Who is Mohan Yadav : कौन हैं डॉ. मोहन यादव? बने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री

Who is Doctor Mohan Yadav ?

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Who is Mohan Yadav? Mohan Yadav Biography in Hindi-

विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से सभी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा किए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आज विधायक दल की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें उज्जैन के विधायक डॉक्टर मोहन यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. बता दें मुख्यमंत्री बनने की रेस में शिवराजसिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल थे. ऐसे में अचानक से मोहन यादव के नाम की घोषणा किए जाने से सभी हैरान हैं. लेकिन अब मोहन यादव अगले 5 सालों के लिए मध्यप्रदेश का कार्यभार सम्भालने वाले हैं. यादव के नाम की घोषणा किए जाने के बाद से सभी उनके बैकग्राउंड और राजनीतिक करियर के बारे में जानने की इच्छा रख रहे हैं कि आखिर मोहन यादव कौन हैं ? उनकी पढ़ाई लिखाई कितनी है? और उनका राजनीति करियर कैसा रहा? तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में इन सभी सवालों के जवाब देते हैं –

कौन हैं मोहन यादव ? (Who Is Mohan Yadav?)

डॉक्टर मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था. उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव और माता का नाम लीलाबाई यादव है. मोहन की पत्नी का नाम सीमा यादव है. उनके 2 बेटे और 1 बेटी है. बात करें मोहन की एजुकेशन की तो उन्होंने बीएससी की पढाई की है. इसके साथ ही उन्होंने बैचलर ऑफ लॉ की भी पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स किया और साथ ही एमबीए भी किया. मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद मोहन ने फिलॉसफी में पीएचडी की है. उन्होंने अपनी पढ़ाई विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन से ही पूरी की है.

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कुछ ऐसा रहा राजनीतिक करियर –

बात करें राजनीतिक करियर की तो मोहन साल 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में अध्यक्ष बने. जिसके बाद साल 1984 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं साल 1986 में विभाग प्रमुख बने.  यही नहीं साल 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी बने. इसके बाद यादव साल 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री बने और साल 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री का कारभार सम्भाला. साल 1993-95 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यबाह और सायं भाग नगर कार्यवाह का दायित्व संभाला. इसके बाद वह साल 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह बने. साल 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बनने के बाद साल 1998 में वह पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बने. साल 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी और साल 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य बनने के बाद साल 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री बने. यादव इसके बाद साल 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने और फिर उन्होंने साल 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य बनने के बाद साल 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद का कार्यभार सम्भाला. साल 2008 से वह भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष और 2011-2013 में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने. साल 2013 में पहली बार मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए. इस जीत के बाद से यादव लगातार जीत ही हासिल कर हैं. इसके बाद यादव को साल 2020 में शिवराज सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया और उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री का पद दिया गया. जिसके बाद अब मोहन साल 2023 से अगले 5 सालों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार सम्भालेंगे.

कई बार हो चुके हैं सम्मानित –

साल 2013-2016 में मोहन यादव को भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक. उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही मोहन मध्यप्रदेश के पर्यटन के निरंतर विकास हेतु साल 2011-2012 और 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं.

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शिवराज सिंह चौहान के हैं करीबी –

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव शिवराज सिंह चौहान ने ही दिया था. जिसके बाद से सभी की राजी मर्जी से मोहन को प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया. वैसे यह खबर तो काफी समय पहले से आ रही थी कि इस बार पार्टी चौहान की जगह किसी दूसरे नेता को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार सौपेगी. साथ ही नतीजे आने से पहले ही चौहान का कहना था कि पार्टी उन्हें जो भी काम देगी उसे वह करने के लिए तैयार हैं.

मुख्यमंत्री पद मिलने पर माना आभार –

मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव ने सभी का आभार माना और कहा – ‘मैं पार्टी का एक छोटा कार्यकर्ता हूं. मैं आप सभी को, प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं. आपके प्यार और समर्थन से मैं अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की कोशिश करूंगा.’

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