृष्णन, एस डी शिबुलाल, के दिनेश और अशोक अरोड़ा था. सभी ने साथ में काम शुरू किया लेकिन राघवन का नाम इन्फोसिस के पहले एम्प्लोयी के तौर पर लिया जाता है.

जब इन्फोसिस लिमिटेड की शुरुआत हुई थी जब नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से दस हजार रुपए उधार लिए थे और कंपनी को शुरू किया था. महज दस हजार रुपए से शुरू होने वाली इन्फोसिस आज 93594 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है. आज कंपनी का नाम देश की टॉप आईटी कम्पनीज (Top IT company of India Infosys) में शुमार है.

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इन्फोसिस कंपनी का विस्तार (Infosys Limited Journey/History of Infosys) :

साल 1981 में शुरू होने वाली इन्फोसिस (Infosys Established in 2 july 1981) ने अपने शुरुआत के सफ़र में काफी मेहनत की. कड़ी मेहनत से सभी को सफलता हासिल हुई और साल 1991 के दौरान कंपनी को पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में बदला गया. जिसके बाद कंपनी ने SEI-CMM को हासिल किया. साल 1999 में इन्फोसिस के शेयर अमेरिकी शेयर बाजार में NASDAQ में रजिस्टर हो गए और कंपनी का नाम तेजी से बढ़ा.

अमेरिकी शेयर बाजार में शेयर रजिस्टर करने वाली इन्फोसिस पहली इंडियन कंपनी थी. इन्फोसिस में मूर्ति ने साल 1981 से साल 2002 तक मुख्य कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम किया. यह पोजीशन मूर्ति ने साल 2002 में नन्दन निलेकणी (Nandan Nilekani) को दी और खुद मार्गदर्शक के रूप में इससे जुड़े रहे. नारायण मूर्ति के बारे में बता दें कि साल 1992 से लेकर साल 1994 तक वे नास्काम के अध्यक्ष के पद पर बने रहे.

साल 2003, 2004 और 2005 में इन्फोसिस ने ग्लोबल मेक अवार्ड को अपने नाम किया. इस अवार्ड को जीतने वाली इन्फोसिस एकमात्र कंपनी बनी और इसे ग्लोबल हॉल ऑफ फेम में प्रोत्साहन भी मिला. 13 अप्रैल 2007 को नंदन निलेकणी ने इन्फोसिस के सीईओ का पद संभाला. जिसके बाद जून 2007 के दौरान क्रिस गोपालकृष्णन उनकी कुर्सी पर बैठे.

फ़िलहाल कंपनी देश की सबसे बड़ी आईटी कम्पनीज में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है. यही नहीं इन्फोसिस का नाम देश में ऐसी आईटी कम्पनीज में शामिल हैं जो युवाओं को सबसे अधिक रोजगार भी देती है. यहाँ सॉफ्टवेयर इंजिनियर से लेकर डेवलपर तक हर पोस्ट के लिए वैकेंसीज होती है.

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कौन हैं इन्फोसिस के सीईओ ? (CEO of Infosys)

फ़िलहाल की बात करें तो इन्फोसिस की इन्फोसिस लिमिटेड के सीईओ का नाम सलिल पारेख (Salik Parekh) है. वे इन्फोसिस के सीईओ होने के साथ ही कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी काम करते हैं. उन्होंने इस सीईओ के पद को 2 जनवरी 2018 को ग्रहण किया था.

कौन हैं नारायण मूर्ति ? (Who is N.r. Narayana Murthy ?)

नारायण मूर्ति का पूरा नाम नागावर रामाराव नारायण मू्र्ति (Nagavara Ramarao Narayana Murthy) है. नारायण मूर्ति ने ही इन्फोसिस की स्थापना अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर की थी. एन आर नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त, 1946 को कर्नाटक के चिक्काबालापुरा में हुआ था. वे एक साधारण फैमिली से बिलोंग करते है.

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वहीँ से ग्रहण की, जिसके बाद उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया. इसे करने के बाद वे एमटेक करने के लिए आईआईटी कानपुर आ गए. इस दौरान उन्होंने आर्थिक तंगी का भी सामना किया लकिन इसके बावजूद भी डॉ. कृष्णमूर्ति की मदद से अपनी पढ़ाई को पूरा किया.

नारायण मूर्ति के करियर की शुरुआत एक चीफ सिस्टम्स प्रोग्रामर के तौर पर हुई थी. इस दौरान मूर्ति ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद में काम किया था. यहाँ मूर्ति ने भारत के पहले टाइम शेयरिंग कंप्यूटर सिस्टम पर काम किया और साथ ही इसे इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के लिए लागु भी किया.

इस काम को करने के बाद मूर्ति ने खुद की एक कंपनी ‘सॉफट्रोनिक्स’ को शुरू किया. हालाँकि यह कंपनी सफल नहीं हो पाई और उन्हें इस बंद करना पड़ा. इसके बाद नारायण मूर्ति ने पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स में काम करना शुरू किया, जहाँ मूर्ति की मुलाकात नंदन निलेकणी से हुई. इस मुलाकात के बाद मूर्ति और निलेकणी ने साल 1981 में इनफ़ोसिस की स्थापना की.

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इंफोसिस के काम (Infosys Services) :

1. संचार मीडिया और मनोरंजन

2. बैंकिंग एवं पूंजी बाजार

3. एयरोस्पेस और एविओनिक्स

4. ऊर्जा, सुविधाएँ और सेवाएँ

5. बीमा, हेल्थकेयर और जीवन विज्ञान

6. विनिर्माण

7. उत्पाद इंजीनियरिंग और मान्यकरण सेवाएं

8. खुदरा, उपभोक्ता उत्पाद सामान और रसद

9. नए विकास इंजन

10. भारत बिजनेस ईकाई आदि.

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