खुद भूखा रहकर सैकड़ों का पेट भरता है ये शख्स, कहता है- भूख का कोई मजहब नही होता
किसी ने क्या खूब कहा है, “काम करो ऐसा की पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो की निशां बन जाए, यंहा जिंदगी तो सभी काट ही लेते हैं, जिंदगी जियो ऐसी की मिसाल बन जाए.”
इन दिनों रमजान का महीना चल रहा है. रूह को पाक करके अल्लाह के करीब जाने का मौका…