कर्म करो फल की चिंता मत करो, यह कथन मनुष्य के जीवन मे सटीक बैठता है. इंसान जब मेहनत करता है, तो एक न एक दिन उसकी मेहनत जरूर रंग लाती है. मेहनत से ही किस्मत को बदला जा सकता है.
किस्मत भी उन्हीं व्यक्तियों का साथ देती जो कड़ी मेहनत कर अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बता रहे है, जो कभी कचरा बीनता था, लेकिन अपनी मेहनत के चलते वह आज के समय मे करोड़ों का मालिक है.
घर से भागकर पहुंच गए दिल्ली :-
हम जिस व्यक्ति की बात कर रहे है, वह ओर कोई नहीं विक्की है, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया गांव में जन्मे विक्की एक समय बहुत ही गरीब हुआ करते थे.
बचपन में खुद पर हुये अत्याचार ने उन्हे घर से भागने पर मजबूर कर दिया, एक दिन अपने मामा के जेब से कुछ पैसे लेकर वह घर से भाग निकले और पहुच गए दिल्ली.
जहा उनकी मुलाक़ात कचरा बीनने बाले कई लड़को से हुई, जहा वह अपने पेट की भूख मिटाने के लिए कचरा बीनने लग गए. जिसके बाद वह खाली बोतलों में पानी भर कर रेलवे स्टेशन पर बेचने का काम शुरू किया.
होटल में धोये बर्तन :-
लेकिन जब उन्हे पैसों की समस्या अधिक होने लगी तो, वह एक होटल में बर्तन धोने का काम करने लगे. सर्दी के मोसम सुबह जल्दी उठना ओर बर्तन धोना उनके लिए बहुत कष्टदायी हो गया था, किन्तु मजबूरी ने उन्हे कभी कमजोर नहीं होने दिया.
एक इंसान बना मसीहा :-
जब विक्की होटल पर काम किया करते थे, तो एक व्यक्ति को विक्की पर दया आ गई, जिसने सलाम बालक ट्रस्ट नामक एक संस्था में उन्हे छठी कक्षा में एडमीशन करवा दिया. जब दसवीं कक्षा में उन्हे कम अंक आये तो वह बहुत उदास हो गए.
जब किस्मत ने दिया साथ :-
2004 में ट्रस्ट मे फोटोग्राफी वर्कशॉप का भव्य आयोजन हुआ, जिसमे ब्रिटिश फोटोग्राफर पिक्सी बेंजामिन भी आए हुए थे, लेकिन विक्की को अंग्रेजी न आने के कारण उन्हे मौका नहीं मिल सका.
विक्की ने फिर भी हार नहीं मानी, उस दोरान उनकी मुलाक़ात फोटोग्राफर एनी मान से हुई, जिन्होने मान ने उन्हे काम करने के साथ-साथ 3000 रूपया भी देना प्रारम्भ शुरू कर दिया.
ट्रस्ट ने उन्हे कैमरा दिलवाया और 2007 में पहली बार विक्की ने इंडिया हैबिट सेंटर में अपनी फोटोग्राफी की प्रदर्शनी लगाई, जहा उनकी किस्मत चमक गई.
जब लिखी पहली किताब :-
विक्की ने अपने दोस्त के साथ मिलकर 2011 में स्टॉक फोटोग्राफी लाइब्रेरी बनाई ताकि उन लोगो को किताबे मिल सके जो पैसो की कमी कारण किताब खरीद नही पाते है. मिशन कवर शॉट के लिए 2013 में विक्की का सिलेक्शन 8 अन्य फोटोग्राफरों के साथ हुआ.
जिसके लिए उन्हे श्रीलंका भी जाना पड़ा था,और अपनी पहली किताब होम स्ट्रीट होम भी उन्होने लिखी, जिसे नजर फौंडेशन ने पब्लिश किया.