ये है प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया, जिसने कचरे से बना दीं हजारों सड़क और बन गए India Ke Star

0

जब हमारे घर के सामने कच्ची सड़क थी तो हम सपने देखते थे की यह पक्की सड़क कब बनेगी. हम मन ही मन सपने देखने लग जाते थे की जब पक्की सड़क बनेगी तो हम खूब मस्ती करेंगे, दोस्तों के साथ साइकल चलाएंगे ऐसे कई सपने हम मन ही ही मन देखने लग जाते थे.

हमारे सपने भी पुरे हो जाते थे, लेकिन जल्द ही हमारे सपने सड़क के गड्डो को देखते हुए टूट जाते थे, क्यों की हमारे यहाँ की सड़को को देखते हुए हम कह सकते है की सड़क में गड्डे नहीं बल्कि गड्डो में सड़क है.

meet-rajgopalan-vasudevan-plastic-man-of-india

बहुत कम ऐसी जगह है जहा सड़क बहुत समय तक बिना गड्डो की रहती है. इस समस्या को देखते हुए भारत के एक व्यक्ति ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जो किसी की भी कल्पना से परे है.

भारत के एक निवासी ने प्लास्टिक से सड़क बना कर हर किसी को अचम्भित कर बन गए इण्डिया के स्टार.

meet-rajgopalan-vasudevan-plastic-man-of-india

केमिस्ट्री के प्रोफेसर

हम बात कर रहे है राजगोपालन वासुदेवन की जो मदुरै में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में केमिस्ट्री के प्रोफेसर है. उन्होंने प्लास्टिक के कचरे से सड़क बना कर हर किसी का ध्यान अपनी और आकर्षित कर अपनी पहचान बनाई है.

meet-rajgopalan-vasudevan-plastic-man-of-india

प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया

राजगोपालन वासुदेवन के द्वारा किये गए प्लास्टिक से सड़क बनाने के कारनामे को देखते हुए उन्हें भारत में प्लास्टिक मैन ऑफ इण्डिया के नाम से भी जाना जाता है.

पद्मश्री से सम्मानित

उनके द्वारा किये गए इस कारनामे को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने के निर्णय भी लिया है.

meet-rajgopalan-vasudevan-plastic-man-of-india

साल 2002 में सफलता

प्रोफेसर राजगोपालन वासुदेवन को अपने काम में पहली बार सफलता प्राप्त हुई 2002 में. इस काम को करने में उन्हें 10 वर्षो का लंबा इंतजार करना पड़ा था.

दिलाई मान्यता

इस काम को मान्यता दिलाने के लिए उन्हें कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था.

आइडिया

प्रोफेसर राजगोपालन ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया था की जब एक बार टीवी पर प्लास्टिक के कचरे के नुकसान बताये जा रहे थे, तो उन्होंने उसी क्षण से उस कचरे का सदुपयोग करने का निर्णय ले कर प्रयास शुरू कर दिया.

भारत को दी मुफ्त में टेक्नोलॉजी

राजगोपालन वासुदेवन ने अपनी यह अद्भुत प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाने की तकनीक को भारत सरकार को मुफ्त में देने का निर्णय भी किया.

मिले कई ऑफर्स

इससे पहले प्रोफेसर साहब को अपनी इस तकनीक के लिए कई सरे ऑफर्स भी दिए गए थे. राजगोपालन के के पेटेंट को खरीदने के लिए विदेशी कम्पनियो ने भी उन्हें अप्रोच किया था. लेकिन उन्होंने सिर्फ भारत सरकार को यह तकनीक देने का फैसला किया था.

जज्बे को सलाम

प्रोफेसर राजगोपालन वासुदेवन की इस अद्भुत पहल और उनके द्वारा किये गए इस कारनामे को देखते हुए वह आज के समय के India Ke Star बन गए है. हम सभी उनके जज्बे को सलाम करते है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.